
#लातेहार #पर्यटन_विकास : फ्रांस से आए पर्यटक दल ने बेतला नेतरहाट और पलामू के जंगलों में झारखंड की असली खूबसूरती को किया अनुभव
- फ्रांस से आए पांच सदस्यीय दल ने बेतला नेशनल पार्क और नेतरहाट के वनक्षेत्रों का भ्रमण किया।
- सैलानियों में जेरार्ड पेलिसन, वैलेंटे पेलिसन, क्रिस्टीन फ्रेंचेट, जोसेट डुप्लौय, और एनी डेलेले शामिल रहे।
- भ्रमण के दौरान उन्होंने असुर, ब्रिजिया, कोरवा और परहिया जनजातियों से की मुलाकात।
- पर्यटकों के साथ दिल्ली से ट्रांसलेटर शानू गिरी और रांची स्थित गो ट्रेवल्स के सचिव अमित कुमार भी मौजूद रहे।
- सैलानियों ने कहा झारखंड की हरियाली सादगी और लोगों की आत्मीयता ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।
झारखंड की हरियाली और जनजातीय संस्कृति का आकर्षण इन दिनों विदेशी सैलानियों को भी खींच रहा है। सोमवार को फ्रांस की ट्रेवल्स कंपनी तमेरा वॉयेगा के दल ने बेतला नेशनल पार्क, नेतरहाट और आसपास के प्राकृतिक स्थलों का दौरा किया। झारखंड के जंगलों झरनों और जनजातीय जीवन की सादगी ने फ्रांसीसी पर्यटकों का मन जीत लिया।
बेतला की वादियों में विदेशी सैलानियों ने खोजी शांति और सौंदर्य
सोमवार सुबह फ्रांस से आए पांचों पर्यटक बेतला के जंगलों में प्रवेश किए। हरियाली से घिरे इस नेशनल पार्क ने उन्हें प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य से रूबरू कराया। सैलानियों ने कहा कि उन्होंने इतने सघन जंगल और स्वच्छ वातावरण कहीं और नहीं देखा। यहां की ठंडी हवा हरियाली और पहाड़ियों की श्रृंखला उन्हें मंत्रमुग्ध कर गई।
फ्रांसीसी पर्यटक दल के सदस्य जेरार्ड पेलिसन ने कहा: “बेतला और नेतरहाट की वादियां किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। यहां लौटने की इच्छा बनी रहेगी।”
जनजातीय संस्कृति और लोककला से हुई गहरी पहचान
बेतला और नेतरहाट भ्रमण के दौरान सैलानियों ने स्थानीय असुर, ब्रिजिया, कोरवा और परहिया जनजातियों से मुलाकात की। उन्होंने ग्रामीणों की पारंपरिक जीवनशैली, संस्कृति, और लोककला के बारे में विस्तार से जानकारी ली। कई जगहों पर उन्होंने स्थानीय बच्चों के साथ खेलते हुए और महिलाओं के हस्तशिल्प को कैमरे में कैद करते हुए उत्साह दिखाया।
सैलानी वैलेंटे पेलिसन ने कहा: “यहां के लोगों की सादगी और आत्मीयता हमें बेहद प्रभावित कर रही है। हम झारखंड की संस्कृति को गहराई से जानना चाहते हैं।”
गो ट्रेवल्स और तमेरा वॉयेगा का सहयोग
इस भ्रमण का आयोजन फ्रांस की ट्रेवल्स कंपनी तमेरा वॉयेगा ने किया जिसमें स्थानीय स्तर पर सहयोग गो ट्रेवल्स रांची ने दिया। उनके साथ दिल्ली से ट्रांसलेटर शानू गिरी और अमित कुमार तथा पूनम मधु तांबा भी थे जिन्होंने पूरे भ्रमण के दौरान दल को जानकारी दी और स्थानीय लोगों से संपर्क कराया।
गो ट्रेवल्स के सचिव अमित कुमार ने बताया: “विदेशी पर्यटक झारखंड की वास्तविक संस्कृति और ग्रामीण जीवन को जानने में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। हमने उन्हें कुटमू हाट बाजार और ऐतिहासिक पलामू किला भी दिखाया।”
कुटमू हाट और पलामू किला बने आकर्षण का केंद्र
सैलानियों ने सोमवार को कुटमू हाट बाजार और पलामू किला का भी दौरा किया। ग्रामीण बाजार की चहल-पहल और स्थानीय उत्पादों ने उन्हें बेहद प्रभावित किया। पलामू किले के ऐतिहासिक अवशेषों और स्थापत्य कला को उन्होंने कैमरे में कैद किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इतिहास संस्कृति और प्रकृति – तीनों का अनूठा संगम देखने को मिला।
विदेशी पर्यटकों की बढ़ती रुचि से झारखंड पर्यटन को नई दिशा
फ्रांसीसी सैलानियों की यह यात्रा झारखंड पर्यटन के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। प्रकृति और जनजातीय संस्कृति के अनोखे मिश्रण से झारखंड अब विदेशी सैलानियों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बनता जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण ईको-टूरिज्म और स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को प्रोत्साहन मिलने की संभावना भी बढ़ी है।
न्यूज़ देखो: झारखंड पर्यटन के लिए विदेशी रुचि एक नया अवसर
फ्रांसीसी सैलानियों की यात्रा यह दिखाती है कि झारखंड का पर्यटन सिर्फ जंगलों तक सीमित नहीं बल्कि संस्कृति और लोगों की आत्मीयता इसका असली आकर्षण है। यह प्रशासन के लिए अवसर है कि इस दिशा में बेहतर सुविधाएं और प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान मजबूत हो।
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नई पहचान की ओर झारखंड
झारखंड की धरती अपनी हरियाली और जनजातीय परंपरा के कारण विशेष है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करें। सजग रहें सक्रिय बनें।
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