
#गुमला #उग्रवाद_नियंत्रण : झांगुर गिरोह के सुप्रीमो रामदेव उरांव सहित कई सक्रिय सदस्य जल्द पुलिस के सामने समर्पण कर सकते हैं—क्षेत्र में शांति की उम्मीद
- 23 वर्षों से सक्रिय कुख्यात झांगुर गिरोह के आत्मसमर्पण की संभावना।
- गिरोह के सुप्रीमो रामदेव उरांव सहित दो उग्रवादी पुलिस संपर्क में।
- गिरोह के कुल 13 सदस्य सक्रिय, जिन पर दर्ज हैं कई गंभीर मामले।
- रामदेव उरांव के खिलाफ 27 आपराधिक मामले, मुठभेड़ के बाद से फरार।
- आत्मसमर्पण के बाद प्रक्रिया रांची जोनल आईजी के समक्ष होगी।
- आत्मसमर्पण से गुमला और आसपास के इलाकों में शांति और सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद।
पिछले 23 वर्षों से गुमला, घाघरा और आसपास के इलाकों में दहशत का पर्याय बने झांगुर गिरोह के कमजोर पड़ने और जल्द आत्मसमर्पण की खबरों ने पूरे इलाके में राहत की उम्मीद जगा दी है। वर्ष 2002 से सक्रिय यह गिरोह नरसंहार, अपहरण, रंगदारी, गोलीबारी और आगजनी जैसे कई जघन्य अपराधों में संलिप्त रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह के सुप्रीमो रामदेव उरांव समेत कई सक्रिय सदस्य इस समय हथियारों के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के सीधे संपर्क में हैं और जल्द ही औपचारिक आत्मसमर्पण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
गिरोह के दो प्रमुख सदस्य संपर्क में, जल्द होगा औपचारिक आत्मसमर्पण
झारखंड पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, गिरोह के मुखिया रामदेव उरांव, और उसके साथ दो अन्य उग्रवादी पुलिस वार्ता में शामिल हैं। उम्मीद है कि गिरोह के बाकी सदस्य भी अगले कुछ दिनों में संपर्क कर लेंगे। सभी का सामूहिक आत्मसमर्पण रांची जोनल आईजी के समक्ष कराया जाएगा। वर्तमान में झांगुर गिरोह में कुल 13 सदस्य सक्रिय बताए जा रहे हैं, जो वर्षों से उग्र गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
रामदेव उरांव के खिलाफ 27 मामले, जनवरी में मुठभेड़ के बाद से फरार
गिरोह का सुप्रीमो रामदेव उरांव 27 से अधिक मामलों में वांछित है। 20 जनवरी 2025 को घाघरा के देवरागानी में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद वह फरार हो गया था। इसके बाद से झारखंड पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबाव बनाए हुए थी।
गिरोह सदस्यों पर दर्ज मामलों की संख्या
- रामदेव उरांव (सुप्रीमो) – 27
- रमन उरांव – 02
- अरविंद उरांव – 05
- संतु उरांव – 05
- सोहन असुर – 04
- लवचिक बड़ाइक – 01
- सोमा मुंडा – 02
- अमृत मुंडा – 02
- रामस्वरूप बड़ाइक – 03
- भदवा उरांव – 02
- रामलाल उरांव – 01
- शिवनाथ उरांव – 03
आत्मसमर्पण से उग्रवाद पर लगाम की उम्मीद
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि यह समूह आत्मसमर्पण करता है, तो क्षेत्र में उग्रवाद की रीढ़ कमजोर हो जाएगी और इससे गुमला तथा आसपास के जिलों में शांति और सुरक्षा का माहौल मजबूत होगा। लंबे समय से उग्रवाद प्रभावित कई गांवों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।
न्यूज़ देखो: गुमला में उग्रवाद पर निर्णायक प्रहार
झांगुर गिरोह का आत्मसमर्पण झारखंड में उग्रवाद नियंत्रण की बड़ी सफलता साबित हो सकती है। पुलिस और प्रशासनिक दबाव के बीच उग्रवादियों का समर्पण ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा की नई शुरुआत ला सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आतंक के खिलाफ खड़ी हो रही नई उम्मीद—जागरूक बनें, समाज को सुरक्षित बनाने में सहयोग दें
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