
#लातेहार #रैयतआंदोलन : बनहरदी कॉल ब्लॉक के विस्थापित रैयतों ने त्रुटि सुधार की मांग तेज की – लाल मोतिनाथ शाहदेव ने किया बड़ा ऐलान
- पंचायत भवन बारी में रैयतों की बैठक का आयोजन ग्राम प्रधान रोबिन उरांव की अध्यक्षता में हुआ।
- बैठक में लाल मोतिनाथ शाहदेव ने कहा कि किसी भी रैयत के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
- सभी रैयतों ने जमीन त्रुटि सुधार की मांग रखी और कहा कि समस्या का तुरंत समाधान होना चाहिए।
- जल्द ही रैयत प्रतिनिधि मंडल बनाकर उपायुक्त लातेहार से मुलाकात की जाएगी।
- अगर समाधान नहीं हुआ, तो महापंचायत आयोजित कर बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत बनहरदी कॉल ब्लॉक क्षेत्र के रैयतों ने अपनी जमीनों से जुड़ी त्रुटियों के समाधान की मांग को लेकर कल पंचायत भवन बारी में एक बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान रोबिन उरांव ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में लाल मोतिनाथ शाहदेव उपस्थित रहे। इस बैठक में पंचायत बारी और पंचायत बनहरदी के सैकड़ों रैयतों ने हिस्सा लिया और अपनी समस्याएं खुलकर साझा कीं।
रैयतों की एकजुट आवाज: त्रुटि सुधार की मांग तेज
बैठक में सभी रैयतों ने एक स्वर में कहा कि विस्थापन के दौरान जमीन से जुड़ी कई तकनीकी और प्रशासनिक त्रुटियों का अब तक सुधार नहीं हुआ है। इन त्रुटियों के कारण कई रैयत परिवार मुआवजा और पुनर्वास से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना था कि वे वर्षों से इस समस्या को लेकर संबंधित विभागों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा।
बैठक में उपस्थित रैयतों ने कहा: “हमारा हक हमें मिलना चाहिए, प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। अब और चुप नहीं बैठेंगे।”
लाल मोतिनाथ शाहदेव ने दिया भरोसा और चेतावनी
बैठक को संबोधित करते हुए लाल मोतिनाथ शाहदेव ने कहा कि रैयतों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी रैयत के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। शाहदेव ने घोषणा की कि बहुत जल्द रैयतों की एक टीम बनाकर उपायुक्त लातेहार से मुलाकात की जाएगी, ताकि जमीन त्रुटि सुधार की समस्या पर विस्तार से बात की जा सके।
लाल मोतिनाथ शाहदेव ने कहा: “अगर बातचीत से समाधान नहीं हुआ, तो एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। रैयतों के हक की लड़ाई सड़कों पर लड़ी जाएगी।”
बैठक में उमड़ा रैयतों का जनसैलाब
बैठक में रैयतों की भारी भीड़ उमड़ी। ग्रामीणों का कहना था कि लंबे समय से उनकी जमीनों पर हुई त्रुटियों के कारण वे न तो मुआवजा पा सके हैं और न ही विस्थापन के बाद कोई ठोस राहत। रैयतों की एकजुटता और आवाज से बैठक का माहौल जोश और उम्मीद से भर गया।
बैठक का संचालन बेलाल अहमद ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से नौशाद अंसारी, रमेश उरांव, हाजी हाशिम, चंद्रदेव उरांव, अहमद अंसारी, मैनेश्वर यादव, परमेश्वर उरांव, अशोक भुइयां, हाजी समीद, राजू उरांव, महेश राम, तेतर मोची, इसराफिल अंसारी, राजेंद्र उरांव, जफीद अंसारी, बिनोद भुइया, सुरेश उरांव, बना उरांव, छोटेलाल उरांव, बशीर अंसारी, प्रभु यादव, शंकर सिंह, आशीष सिंह, ताहिर अंसारी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
आंदोलन की तैयारी और उम्मीद की नई किरण
बैठक में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि लाल मोतिनाथ शाहदेव के आने से उनमें नई उम्मीद जगी है। अब वे संगठित होकर अपनी मांगों को मजबूती से उठाएंगे। रैयतों ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द सुनवाई नहीं की, तो वे धरना, प्रदर्शन और महापंचायत के जरिए बड़ा आंदोलन करेंगे।
ग्राम प्रधान रोबिन उरांव ने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण होगा, लेकिन अपनी जमीन और अधिकार की रक्षा के लिए रैयत किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
न्यूज़ देखो: रैयतों की एकता ने दी प्रशासन को चेतावनी
यह बैठक प्रशासन को एक स्पष्ट संदेश देती है कि अब रैयत अपने हक और जमीन के लिए संगठित होकर खड़े हो गए हैं। बनहरदी कॉल ब्लॉक के रैयतों का यह संघर्ष न केवल जमीन के अधिकार का सवाल है, बल्कि यह न्याय, पुनर्वास और प्रशासनिक जवाबदेही की मांग भी है।
अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन किस तरह से इस मुद्दे का समाधान करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संगठित हों, आवाज उठाएं, अपने हक की रक्षा करें
अब समय है कि हर रैयत अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बने और संगठित रूप से न्याय की मांग करे। प्रशासन को भी चाहिए कि वह विस्थापित परिवारों की समस्याओं का मानवीय समाधान करे। समाज में समानता, न्याय और पारदर्शिता तभी संभव है जब जनता और शासन दोनों अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
आइए, शांति और एकता के साथ अपने हक की लड़ाई को मजबूती दें।
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