
#पचंबा #शिक्षा_संवाद : तृतीय त्रैमासिक बैठक में शैक्षणिक प्रगति, सरकारी योजनाएं और अभिभावकों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई।
गिरिडीह के पचंबा स्थित पीएम श्री शारदा कन्या मध्य विद्यालय में तृतीय त्रैमासिक विशेष अभिभावक–शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान विद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों, सरकारी सुविधाओं और छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन की जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालय और अभिभावकों के बीच संवाद को मजबूत कर छात्राओं की नियमित उपस्थिति और गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित करना रहा।
- पीएम श्री शारदा कन्या मध्य विद्यालय, पचंबा में विशेष पीटीएम आयोजित।
- बीडीओ गणेश रजक ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
- छात्राओं की शैक्षणिक उपलब्धियों और सरकारी सुविधाओं की जानकारी दी गई।
- नियमित विद्यालय उपस्थिति पर विशेष जोर दिया गया।
- उत्कृष्ट छात्राओं, अभिभावकों, एसएमसी सदस्यों और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया।
पीएम श्री योजना के अंतर्गत चयनित शारदा कन्या मध्य विद्यालय, पचंबा में आयोजित यह तृतीय त्रैमासिक विशेष अभिभावक–शिक्षक बैठक विद्यालयी शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आई। बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति ने यह दर्शाया कि बालिकाओं की शिक्षा को लेकर समाज में जागरूकता लगातार बढ़ रही है।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने संपन्न किया। इसके बाद विद्यालय परिवार की ओर से अतिथियों और अभिभावकों का स्वागत किया गया।
शैक्षणिक उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी
बैठक के दौरान विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों ने अभिभावकों को छात्राओं की शैक्षणिक प्रगति, परीक्षा परिणाम, उपस्थिति की स्थिति और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही पीएम श्री योजना के तहत विद्यालय को मिल रही सुविधाओं, जैसे स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छ शौचालय और अन्य शैक्षणिक संसाधनों के बारे में भी अवगत कराया गया।
अभिभावकों को बताया गया कि इन सुविधाओं का उद्देश्य छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है।
बीडीओ ने नियमित विद्यालय आने पर दिया जोर
इस अवसर पर बीडीओ गणेश रजक ने अपने संबोधन में कहा:
गणेश रजक ने कहा: “बच्चों की शिक्षा तभी मजबूत होगी, जब वे नियमित रूप से विद्यालय आएंगे। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी बेटियों को प्रतिदिन स्कूल भेजें और उनकी पढ़ाई में रुचि लें।”
उन्होंने कहा कि सरकार बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी मिलेगा, जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों का मार्गदर्शन करें।
अभिभावकों की भूमिका पर चर्चा
बैठक में शिक्षकों ने अभिभावकों से संवाद करते हुए बताया कि केवल विद्यालय में पढ़ाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि घर का वातावरण भी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अभिभावकों से आग्रह किया गया कि वे बच्चों के गृहकार्य, नियमित अध्ययन और अनुशासन पर ध्यान दें।
अभिभावकों ने भी खुलकर अपने सुझाव और समस्याएं रखीं। कई अभिभावकों ने विद्यालय के शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों का सम्मान
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सम्मान समारोह रहा, जिसमें शैक्षणिक, अनुशासन और नियमित उपस्थिति के आधार पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विद्यालय के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों और शिक्षिकाओं को भी सम्मान देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
सम्मान पाने वाली छात्राओं के चेहरे पर आत्मविश्वास और खुशी साफ झलक रही थी, जिससे अन्य छात्राओं को भी बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा मिली।
बालिका शिक्षा को लेकर सकारात्मक माहौल
पूरे कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बना रहा। बड़ी संख्या में उपस्थित अभिभावकों ने विद्यालय प्रशासन के साथ संवाद कर यह महसूस किया कि उनकी भागीदारी से ही शिक्षा व्यवस्था मजबूत हो सकती है।
विद्यालय परिवार ने आशा जताई कि इस प्रकार की नियमित बैठकों से न केवल छात्राओं का शैक्षणिक स्तर सुधरेगा, बल्कि ड्रॉपआउट की समस्या पर भी प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
न्यूज़ देखो: शिक्षा में साझेदारी की मजबूत मिसाल
पचंबा के पीएम श्री शारदा कन्या मध्य विद्यालय में आयोजित यह विशेष बैठक यह साबित करती है कि जब प्रशासन, विद्यालय और अभिभावक एक मंच पर आते हैं, तो शिक्षा की गुणवत्ता स्वतः बेहतर होती है। यह पहल बालिका शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक उदाहरण है और अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है।
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शिक्षा से सशक्त हों बेटियां, सहभागिता से बदले भविष्य
बेटियों की नियमित शिक्षा समाज के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
अभिभावक, शिक्षक और प्रशासन मिलकर ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपके विद्यालय में भी ऐसे आयोजन हो रहे हैं, तो सक्रिय भागीदारी निभाएं।
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