
#लातेहार #दुखदघटना : संत तेरेसा स्कूल की छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान — पुलिस जांच में जुटी
- महुआडांड़ प्रखंड के रेंगाई पंचायत के गिरजाटोली गांव में 15 वर्षीय छात्रा स्टेला एक्का ने की आत्महत्या।
- संत तेरेसा बालिका विद्यालय, महुआडांड़ की छात्रा थी, पढ़ती थी कक्षा 10वीं में।
- घर में दो सौ रुपए नहीं मिलने पर स्कूल नहीं गई थी, दोपहर बाद अकेले घर लौटी।
- शाम को फांसी पर लटकता मिला शव, मौके पर पहुंची महुआडांड़ थाना पुलिस।
- प्रेम प्रसंग की आशंका, पुलिस ने कहा — “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कारण स्पष्ट होगा।”
लातेहार (महुआडांड़), 12 नवंबर 2025।
महुआडांड़ थाना क्षेत्र के रेंगाई पंचायत अंतर्गत गिरजाटोली गांव में मंगलवार की शाम एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। 15 वर्षीय छात्रा स्टेला एक्का, पिता प्रताप एक्का, जो संत तेरेसा बालिका विद्यालय, महुआडांड़ की कक्षा 10वीं की छात्रा थी, ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है।
स्कूल न जाने के बाद हुई घटना
मिली जानकारी के अनुसार, सुबह स्टेला ने स्कूल जाने से पहले अपनी मां से दो सौ रुपये मांगे थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मां पैसा नहीं दे सकीं। इससे नाराज होकर स्टेला उस दिन स्कूल नहीं गई और परिवार के साथ खेत में धान काटने चली गई। दोपहर के बाद वह अकेली घर लौट आई, जबकि बाकी परिवार खेत में ही रह गया।
शाम को जब परिजन घर लौटे तो उन्होंने देखा कि स्टेला का शव फांसी से लटका हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए और इसकी सूचना महुआडांड़ थाना को दी।
पुलिस जांच में जुटी
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी मनोज कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम बुधवार को पूरा होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
थाना प्रभारी मनोज कुमार ने कहा: “घटना अत्यंत दुखद है। मामले की जांच की जा रही है, आत्महत्या के कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किया जा सकेगा।”
ग्रामीणों में चर्चाएं, प्रेम प्रसंग की भी आशंका
गांव में घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कई ग्रामीणों ने इसे संभावित प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा है, हालांकि पुलिस ने फिलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, मृतका पढ़ाई में तेज और मिलनसार स्वभाव की थी, जिससे यह घटना सभी के लिए चौंकाने वाली है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटना के बाद मृतका के घर में कोहराम मचा हुआ है। मां-बाप और परिजन लगातार रो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि स्टेला का परिवार बेहद गरीब है और हमेशा अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए संघर्ष करता रहा। यह हादसा पूरे गांव के लिए मानसिक रूप से झकझोर देने वाला साबित हुआ है।
न्यूज़ देखो: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी
महुआडांड़ की यह घटना बताती है कि समाज में युवाओं और किशोरों का मानसिक तनाव कितनी तेजी से बढ़ रहा है। पारिवारिक संवाद की कमी और सामाजिक दबाव कई बार उन्हें चरम कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं। अब वक्त आ गया है कि परिवार, स्कूल और समाज मिलकर मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें।
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जीवन अनमोल है, बात करें, समाधान खोजें
आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं। अगर जीवन में कठिनाई आए, तो परिवार, दोस्तों या किसी काउंसलर से बात करें। एक बातचीत कई ज़िंदगियाँ बचा सकती है। इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता बढ़े और कोई और स्टेला अपनी जान न गंवाए।





