
#गढ़वा #भागवत_कथा : कृष्ण वाटिका में भजन-कीर्तन, कथा, महाप्रसाद और भक्तों की उमंग से सराबोर हुआ आयोजन
- श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन राधा-कृष्ण विवाह और श्रीराम की जीवन लीला का हुआ संगीतमय वर्णन
- आचार्य श्री कुंज बिहारी शुक्ला जी महाराज ने भगवद्गीता और श्रीकृष्ण-राम चरित्र का किया प्रेरणादायक प्रवचन
- वृंदावन से आई मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए भजन और कीर्तन से गूंज उठा पिपरा कला
- कृष्ण वाटिका, कृषि विज्ञान केंद्र के सामने हो रहे आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति
- पंकज मिश्रा, अश्विनी चौबे मंडली सहित क्षेत्रीय गणमान्य भक्तों ने की सहभागिता
भक्ति भाव में डूबा पिपरा कला, कथा के छठे दिन राधा-कृष्ण विवाह और रामचरित की हुई संगीतमय प्रस्तुति
गढ़वा के पिपरा कला स्थित कृष्ण वाटिका, कृषि विज्ञान केंद्र के सामने चल रहे श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का आज छठा दिन श्रद्धा, संगीत और संकीर्तन के भाव से सराबोर रहा। कथा मंच से वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित श्री कुंज बिहारी शुक्ला जी महाराज ने भगवद्गीता, भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं, राधा रानी संग विवाह, और प्रभु श्रीरामचंद्र जी की जीवन लीला का प्रेरणादायक संगीतमय प्रवचन दिया।
महाराज जी की वाणी से निकली कथा जब भक्ति रस में लिपटी संगीत मंडली की कीर्तन प्रस्तुति से जुड़ी, तो पूरा पंडाल “जय श्री कृष्णा”, “राधे-राधे”, “जय श्री राम”, “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा।
भजन-कीर्तन से जागा आध्यात्मिक उत्साह, भक्तों ने लिया आरती व प्रसाद का लाभ
संध्या वेला में पंकज मिश्रा, अश्विनी चौबे एवं उनके मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए भजनों और कीर्तन ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालु झूम उठे और कई स्थानों से आए ग्रामीण और शहरी भक्तों ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया।
कार्यक्रम की आरती के पश्चात महाप्रसाद वितरण किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सहभागिता कर पुण्य अर्जित किया। कृष्ण-राम विवाह प्रसंगों की संगीतमय झांकी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रद्धालुओं और विशिष्ट जनों की रही विशेष उपस्थिति
इस धार्मिक आयोजन में आत्मा पांडे, रमाकांत उपाध्यक्ष, अरविंद तिवारी, प्रभु दुबे, सतीश चौबे, सियाराम पांडे, सुबोध प्रसाद, राकेश रंजन चौबे, दिलीप तिवारी, जितेंद्र यादव, संजय कुमार, अनिल तिवारी, सुरेश दुबे, शंभू दुबे, श्यामानंद दुबे, कृष्ण कुमार चौबे, अरविंद तिवारी और आनंद शाह समेत कई भक्तगण उपस्थित रहे।
आचार्य कुंज बिहारी शुक्ला जी महाराज ने कहा: “यह कथा केवल श्रवण का माध्यम नहीं, आत्मशुद्धि और प्रभु के प्रति अटूट भक्ति का मार्ग है।”



न्यूज़ देखो: भक्ति, संस्कृति और जनसंग्रह का दिव्य संगम
पिपरा कला जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के श्रीमद् भागवत कथा आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने और सद्भाव को मजबूत करने का भी सशक्त माध्यम बनते हैं। श्रद्धालुओं की यह सहभागिता बताती है कि धार्मिक आयोजन गांवों की सांस्कृतिक नींव को संबल देते हैं।
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