
#गढ़वा #आंगनबाड़ी_निरीक्षण : कांडी प्रखंड में औचक जांच के दौरान दो केंद्र बंद मिले, सेविकाओं से स्पष्टीकरण तलब।
गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड में गुरुवार को बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ राकेश सहाय ने विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दो केंद्र बंद पाए गए, जबकि एक केंद्र में संतोषजनक संचालन मिला। बंद केंद्रों को लेकर बीडीओ ने कड़ा रुख अपनाते हुए सेविका और सहायिका से स्पष्टीकरण मांगा। यह कार्रवाई बच्चों और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ राकेश सहाय ने किया औचक निरीक्षण।
- कांडी आंगनबाड़ी केंद्र 01 और सड़की आंगनबाड़ी केंद्र 01 बंद मिले।
- सड़की आंगनबाड़ी केंद्र 02 नियमित रूप से संचालित।
- बंद केंद्रों की सेविका और सहायिका से स्पष्टीकरण तलब।
- कार्यमुक्ति का प्रस्ताव भेजने की चेतावनी।
- आंगनबाड़ी संचालन में जीरो टॉलरेंस नीति लागू करने की बात।
गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की हकीकत जानने के लिए गुरुवार को बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ राकेश सहाय ने औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को मिलने वाली सरकारी सेवाओं की स्थिति को परखने के उद्देश्य से किया गया। निरीक्षण के दौरान कुछ केंद्रों की स्थिति चिंताजनक पाई गई, जिस पर प्रशासन ने तत्काल सख्त रुख अपनाया।
दो आंगनबाड़ी केंद्र मिले बंद
निरीक्षण के क्रम में कांडी आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 01 और सड़की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 01 बंद पाए गए। केंद्र बंद मिलने के कारण वहां नामांकित बच्चे अनुपस्थित थे और किसी प्रकार की गतिविधि संचालित नहीं हो रही थी। बीडीओ ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं पर नाराजगी जताई।
बीडीओ राकेश सहाय ने मौके पर ही स्पष्ट किया कि आंगनबाड़ी केंद्रों का बंद रहना बच्चों के पोषण, प्रारंभिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा प्रभाव डालता है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सड़की आंगनबाड़ी केंद्र 02 का संचालन संतोषजनक
वहीं निरीक्षण के दौरान सड़की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 02 नियमित रूप से संचालित पाया गया। केंद्र में बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक थी और गतिविधियां नियमानुसार चल रही थीं। बीडीओ ने इस केंद्र की व्यवस्था को देखकर संतोष व्यक्त किया और इसे अन्य केंद्रों के लिए उदाहरण बताया।
सेविका और सहायिकाओं को फटकार, स्पष्टीकरण तलब
बंद पाए गए केंद्रों को लेकर बीडीओ ने संबंधित सेविका और सहायिकाओं को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने निर्देश दिया कि दोनों केंद्रों की सेविका और सहायिकाओं से लिखित स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए। बीडीओ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर कार्य मुक्त करने का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाएगा।
बीडीओ राकेश सहाय ने कहा:
“आंगनबाड़ी केंद्रों में अनुशासन और नियमित संचालन अनिवार्य है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।”
दर्जनों केंद्रों की जांच, अधिकांश पाए गए सामान्य
निरीक्षण के दौरान बीडीओ द्वारा कांडी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की गई। राहत की बात यह रही कि अधिकांश केंद्र सामान्य ढंग से संचालित पाए गए, जहां बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार वितरण और अन्य गतिविधियां नियमानुसार चल रही थीं। हालांकि, दो केंद्रों की लापरवाही ने व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
आंगनबाड़ी व्यवस्था पर सख्ती का संकेत
प्रशासन की यह कार्रवाई यह स्पष्ट संकेत देती है कि अब आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा हैं, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास, कुपोषण से लड़ाई और महिलाओं के स्वास्थ्य से सीधे जुड़े हैं।
बच्चों और माताओं के हित में कार्रवाई जरूरी
कांडी प्रखंड में हुई यह औचक जांच उन परिवारों के लिए भी अहम है, जो पूरी तरह आंगनबाड़ी सेवाओं पर निर्भर हैं। यदि केंद्र बंद रहते हैं, तो बच्चों को पोषण आहार, टीकाकरण से जुड़ी जानकारी और प्रारंभिक शिक्षा से वंचित होना पड़ता है। ऐसे में प्रशासन की सख्ती को बच्चों और माताओं के हित में उठाया गया जरूरी कदम माना जा रहा है।

न्यूज़ देखो: जवाबदेही तय करने की दिशा में अहम कदम
कांडी प्रखंड में बीडीओ द्वारा किया गया औचक निरीक्षण यह दिखाता है कि अब आंगनबाड़ी व्यवस्था में जवाबदेही तय की जा रही है। बंद केंद्रों पर कार्रवाई से अन्य कर्मियों को भी स्पष्ट संदेश गया है। जरूरत है कि नियमित निगरानी और सामुदायिक भागीदारी से व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों का भविष्य, हमारी जिम्मेदारी
आंगनबाड़ी केंद्र केवल भवन नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य की नींव हैं।
नियमित संचालन से ही कुपोषण और शिक्षा की चुनौती से निपटा जा सकता है।
यदि आपके क्षेत्र में भी केंद्र बंद या अनियमित हैं, तो आवाज उठाएं।
अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और बच्चों के अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाएं।





