
#सिमडेगा #रामरेखा_महोत्सव : प्रथम राजकीय रामरेखा महोत्सव के आयोजन पर विधायक भूषण बाड़ा ने दी श्रद्धालुओं और समिति को बधाई
- विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि श्री रामरेखा धाम को राजकीय महोत्सव का दर्जा देना एक ऐतिहासिक निर्णय है।
- महागठबंधन सरकार ने धर्म की राजनीति नहीं बल्कि आस्था और विकास दोनों का सम्मान किया है।
- राजकीय दर्जा मिलने से धार्मिक पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
- राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय कलाकारों की प्रस्तुति से धाम का सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा।
- विधायक ने कहा कि भाजपा ने केवल घोषणाएं कीं जबकि सरकार ने धरातल पर कार्य किया।
सिमडेगा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रामरेखा धाम को जब राज्य सरकार ने राजकीय महोत्सव का दर्जा देने की घोषणा की, तो पूरे क्षेत्र में हर्ष और उत्साह का माहौल बन गया। विधायक सह कांग्रेस जिला अध्यक्ष भूषण बाड़ा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सिमडेगा की सांस्कृतिक पहचान और आस्था की जीत बताया। उन्होंने श्रद्धालुओं और आयोजन समिति को प्रथम राजकीय रामरेखा महोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
सरकार का ऐतिहासिक निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक
विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि श्री रामरेखा धाम में लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेला को राजकीय महोत्सव का दर्जा देना राज्य सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इससे यह स्थल अब राज्य के प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्रों में शुमार होगा। इससे न केवल सिमडेगा की आर्थिक स्थिति और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि जिले की सांस्कृतिक पहचान को भी नई ऊँचाई मिलेगी।
भूषण बाड़ा ने कहा: “महागठबंधन सरकार धर्म की राजनीति नहीं करती, बल्कि हर धर्म और संस्कृति के सम्मान में समान रूप से कार्य करती है। श्री रामरेखा धाम का विकास आस्था और सामाजिक संतुलन का प्रतीक है।”
विधायक ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ आस्था का नहीं बल्कि विकास और सम्मान का भी सवाल है। उन्होंने सरकार की सराहना करते हुए कहा कि अब राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को क्रमवार रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विधायक की सतत पहल और सरकार की संवेदनशीलता
भूषण बाड़ा ने बताया कि वे लंबे समय से श्री रामरेखा धाम के समग्र विकास की मांग कर रहे थे। उन्होंने विधानसभा सत्र से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक इस मुद्दे को बार-बार उठाया। सरकार ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया और धाम के विकास के लिए ठोस कदम उठाए।
विधायक ने कहा कि आज बीरू से रामरेखा धाम तक सड़क निर्माण पूरा हो चुका है, वहीं डाक बंगला और अतिथिशाला का निर्माण भी कराया गया है ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि सरकार की दूरदर्शी सोच और योजनाबद्ध प्रयासों के कारण आज रामरेखा धाम धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से उभरता हुआ तीर्थ स्थल बन चुका है।
भव्य आयोजन से जिले में धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि इस वर्ष के राजकीय रामरेखा महोत्सव में कई राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें भजन सम्राट शाहनवाज़ अख्तर, प्रसिद्ध गायिका पूजा चटर्जी, शालिनी दुबे, रवींद्र जोशी, राधा श्रीवास्तव, पद्मश्री मुकुंद नायक, जगदीश बड़ाईक जैसे नाम शामिल हैं।
भूषण बाड़ा ने कहा: “यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाले वर्षों में भी हर साल सरकारी खर्च पर देश के नामी कलाकार इस पवित्र स्थल पर आएंगे। यह आयोजन सिमडेगा को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर और सशक्त करेगा।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से न केवल सांस्कृतिक समृद्धि बढ़ेगी बल्कि स्थानीय युवाओं को भी नए अवसर प्राप्त होंगे।
भाजपा पर तीखा हमला केवल घोषणाएं कीं, काम नहीं किया
भूषण बाड़ा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने केवल घोषणाएं कीं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले 25 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, परंतु आज तक उसका कोई अता-पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2016 में श्री रामरेखा धाम को देवघर और वैष्णो देवी जैसा दर्शनीय स्थल बनाने का वादा किया था। उन्होंने रोपवे निर्माण और पर्यटन उद्योग का दर्जा देने की भी घोषणा की थी, परंतु इनमें से कोई भी कार्य पूरा नहीं हुआ।
भूषण बाड़ा ने कहा: “भाजपा ने धर्म और भगवान के नाम पर केवल वोट माँगे, जबकि महागठबंधन सरकार ने धरातल पर विकास कर दिखाया है। यह जनता के आशीर्वाद और सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है।”
श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि
विधायक ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा, सुरक्षा और यातायात की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे श्रद्धा और सद्भाव के साथ इस महोत्सव में भाग लें और भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा को धार्मिक पर्यटन की नई पहचान
राज्य सरकार का यह कदम न केवल धार्मिक आस्था का सम्मान है, बल्कि झारखंड में धार्मिक पर्यटन के विकास की दिशा में बड़ा परिवर्तन भी है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार, आर्थिक अवसर और सामाजिक सद्भाव को मजबूती मिलेगी। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार धार्मिक स्थलों को राजनीतिक नहीं, सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देख रही है।
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सजग नागरिकता और सामाजिक भागीदारी का संदेश
धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। अब आवश्यकता है कि हर नागरिक इस विरासत के संरक्षण और स्वच्छता में योगदान दे। सरकार और जनता दोनों मिलकर इस पवित्र स्थल को स्वच्छ, सुंदर और आत्मिक ऊर्जा से भरपूर बना सकते हैं।
सजग रहें, सहयोग करें, और इस आयोजन को जनभागीदारी का उत्सव बनाएं।
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