
#बानो #शिक्षकदिवस : बारिश के बीच भी उमंग और सम्मान से गूंजा विद्यालय परिसर
- संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल बानो में शिक्षक दिवस उत्साह से मनाया गया।
- कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुआ।
- छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषण प्रस्तुत किए।
- शिक्षक विजय सोरेंग ने गुरु के महत्व और डॉ. राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला।
- कार्यक्रम में प्रिंसिपल फ्रांसिस टेटे और अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड स्थित संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल में इस वर्ष भी शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर किया गया। मूसलाधार बारिश के बावजूद विद्यालय का माहौल उत्साह और श्रद्धा से भरा हुआ था।
गुरु के महत्व पर विशेष संबोधन
शिक्षक विजय सोरेंग ने अपने संबोधन में कहा कि हम हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाकर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हैं। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर रहे और आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति बने। उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने आगे कहा,
“गुरु का योगदान जीवन में अनमोल होता है। बंद दरवाजे होने पर नया दरवाजा दिखाने वाले और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरु ही होते हैं।”
छात्रों की प्रस्तुति और सांस्कृतिक रंग
इस मौके पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषण प्रस्तुत किए। मंच संचालन शोभा लुगुन और मनीष कुमार ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के शिक्षक परशुराम ने किया।
उपस्थित लोग और विद्यालय परिवार
इस अवसर पर विद्यालय के प्रिंसिपल फ्रांसिस टेटे, शिक्षिका सुनीता, सुचिता, सलोमी, उर्मिला, शिक्षक जेम्स, पौलुस, और अन्य विद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने इस दिन को गुरुजनों के सम्मान का पर्व बताते हुए इसे यादगार बनाने की बात कही।
न्यूज़ देखो: शिक्षक दिवस से मिला प्रेरणा का संदेश
संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल बानो का यह आयोजन इस बात को उजागर करता है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण और मार्गदर्शन का आधार है। शिक्षक ही बच्चों को दिशा देने वाले सच्चे पथप्रदर्शक हैं।
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गुरु को प्रणाम, शिक्षा को सम्मान
शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि गुरु का आदर और सम्मान ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। आइए हम सभी अपने गुरुओं को याद कर उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि शिक्षा के महत्व का संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।