
#लातेहार #सड़क_सुरक्षा : चंदवा प्रखंड के चोरझरिया पुल पर जर्जर सड़क से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ी।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में रांची–चतरा राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित चोरझरिया पुल की बदहाल स्थिति से आम लोगों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। पुल और उससे जुड़ी सड़क पर गहरे गड्ढे और उखड़ी सतह लगातार दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं। यह मार्ग प्रतिदिन हजारों वाहनों की आवाजाही का प्रमुख रास्ता है, बावजूद इसके मरम्मत कार्य नहीं होने से प्रशासनिक लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
- चोरझरिया पुल, एनएच-22 पर स्थित, गंभीर रूप से जर्जर।
- रांची–चतरा को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग, भारी वाहनों की आवाजाही।
- सड़क पर गहरे गड्ढे, टूटे ब्रेकर और उखड़ी सतह।
- बारिश में हालात और खतरनाक, हादसों की आशंका बढ़ी।
- एनएचआई और प्रशासन पर अनदेखी के आरोप।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत रांची–चतरा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-22) पर स्थित चोरझरिया पुल इन दिनों स्थानीय लोगों के लिए भय का कारण बन चुका है। पुल की जर्जर स्थिति और सड़क की बदहाली ने इस महत्वपूर्ण मार्ग को जोखिम भरा बना दिया है। प्रतिदिन हजारों छोटे-बड़े वाहन, यात्री बसें और भारी ट्रक इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन मरम्मत के अभाव में यह रास्ता अब जानलेवा साबित हो सकता है।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, पुल की सतह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं, कई स्थानों पर ब्रेकर टूट चुके हैं और सड़क का संतुलन बिगड़ गया है। विशेषकर बारिश के दिनों में हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं, जब पानी भर जाने से गड्ढों का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।
पुल और सड़क की वर्तमान स्थिति
चोरझरिया पुल की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि दोपहिया वाहन चालकों और छोटे चारपहिया वाहनों को हर बार जोखिम उठाकर गुजरना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन बाइक सवार फिसल जाते हैं या अचानक वाहन अनियंत्रित हो जाता है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कई बार रात के समय तेज गति से आने वाले वाहन अचानक गड्ढों में फंस जाते हैं, जिससे गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। हालांकि अब तक किसी बड़े हादसे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हालात किसी भी समय भयावह मोड़ ले सकते हैं।
भारी वाहनों की आवाजाही से बढ़ा खतरा
यह मार्ग केवल चंदवा या लातेहार के लिए ही नहीं, बल्कि रांची और चतरा को जोड़ने वाला एक प्रमुख संपर्क पथ है। दिन-रात कोयला लदे ट्रक, मालवाहक वाहन और यात्री बसें इस पुल से होकर गुजरती हैं।
एक ट्रक चालक ने चिंता जताते हुए कहा:
ट्रक चालक ने कहा: “हर दिन जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजरना पड़ता है। अगर बड़ा हादसा हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा?”
भारी वाहनों के लगातार दबाव से पुल और सड़क की स्थिति और तेजी से खराब हो रही है।
प्रशासन और एनएचआई पर लापरवाही के आरोप
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस समस्या को लेकर कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
लोगों का कहना है कि केवल अस्थायी पैचवर्क या निरीक्षण की बात होती है, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं दिख रही। इससे आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों की मांग
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि चोरझरिया पुल की तत्काल मरम्मत कराई जाए और सड़क का स्थायी पुनर्निर्माण किया जाए। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
उनका तर्क है कि सड़क सुरक्षा केवल सुविधा का मुद्दा नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोगों की जान से जुड़ा हुआ सवाल है।
हर गुजरता दिन बढ़ा रहा खतरा
फिलहाल चोरझरिया पुल प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बन चुका है। हर गुजरता वाहन और हर बीतता दिन किसी बड़े हादसे की आशंका को और गहरा कर रहा है। स्थानीय लोगों को अब इंतजार है कि जिम्मेदार विभाग कब इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देगा।
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा बनाम प्रशासनिक उदासीनता
चोरझरिया पुल की स्थिति यह सवाल खड़ा करती है कि क्या हादसे के बाद ही प्रशासन जागेगा। एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऐसी बदहाली गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करती है। समय रहते मरम्मत और निगरानी जरूरी है, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके। अब निगाहें प्रशासन और एनएचआई की कार्रवाई पर टिकी हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कें ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी
सड़कें विकास की रीढ़ होती हैं, लेकिन जब वही जानलेवा बन जाएं तो सवाल उठना स्वाभाविक है। आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
यदि आप भी इस मार्ग से गुजरते हैं या ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो अपनी बात साझा करें। खबर को आगे बढ़ाएं, ताकि जिम्मेदार विभाग तक जनता की आवाज़ पहुंचे और समय रहते समाधान हो सके।





