
#गढ़वा #मंडल_डैम : उपायुक्त दिनेश यादव ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, मुआवजा और आधारभूत सुविधाओं से जुड़ी प्रगति की गहन समीक्षा की।
- गढ़वा उपायुक्त दिनेश यादव की अध्यक्षता में मंडल डैम परियोजना के अवशेष कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
- बैठक में संबंधित सभी विभागीय अधिकारी एवं कंसल्टेंसी एजेंसी मैनटेक के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
- उपायुक्त ने 30 नवंबर 2025 तक सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया।
- पुनर्वास स्थल पर सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश।
- कांडी प्रखंड में चल रही डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना के मुआवजा और लंबित कार्यों को अगले बैठक से पहले पूर्ण करने का आदेश।
गढ़वा उपायुक्त दिनेश यादव ने समाहरणालय स्थित सभागार में शहीद नीलाम्बर पीताम्बर उत्तरी कोयल (मंडल डैम) परियोजना के अवशेष कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में परियोजना से जुड़े सभी विभागीय अधिकारी, कंसल्टेंसी एजेंसी मैनटेक के प्रतिनिधि, और पुनर्वास से संबंधित जिम्मेदार अधिकारी मौजूद थे। उपायुक्त ने परियोजना से जुड़े प्रतिवेदनों और प्रस्तुतियों का अवलोकन करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और पुनर्वास एवं मुआवजा प्रक्रिया को शीघ्र गति देने का निर्देश दिया।
विस्थापितों को बेहतर जीवन-स्तर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि किसी भी प्रभावित परिवार को विस्थापन के कारण कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि पुनर्वास स्थल पर सड़क, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को समय पर सुनिश्चित किया जाए। उपायुक्त ने यह भी कहा कि विकास केवल पुनर्वास तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पुराने और नए दोनों क्षेत्रों का समग्र विकास होना चाहिए।
उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा: “सभी प्रभावित परिवारों को 30 नवंबर 2025 तक मुआवजा राशि का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया जाए और किसी भी पात्र लाभुक को वंचित न रखा जाए।”
उन्होंने वन अधिकार समिति की स्वीकृति, लैंड डायवर्शन प्रक्रिया, तथा 338 लाभुकों के खातों में भुगतान को आगामी बैठक से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों से यह भी कहा कि संबंधित विभागों के बीच समन्वय बनाए रखते हुए कार्यों में तेजी लाएं ताकि परियोजना शीघ्र पूर्णता की ओर बढ़ सके।
कांडी प्रखंड में चल रही डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना पर भी विशेष जोर
उपायुक्त ने कांडी प्रखंड में चल रही डिस्ट्रीब्यूटरी (नहर वितरण) परियोजना की प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अधिग्रहित भूमि के बदले रैयतों को मुआवजा राशि और अन्य लाभ तुरंत प्रदान किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी लंबित मामला अगले समीक्षा बैठक से पहले न रहे।
अधिकारियों को मिली स्पष्ट जवाबदेही
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक अमन कुमार, अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग, उप निदेशक पलामू टाइगर रिजर्व, अनुमंडल पदाधिकारी रंका, पुनर्वास पदाधिकारी मेदिनीनगर, विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी, और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
सभी अधिकारियों को उनके विभागवार जिम्मेदारियों की समीक्षा के साथ स्पष्ट रूप से समय-सीमा निर्धारित की गई। उपायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी निर्धारित अवधि में रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि परियोजना में विलंब की स्थिति उत्पन्न न हो।

न्यूज़ देखो: विकास के साथ मानवीय संवेदना की मिसाल
गढ़वा उपायुक्त द्वारा की गई यह बैठक केवल प्रशासनिक समीक्षा नहीं थी, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से विकास कार्यों की समीक्षा का उदाहरण बनी। मंडल डैम परियोजना जैसे बड़े विकास कार्यों में विस्थापित परिवारों के पुनर्वास और सामाजिक संतुलन को साथ लेकर चलना ही सच्ची प्रगति का प्रतीक है। प्रशासन का यह प्रयास दिखाता है कि विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जनहित को सर्वोपरि रखा जा रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पुनर्वास से विकास तक—जनहित के साथ प्रशासन की प्रतिबद्धता
मंडल डैम परियोजना की दिशा में उठाए गए यह कदम न केवल विकास की रफ्तार बढ़ाएंगे, बल्कि प्रभावित परिवारों के जीवन में स्थायित्व और सम्मान भी लाएंगे।
अब समय है कि नागरिक भी इस प्रयास में सहयोग करें—जानकारी साझा करें, संवाद बढ़ाएं और पारदर्शिता की मांग को जनआंदोलन बनाएं।
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