
#सिमडेगा #सड़क_हादसा : बोलबा प्रखंड में पुल से नीचे गिरने से 29 वर्षीय युवक की मौके पर मौत हुई।
सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 29 वर्षीय युवक की जान चली गई। पीडियापोंछ बंडानाला पुल के समीप बाइक अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गिर गई, जिससे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान प्रवीन केरकेट्टा के रूप में हुई है। यह घटना क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और पुलों की संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
- बोलबा प्रखंड के पीडियापोंछ बंडानाला पुल के पास हादसा।
- मृतक की पहचान प्रवीन केरकेट्टा (29 वर्ष) के रूप में।
- बाइक अनियंत्रित होकर पुल के नीचे जा गिरी।
- गंभीर चोट लगने से मौके पर ही मौत।
- बोलबा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सिमडेगा जिले में एक बार फिर सड़क हादसे ने एक युवा की जिंदगी छीन ली। बोलबा प्रखंड अंतर्गत पीडियापोंछ बंडानाला पुल के समीप हुए इस हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। मृतक प्रवीन केरकेट्टा, जो मात्र 29 वर्ष का था, बाइक से कहीं जा रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई और वह सीधे पुल के नीचे जा गिरा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुल की ऊंचाई काफी अधिक है। बाइक के साथ नीचे गिरने के कारण युवक को गंभीर चोटें आईं और उसने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद कुछ देर तक किसी को घटना की जानकारी नहीं हो पाई, लेकिन जब स्थानीय ग्रामीणों की नजर पुल के नीचे पड़ी बाइक और शव पर गई तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
कैसे हुआ हादसा
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवीन केरकेट्टा सामान्य गति से बाइक चला रहा था। अचानक संतुलन बिगड़ने के कारण बाइक पुल के किनारे से नीचे गिर गई। पुल पर सुरक्षा रेलिंग की स्थिति और सड़क की बनावट को लेकर भी ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होते तो शायद यह हादसा टल सकता था।
ग्रामीणों का मानना है कि बंडानाला पुल के आसपास पहले भी कई बार छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं, लेकिन इस बार मामला जानलेवा साबित हुआ। संकरी सड़क, तेज मोड़ और पर्याप्त संकेतक न होने के कारण यहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही बोलबा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है ताकि मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सके।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक दुर्घटना का मामला प्रतीत होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रवीन केरकेट्टा की मौत की खबर जैसे ही उसके गांव और परिवार तक पहुंची, कोहराम मच गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि प्रवीन अपने परिवार का सहारा था और उसकी असमय मौत से परिवार पर गहरा आघात पहुंचा है।
स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे हादसों में मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। कई जगहों पर पुलों पर न तो पर्याप्त रेलिंग है और न ही चेतावनी संकेत। रात के समय या कोहरे के दौरान ऐसे स्थान और भी खतरनाक हो जाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केवल नियम बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनका सख्ती से पालन और बुनियादी ढांचे में सुधार भी जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में पुलों और सड़कों की नियमित जांच, स्पीड ब्रेकर, संकेतक और मजबूत रेलिंग जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य की जानी चाहिए।
न्यूज़ देखो: एक हादसा, कई सवाल
बोलबा प्रखंड में हुआ यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए चेतावनी है। सड़क सुरक्षा को लेकर लापरवाही की कीमत अक्सर निर्दोष लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस घटना से सबक लेकर पुल और सड़क सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सावधानी ही सुरक्षा है
हर सड़क हादसा हमें यह याद दिलाता है कि जीवन कितना अनमोल है। सुरक्षित गति, हेलमेट का प्रयोग और सड़क नियमों का पालन बेहद जरूरी है। साथ ही प्रशासन की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह खतरनाक स्थानों को चिन्हित कर वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे। इस खबर पर अपनी राय जरूर साझा करें, इसे आगे फैलाएं और सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने में योगदान दें।





