
#बानो #sसामाजिक_सहयोग : जराकेल में भटकी हुई 12 वर्षीय बच्ची को मुखिया और बानो प्रमुख की त्वरित पहल से सुरक्षित अभिभावकों तक पहुंचाया गया
- लगभग 12 वर्ष की बच्ची जुलियानी नाग पश्चिमी सिंहभूम से भटककर बानो प्रखंड के जराकेल पहुंची।
- स्थानीय निवासी संगीता देवी ने मुखिया मिन्सी लीना तिर्की को जानकारी दी।
- मुखिया ने बानो प्रमुख सुधीर डांग और बानो थाना प्रभारी मानव मयंक को सूचित किया।
- बच्ची को मुखिया ने अपने शरण में रखा और अभिभावकों से संपर्क कर जानकारी दी।
- बच्ची अपने क्षेत्रीय भाषा हो मुंडा में बात करती थी, अन्य भाषा में संवाद नहीं कर पा रही थी।
- मौके पर एसआई अशोक कुमार और पेशा मोबाइलाइजर विकास मघईया मौजूद थे।
बानो प्रखंड के जराकेल में जुलियानी नाग नामक लगभग 12 वर्ष की बच्ची भटकती हुई मिली। स्थानीय निवासी संगीता देवी ने मुखिया मिन्सी लीना तिर्की को तुरंत सूचना दी। मुखिया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बानो प्रमुख सुधीर डांग और बानो थाना प्रभारी मानव मयंक को सूचित किया। बच्ची को बानो थाना लाकर सुरक्षित रखा गया।
मुखिया और प्रमुख की सक्रियता
मुखिया और प्रमुख की तत्परता के कारण बच्ची के अभिभावकों से संपर्क स्थापित किया जा सका। बच्ची ने अपना नाम जुलियानी नाग और पिता का नाम सनिका नाग, ग्राम हातुमुंडी बताया। बानो प्रमुख सुधीर डांग ने बच्ची को अपने शरण में रखते हुए अभिभावकों के आने तक सुरक्षा सुनिश्चित की।
बानो प्रमुख सुधीर डांग ने कहा: “हमारा कर्तव्य है कि किसी भी भटकी हुई बच्ची को सुरक्षित उनके परिवार तक पहुंचाएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।”
बच्ची की सुरक्षा और परिवार तक पहुंच
बच्ची अपनी क्षेत्रीय भाषा हो मुंडा में ही संवाद कर पा रही थी। प्रमुख और पुलिस की सक्रियता के कारण जुलियानी नाग का संपर्क उसके माता-पिता से सफलतापूर्वक स्थापित हुआ। जल्द ही अभिभावक बच्ची को लेने बानो पहुंचे। इस प्रक्रिया में एसआई अशोक कुमार और पेशा मोबाइलाइजर विकास मघईया ने सहयोग किया।

न्यूज़ देखो: जनप्रतिनिधियों की सजगता ने बचाई भटकी बच्ची की जान
इस घटना से स्पष्ट होता है कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सजगता समाज में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कितनी महत्वपूर्ण है। लोगों की तत्परता और जिम्मेदारी ने बच्ची को सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाया।
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सजग बनें, बच्चों की सुरक्षा में सहयोग दें
समाज के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। किसी भी भटकी हुई बच्ची या बच्चे को देखकर तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को सूचना दें। अपनी जिम्मेदारी निभाएं, जागरूकता फैलाएं और समुदाय में सुरक्षा और भरोसा बढ़ाएं। अपनी राय साझा करें, इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और सामाजिक जागरूकता बढ़ाएं।