
#गुमला #सड़क_सुरक्षा : ओवरलोडिंग पर एफआईआर, एक दिन में डेढ़ लाख से अधिक का जुर्माना और रात में भी कार्रवाई जारी रही।
- डीटीओ ज्ञान शंकर जायसवाल और थाना प्रभारी महेंद्र करमाली के नेतृत्व में सघन जाँच अभियान।
- पटेल चौक से सिसई रोड तक पैदल मार्च कर यातायात व्यवस्था का निरीक्षण।
- ओवरलोडिंग पर 2 वाहनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
- दिनभर में ₹1.50 लाख से अधिक और रात में ₹27 हजार का जुर्माना।
- अभियान के दौरान माननीय विधायक की मौजूदगी, प्रशासनिक सख्ती की सराहना।
- बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग और ऑटो नियम उल्लंघन पर चालान।
गुमला जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 को अब तक की सबसे सख्त यातायात कार्रवाई को अंजाम दिया। इस अभियान ने न केवल नियम तोड़ने वालों में हड़कंप मचाया, बल्कि आम लोगों को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि अब सड़क सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल और गुमला थाना प्रभारी महेंद्र करमाली के संयुक्त नेतृत्व में यह कार्रवाई पूरे दिन चली।
पैदल मार्च से दिया सख्ती का संदेश
सुबह की शुरुआत ही प्रशासन ने एक मजबूत प्रतीकात्मक कदम से की। डीटीओ और थाना प्रभारी ने पटेल चौक से सिसई रोड तक पैदल मार्च किया और स्वयं सड़क पर उतरकर यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान नियमों का उल्लंघन कर रहे वाहनों की मौके पर जाँच की गई और कई चालान काटे गए।
अधिकारियों का कहना था कि पैदल मार्च का उद्देश्य केवल जुर्माना लगाना नहीं, बल्कि लोगों को यह एहसास कराना है कि सड़क पर अनुशासन ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
माननीय विधायक की मौजूदगी से बढ़ा अभियान का महत्व
इस सघन जाँच अभियान के दौरान माननीय विधायक की मौजूदगी ने कार्रवाई को और भी प्रभावशाली बना दिया। विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर रहकर अभियान का निरीक्षण किया और सख्त कदम उठाने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।
माननीय विधायक ने कहा: “गुमला जिले में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रशासन की यह सख्ती बेहद जरूरी और सराहनीय है। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे अपनी और दूसरों की जान की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करें।”
विधायक की इस अपील ने आम लोगों के बीच प्रशासनिक कार्रवाई के प्रति सकारात्मक संदेश दिया।
ओवरलोडिंग पर जीरो टॉलरेंस, दर्ज हुई एफआईआर
प्रशासन ने इस अभियान में यह स्पष्ट कर दिया कि ओवरलोडिंग पर अब जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जा रही है। बीते दिन पकड़े गए नियम उल्लंघन के मामलों पर शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की गई।
जानकारी के अनुसार, स्कूल के बच्चों और यात्रियों को ओवरलोड कर ले जा रहे एक टेंपो और एक टुकटुक ई-रिक्शा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीटीओ ने बताया कि अब केवल जुर्माना ही नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
डीटीओ ज्ञान शंकर जायसवाल ने कहा: “ओवरलोडिंग सीधे तौर पर जान से खिलवाड़ है। ऐसे मामलों में वाहन जब्त किए जा रहे हैं और अब एफआईआर भी दर्ज की जा रही है।”
दिनभर में डेढ़ लाख से अधिक का जुर्माना
पूरे दिन चले इस अभियान में प्रशासन ने यातायात नियमों के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखी। अलग-अलग स्थानों पर की गई जाँच के दौरान—
- बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चला रहे स्कूल छात्रों पर चालान।
- ट्रिपल राइडिंग करने वालों पर कार्रवाई।
- ऑटो रिक्शा में सामने की सीट पर सवारी बैठाने के नियम उल्लंघन पर जुर्माना।
इन सभी कार्रवाइयों के तहत दिनभर में कुल ₹1,50,000 से अधिक का जुर्माना वसूला गया। अधिकारियों ने कहा कि यह राशि नियम तोड़ने वालों के लिए चेतावनी है।
रात में भी जारी रही सख्ती
दिनभर की कार्रवाई के बाद भी प्रशासन ने राहत नहीं दी। रात के समय भी सघन जाँच अभियान चलाया गया, जिसमें खास तौर पर यात्री बसों पर नजर रखी गई।
- रात के दौरान नियमों का उल्लंघन कर रही यात्री बसों पर ₹27,000 का जुर्माना लगाया गया।
- बसों में लगी अतिरिक्त लाइटों को लेकर सख्त चेतावनी दी गई।
डीटीओ ने चेतावनी दी: “बस चालक स्वयं अतिरिक्त लाइट हटा लें। यदि प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी तो जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।”
दिसंबर को बताया दुर्घटना का संवेदनशील माह
डीटीओ ज्ञान शंकर जायसवाल ने वाहन चालकों और आम नागरिकों से विशेष अपील करते हुए कहा कि दिसंबर माह सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
उन्होंने कहा: “यदि सुरक्षित रहना है तो नियमों को ताक पर न रखें। नियम आपको परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि आपकी जान बचाने के लिए बने हैं।”
उन्होंने कहा कि हेलमेट, सीट बेल्ट, ओवरलोडिंग से परहेज और वाहन की तकनीकी स्थिति की जांच बेहद जरूरी है।
लगातार जारी रहेगा अभियान
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यह कार्रवाई किसी एक दिन की नहीं है। गुमला जिले में सुरक्षित, अनुशासित और जिम्मेदार यातायात व्यवस्था स्थापित करने के लिए इस तरह के सघन जाँच अभियान आगे भी लगातार जारी रहेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि नियमों का पालन करने वालों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन नियम तोड़ने वालों के लिए आने वाला समय और भी सख्त होगा।

न्यूज़ देखो: सख्ती से ही आएगी सड़क पर सुरक्षा
गुमला में हुआ यह पैदल मार्च और सघन जाँच अभियान बताता है कि प्रशासन अब सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। जुर्माने और एफआईआर के जरिए यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि नियम तोड़ना अब महंगा पड़ेगा। यह सख्ती अगर निरंतर बनी रही, तो दुर्घटनाओं में कमी आना तय है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नियम मानेंगे तो सुरक्षित रहेंगे
सड़क पर अनुशासन केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। हेलमेट पहनना, ओवरलोडिंग से बचना और नियमों का पालन करना ही सुरक्षित भविष्य की कुंजी है।
अब समय है कि हम सब मिलकर सड़क सुरक्षा को आदत बनाएं। अपनी राय साझा करें, इस खबर को आगे बढ़ाएं और दूसरों को भी नियमों के प्रति जागरूक करें।





