#सहरसा #संदिग्ध_मौत : सिमरी बख्तियारपुर में राजद नेता सुरेंद्र यादव के इकलौते बेटे का शव घर के पीछे मिला, इलाके में दहशत और मातम का माहौल।
- राजद नेता सुरेंद्र यादव के 17 वर्षीय बेटे प्रीतम कुमार का शव संदिग्ध हालात में घर के पीछे मिला।
- शनिवार रात खाना खाने के बाद सोने गया था, सुबह हैंडपंप के पास मां ने शव देखा।
- मृतक के मुंह से झाग निकल रहा था, शरीर ठंडा हो चुका था।
- एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर ने बताया – “मामला संदिग्ध है, जांच जारी है।”
- शव को सदर अस्पताल सहरसा भेजा गया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कारण।
सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर में उस समय सनसनी फैल गई जब रविवार सुबह राजद नेता सुरेंद्र यादव के बेटे प्रीतम कुमार का शव उनके घर के पीछे संदिग्ध स्थिति में मिला। 17 वर्षीय प्रीतम इंटरमीडिएट का छात्र था और अपने पिता के राजनीतिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहता था। अचानक हुई इस घटना ने परिवार और इलाके दोनों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
संदिग्ध हालात में घर के पीछे पड़ा मिला शव
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार रात खाना खाने के बाद परिवार के सभी सदस्य सो गए थे। प्रीतम भी अपने कमरे में सोने चला गया। रविवार सुबह करीब 5 बजे, मां नूतन देवी जब पानी लेने हैंडपंप के पास पहुंचीं, तो उन्होंने बेटे को जमीन पर पड़ा देखा। उसके मुंह से झाग निकल रहा था और शरीर ठंडा हो चुका था। यह दृश्य देखकर मां की चीखें निकल गईं, जिससे आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए। परिवारजन आनन-फानन में अनुमंडल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शांत स्वभाव का था प्रीतम, परिवार में पसरा मातम
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, प्रीतम शांत और व्यवहारकुशल स्वभाव का युवक था। वह पढ़ाई के साथ अपने पिता के राजनीतिक कार्यों में भी सहयोग करता था। गांव के लोगों ने बताया कि वह हर किसी से विनम्रता से पेश आता था और इलाके में उसकी अच्छी पहचान थी। उसकी मौत की खबर फैलते ही पूरा गांव शोक में डूब गया।
प्रशासन ने की मौके पर जांच
घटना की जानकारी मिलते ही सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू की। उन्होंने कहा:
“शव घर के अंदरूनी हिस्से में मिला है, मामला संदिग्ध प्रतीत होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल जांच जारी है।”
अधिकारियों ने शव को सदर अस्पताल, सहरसा भेजा है और परिवार के बयानों को भी दर्ज किया जा रहा है। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी हुई है — आत्महत्या, दुर्घटना या हत्या — सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
न्यूज़ देखो: न्याय की दिशा में निष्पक्ष जांच आवश्यक
यह मामला सिर्फ एक परिवार के दर्द का नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की गंभीर परीक्षा है। चुनावी माहौल के बीच एक युवा की संदिग्ध मौत सवाल खड़े करती है कि क्या स्थानीय तंत्र इस संवेदनशील मामले में पारदर्शी जांच कर पाएगा। प्रशासन को चाहिए कि सत्य को सामने लाने के लिए सभी साक्ष्यों का निष्पक्ष विश्लेषण करे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
युवा जीवन की रक्षा, समाज की जिम्मेदारी
एक 17 वर्षीय छात्र की संदिग्ध मौत ने फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि हमारी समाज व्यवस्था युवाओं की सुरक्षा के प्रति कितनी संवेदनशील है। हर नागरिक का दायित्व है कि किसी भी संदिग्ध घटना की सूचना तत्काल प्रशासन को दे। आइए, न्याय और जवाबदेही की इस प्रक्रिया में सहभागी बनें —
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