Palamau

“अधूरी परिभाषाएँ” पुस्तक का भव्य विमोचन आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल रेहला में सम्पन्न

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#रेहला #पुस्तक_विमोचन : युवा कवि अवनीश कुमार तिवारी की “अधूरी परिभाषाएँ” का साहित्य और विद्यानुशासन के संगम के रूप में गरिमामय लोकार्पण हुआ।
  • अद्वितीय पुस्तक “अधूरी परिभाषाएँ” का विमोचन आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल रेहला में किया गया।
  • पुस्तक लेखक अवनीश कुमार तिवारी की मानवीय संवेदनाओं और जीवन अनुभवों की अभिव्यक्ति है।
  • प्राचार्य श्री नुरुल हक़, उप-प्राचार्य श्री जेसी साजी मैथ्यू और श्री विश्वजीत चौधरी ने संयुक्त रूप से पुस्तक का लोकार्पण किया।
  • समारोह में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक आशनारायण मिश्रा, राजकुमार सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, अभिषेक मिश्रा, संजय कुमार, अरविंद सोनी सहित गणमान्य व्यक्ति और साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।
  • कार्यक्रम में लेखक की साहित्यिक प्रतिभा की प्रशंसा की गई और उनके भविष्य के सृजन के लिए शुभकामनाएँ दी गईं।

रेहला, पलामू में बुधवार को ‘आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल’ में युवा कवि एवं शिक्षक अवनीश कुमार तिवारी की नई काव्य पुस्तक “अधूरी परिभाषाएँ” का भव्य विमोचन संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यानुशासन और साहित्य का अनूठा संगम देखने को मिला। प्राचार्य श्री नुरुल हक़, उप-प्राचार्य श्री जेसी साजी मैथ्यू और श्री विश्वजीत चौधरी ने संयुक्त रूप से पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण किया। इस पुस्तक में जीवन की अधूरी, पीड़ा, प्रेम और समय की परिभाषाएँ एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत की गई हैं, जो पाठकों को संवेदनाओं की गहराई में ले जाती हैं।

पुस्तक और लेखक का परिचय

लेखक अवनीश कुमार तिवारी ने बताया कि यह पुस्तक केवल एक काव्य संग्रह नहीं है, बल्कि जीवन के उन मौन प्रश्नों की अभिव्यक्ति है, जिनका उत्तर शब्दों की सीमाओं से परे है। प्रत्येक कविता एक अधूरी परिभाषा की तरह जीवन, प्रेम, पीड़ा और समय की गूंज को दर्शाती है। सरल शब्दों में गहरी संवेदनाएँ और मामूली घटनाओं में दार्शनिक संकेत इस पुस्तक की पहचान हैं।

अवनीश कुमार तिवारी ने कहा: “यह संग्रह उन क्षणों का प्रकटीकरण है जो अधूरे होते हुए भी संपूर्णता का बोध कराते हैं। हर कविता एक अधूरी परिभाषा है—जीवन की, प्रेम की, पीड़ा की और स्वयं मनुष्य की।”

समारोह और अतिथिगण

विमोचन समारोह में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक आशनारायण मिश्रा, राजकुमार सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, अभिषेक मिश्रा, संजय कुमार, अरविंद सोनी सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ उपस्थित थे। इसके साथ ही कई साहित्यप्रेमी और गणमान्य व्यक्ति समारोह में मौजूद रहे।

प्राचार्य श्री नुरुल हक़ ने कहा: “अवनीश कुमार तिवारी का यह सृजन हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा और साहित्य के प्रति लगाव का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

समारोह में वक्ताओं ने लेखक की साहित्यिक प्रतिभा की प्रशंसा की और उनके आगामी काव्य सृजन के लिए शुभकामनाएँ दीं। उपस्थित सभी अतिथियों ने पुस्तक के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई दी और लेखक के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम की गरिमा और महत्व

कार्यक्रम ने न केवल साहित्यिक सौंदर्य को प्रस्तुत किया, बल्कि विद्यानुशासन और युवा सृजन की शक्ति को भी प्रदर्शित किया। इस आयोजन ने साबित किया कि शिक्षा संस्थानों में साहित्यिक गतिविधियों का समावेश छात्रों और समुदाय दोनों के लिए प्रेरक हो सकता है।

न्यूज़ देखो: युवा साहित्य की नई उड़ान

“अधूरी परिभाषाएँ” का विमोचन दर्शाता है कि युवा लेखक भी गंभीर विषयों को संवेदनशील और दार्शनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय साहित्यिक परिदृश्य सशक्त होता है और विद्यार्थियों में साहित्यिक रुचि का विकास होता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

साहित्य और शिक्षा की प्रेरणा में सक्रिय बनें

यह विमोचन हमें याद दिलाता है कि युवा सृजन और साहित्य समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाते हैं। पाठक और विद्यार्थी दोनों अपने विचार साझा कर सकते हैं और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेकर इस प्रेरणा को आगे बढ़ा सकते हैं।
आप भी इस संदेश को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और स्थानीय साहित्यिक गतिविधियों का समर्थन करें।

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