
#गुमला #सड़क_सुरक्षा : सिसई क्षेत्र में कॉलेज–स्कूल के आसपास सघन जांच के दौरान हेलमेट, सीट बेल्ट और दस्तावेज़ों की जांच
- DTO ज्ञान शंकर जायसवाल की अगुवाई में सिसई में ताबड़तोड़ जांच।
- 95 चालान काटकर ₹1,25,000 वसूला गया।
- बिना हेलमेट–सीट बेल्ट सबसे अधिक मामले।
- स्कूल–कॉलेज छात्रों के वाहनों पर सख्त रोक।
- प्रशासन ने संस्थानों को उल्लंघन पर सूचना देने का निर्देश दिया।
गुमला जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की टीम लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है। इसी कड़ी में 08 दिसंबर 2025, सोमवार को जिला परिवहन पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल ने सिसई क्षेत्र में सघन जांच अभियान चलाया। यह कार्रवाई मुख्य रूप से बीएन जालान कॉलेज और आस-पास के स्कूलों के पास केंद्रित रही, जहां बड़ी संख्या में छात्र बिना हेलमेट या दस्तावेज़ों के वाहन चलाते पाए जाते हैं। जांच के दौरान कुल 95 चालान काटे गए और ₹1.25 लाख का जुर्माना वसूला गया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप जैसा माहौल देखने को मिला।
कैसे चला अभियान: छात्रों और अभिभावकों में भगदड़
DTO के पहुंचते ही कई वाहन चालक और अभिभावक अपनी गाड़ियां छोड़कर भागते देखे गए। कई लोग बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट और बिना वैध दस्तावेज़ वाहन चलाते पकड़े गए। ऐसी स्थिति में अधिकारियों ने मौके पर ही ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया अपनाई और नियम तोड़ने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया।
यह अभियान उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित और पुलिस अधीक्षक हारिश बिन जमा के संयुक्त निर्देश पर चलाया गया था, जिसे जिले में सड़क सुरक्षा को कड़ाई से लागू करने की महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
हेलमेट और सीट बेल्ट: उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले
जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं पहन रहे थे। चार पहिया वाहनों में भी सीट बेल्ट न लगाने का उल्लंघन बार-बार देखने को मिला। DTO जायसवाल ने मौके पर समझाते हुए कहा:
“हेलमेट पहन लेना ही बचने का एकमात्र रास्ता है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को रोकने के लिए नियमों का कठोर अनुपालन अनिवार्य है।
स्कूल–कॉलेज छात्रों पर विशेष निगरानी
अभियान के दौरान कॉलेज और स्कूल छात्रों की गाड़ियों पर विशेष रोक लगाई गई। जिला परिवहन विभाग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिया है कि—
- छात्र किसी भी परिस्थिति में गाड़ी लेकर संस्थान न आएं।
- यदि आते हैं, तो स्कूल–कॉलेज प्रशासन तुरंत नाम और वाहन संख्या की सूचना दे।
अधिकारियों ने कहा कि नाबालिगों और छात्रों में वाहन नियमों की अनदेखी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रही है।
किन-किन नियमों पर हुई कड़ी कार्रवाई
जांच के दौरान कई प्रमुख उल्लंघन सामने आए:
- बिना हेलमेट/सीट बेल्ट वाहन चलाना।
- अमान्य या अधूरे दस्तावेज़—DL, इंश्योरेंस, परमिट, PUC, रोड टैक्स आदि।
- ओवरलोडिंग—बस, ट्रक, हाइवा, टेंपो और पिकअप वाहनों में क्षमता से अधिक भार।
- अनाधिकृत हॉर्न—प्रेशर हॉर्न और मल्टी-टोन हॉर्न का प्रयोग।
इन नियमों के उल्लंघन पर मौके पर ही चालान किया गया। स्कूलों को चेतावनी दी गई कि बच्चों को ले जाने वाली सभी गाड़ियों के दस्तावेज़ पूर्ण हों, अन्यथा कार्रवाई सीधे प्रबंधन पर होगी।
जागरूकता के साथ कड़ाई: DTO की दोहरी पहल
अभियान के दौरान DTO जायसवाल ने चालकों को सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले गंभीर परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि छोटी सी लापरवाही किसी परिवार के लिए आजीवन संकट बन सकती है। साथ ही, उन्होंने चालकों से मोबाइल फोन का उपयोग न करने, गति सीमा का पालन करने और नशे में वाहन न चलाने की अपील की।
इस अभियान में सिसई थाना के सब-इंस्पेक्टर अजय कुमार, परिवहन विभाग के कर्मी और पुलिस बल की संयुक्त टीम मौजूद रही।
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा में कड़ाई और जागरूकता साथ-साथ
गुमला प्रशासन की यह कार्रवाई सड़क सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने का प्रयास है। नियमों का सख्त पालन और लगातार जागरूकता मिलकर दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोक सकते हैं। छात्रों से लेकर आम वाहन चालकों तक सभी के लिए अनुशासन अनिवार्य है।
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सुरक्षित सड़कें हमारी जिम्मेदारी—नियम पालन को आदत बनाएं
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