
#लातेहार #छठ_महापर्व : नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ पर्व, श्रद्धालुओं ने नदी-तालाब में स्नान कर ग्रहण किया सात्विक भोजन
- लातेहार जिले में छठ महापर्व के प्रथम दिन ‘नहाय-खाय’ के अवसर पर श्रद्धालुओं ने प्रातःकाल नदी, तालाब और कुओं में स्नान किया।
- व्रतियों ने लौकी-भात और चने की दाल का प्रसाद ग्रहण किया और आगामी उपवास की तैयारी आरंभ की।
- जिले के बाजारों और पूजा सामग्री की दुकानों में छठ पर्व की रौनक देखने को मिली।
- जिला प्रशासन ने सफाई, प्रकाश और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।
- आगामी चार दिनों में खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य अर्पित किए जाएंगे।
आज लातेहार जिले में सूर्य उपासना के महापर्व छठ की विधिवत शुरुआत हुई। पर्व के पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के अवसर पर श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण किया। घरों और घाटों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे वातावरण में भक्ति और उल्लास का अनोखा मिश्रण देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने लौकी-भात और चने की दाल का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया और आगामी दिनों के लिए उपवास की तैयारी शुरू की।
बाजारों में छठ पर्व की रौनक
जिले के बाजारों में छठ पर्व की रौनक देखने को मिली। पूजा सामग्री की दुकानों पर सूप-दउरा, टोकरी, नारियल, नया गुड़, अरवा चावल, केले और मौसमी फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। मिठाई दुकानों और फल बाजारों में पूरे दिन चहल-पहल रही। लोग अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ सामग्री खरीदते और आपसी संवाद में आस्था और उत्साह साझा करते नजर आए।
प्रशासन ने किया व्यवस्था का पूरा इंतजाम
जिला प्रशासन ने छठ घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। जिला प्रशासन ने सभी प्रखंडों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। घाटों पर पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक सुरक्षा के लिए तैनात हैं, ताकि पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
चार दिवसीय महापर्व का कार्यक्रम
- 26 अक्टूबर: खरना का अनुष्ठान, जिसमें व्रती गुड़ की खीर और रोटी खाकर निर्जला उपवास की शुरुआत करेंगे।
- 27 अक्टूबर: संध्या अर्घ्य, डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
- 28 अक्टूबर: उषा अर्घ्य के साथ व्रत का पारण और अंतिम अर्घ्य।
पूरा जिला छठ महापर्व में भक्तिभाव, अनुशासन और सामूहिक आस्था का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। घाटों पर व्रतियों के साथ आम लोगों की भी भारी भागीदारी देखने को मिली, जिससे पर्व का माहौल और भी भव्य बन गया है।
न्यूज़ देखो: लातेहार में छठ पर्व में आस्था और अनुशासन का अद्भुत संगम
यह घटना दर्शाती है कि कैसे लोक आस्था और सामूहिक अनुशासन मिलकर पर्व को सफल और भव्य बनाते हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों के समन्वय से श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा मिल रही है, जो समाज में विश्वास और आस्था को मजबूत करता है।
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सकारात्मक संदेश और सामाजिक सहभागिता
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