
#देवघर #श्रावणीमेला : पवित्र श्रावणी मेले के दौरान बाबाधाम पहुंचे एक अज्ञात कांवरिया की शनिवार रात रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई — घटना राम झरोखा के पास बिजली के खंभे के समीप हुई, करंट से मौत की आशंका जताई जा रही है।
- शनिवार रात करीब 9:15 बजे राम झरोखा के पास कांवरिया गिरा और अचेत हो गया
- करीब 40 वर्षीय कांवरिया की अब तक पहचान नहीं हो सकी है
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बिजली खंभे से करंट लगने की आशंका जताई
- सदर अस्पताल में शव को सुरक्षित रखा गया, पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा
- श्रावणी मेला 2025 के दौरान पहली मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
राम झरोखा के पास कांवरिया गिरा, कुछ देर में हो गई मौत
शनिवार रात लगभग 9:15 बजे, पंडित बीएन झा पथ स्थित राम झरोखा के पास एक कांवरिया अचानक गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह सड़क किनारे लघुशंका के लिए रुका था, तभी वह अचानक जमीन पर गिर गया और कुछ देर तक अचेत पड़ा रहा। जब उसने कोई हरकत नहीं की, तब स्थानीय लोगों ने प्रशासन को सूचना दी।
बिजली के खंभे से करंट लगने की आशंका
घटनास्थल के ठीक पास एक बिजली का खंभा भी मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि कांवरिया को करंट लग सकता है, हालांकि अधिकारी स्तर पर इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही होगी। मृतक की उम्र लगभग 40 वर्ष आंकी जा रही है, लेकिन अब तक उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
स्थानीय दुकानदार सुनील मंडल ने बताया: “हमने देखा कि वह कांवरिया खंभे के पास गिरा था। कुछ देर हिलता-डुलता रहा, फिर शांत हो गया।”
प्रशासन ने शव को अस्पताल पहुंचाया, पहचान अभी बाकी
सूचना मिलते ही देवघर पुलिस और मेला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कांवरिया को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रखा गया है। पुलिस मृतक की पहचान करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन अभी तक किसी परिजन या साथी कांवरिया ने दावा नहीं किया है।
पहली मौत से व्यवस्था पर उठे सवाल
राजकीय श्रावणी मेला 2025 में यह पहली मौत की घटना है। हर वर्ष श्रावण महीने में लाखों कांवरिया बाबाधाम पहुंचते हैं, जिसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा, बिजली, स्वास्थ्य व आपात सेवाओं के लिए कोषांगों का गठन किया जाता है। लेकिन इस घटना ने सुरक्षा इंतजामों की सच्चाई को उजागर कर दिया है।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया: “बिजली खंभों की समय-समय पर जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसे हादसे टाले जा सकें।”
न्यूज़ देखो: श्रद्धालुओं की सुरक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं
देवघर जैसे पवित्र स्थल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। यह घटना प्रशासन को जमीनी तैयारी का ईमानदार मूल्यांकन करने का मौका देती है। बिजली, पानी और भीड़ नियंत्रण जैसे मोर्चों पर सुधार जरूरी है, ताकि श्रद्धालु बिना डर के आस्था व्यक्त कर सकें।
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सजग नागरिक जागरूकता से ही श्रद्धालुओं को मिलेगा संरक्षण
श्रावणी मेला में सुरक्षा, चिकित्सा और तकनीकी व्यवस्थाएं यदि सतर्कता से लागू हों, तो ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं। आप भी इस खबर को शेयर करें और प्रशासन को जवाबदेह बनने के लिए प्रेरित करें।