
#हरिहरगंज #पेयजलयोजना_विफलता – प्रखण्ड परिसर में करोड़ों खर्च कर बनी जल परियोजना बनी सफेद हाथी, जनता फिर से हैंडपंप पर मजबूर
- 11.47 करोड़ रुपये की लागत से बनी नल जल योजना पूरी तरह असफल साबित
- शहरभर में कनेक्शन तो लगे, लेकिन अब तक नहीं टपकी एक बूंद पानी
- तकनीकी खामियों, लीकेज और प्रबंधन की कमी ने बिगाड़ी पूरी व्यवस्था
- स्थानीय लोग नाराज, अब भी हैंडपंप और कुओं पर निर्भर
- प्रशासन ने किया था स्थायी समाधान का वादा, निकला खोखला दावा
करोड़ों की जल परियोजना, मगर शहर प्यासा
हरिहरगंज प्रखण्ड परिसर में स्वच्छता विभाग द्वारा चलाई गई 11.47 करोड़ रुपये की नल जल योजना अब पूरी तरह विफल हो चुकी है। इस योजना का उद्देश्य था कि हरिहरगंज नगरवासियों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति हो, जिससे उन्हें पानी की समस्या से राहत मिल सके। हालांकि, योजना के तहत नल कनेक्शन तो प्रत्येक वार्ड में लगा दिए गए, लेकिन आज तक एक भी घर में पानी नहीं पहुंच पाया।
जल टंकी बनी शोपीस, पाइपलाइन व्यवस्था ध्वस्त
योजना के तहत उच्च स्तरीय जल टंकी और पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया गया था, जिससे जल स्रोतों से पानी खींचकर घरों तक पहुंचाया जाना था। लेकिन प्रारंभिक चरण के बाद ही तकनीकी खामियां सामने आने लगीं — कहीं पाइपलाइन लीक हो रही है, कहीं टंकी में पानी पहुंच ही नहीं रहा है। रखरखाव की घोर कमी और निगरानी के अभाव में पूरा सिस्टम जर्जर हो चुका है।
प्रशासनिक वादों की हकीकत और जनता की नाराज़गी
जब योजना का शिलान्यास हुआ था, तब स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने जनता को यह कहकर आश्वस्त किया था कि यह योजना पेयजल संकट का स्थायी समाधान होगी। लेकिन आज शहर के हर मोहल्ले में लोग हैंडपंप, कुओं और अन्य पारंपरिक स्रोतों से ही पानी की जरूरतें पूरी करने को मजबूर हैं। जनता में भारी नाराज़गी है और लोग इसे सरकारी फंड की बर्बादी मान रहे हैं।
जिम्मेदारी तय करने की मांग, जांच की उठी आवाज़
स्थानीय सामाजिक संगठनों और वार्ड प्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस परियोजना में लगी राशि और कार्यशैली की जांच हो। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो सरकारी योजनाओं पर भरोसा करना और मुश्किल हो जाएगा। कई नागरिकों ने भी जनहित याचिका दायर करने की बात कही है।
न्यूज़ देखो : विकास की हकीकत से पर्दा हटाता आपका साथी
न्यूज़ देखो हमेशा सरकारी योजनाओं की सच्चाई, आम जनता की समस्याएं और जमीनी हकीकत को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है। जब प्रशासनिक लापरवाही और योजनाओं की असफलता जनता की उम्मीदों को चोट पहुंचाए, तब हम बिना किसी डर के सच्चाई सामने लाते हैं।
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