
#देवघर #श्रावणी_मेला_2025 : बाबा नगरी में आस्था का महासैलाब — सुरक्षा से लेकर सेवा तक रही चाक-चौबंद व्यवस्था
- सातवें दिन 1,35,561 श्रद्धालुओं ने किया जलार्पण।
- सुबह 4:19 बजे से शुरू हुई जलार्पण प्रक्रिया।
- बाह्य अर्घा, आंतरिक अर्घा व शीघ्र दर्शनम से अलग-अलग तरीके से भक्तों ने चढ़ाया जल।
- डीसी नमन प्रियेश लकड़ा व एसपी अजीत पीटर डुंगडुग कर रहे लगातार निगरानी।
- 21 अस्थायी ओपी, 13 यातायात ओपी, बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड व QRT की तैनाती।
- पॉकेटमार गिरफ़्तार, मोबाइल बरामद, भीड़ में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम।
बाबा नगरी में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
श्रावणी मेला 2025 के सातवें दिन देवघर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अहले सुबह 4:19 बजे जैसे ही जलार्पण की प्रक्रिया आरंभ हुई, श्रद्धालुओं की लंबी कतारें बीएड कॉलेज तक दिखाई दीं। पूरे मेला क्षेत्र में मानो श्रद्धा की नदी बह रही हो। प्रशासन द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,35,561 भक्तों ने बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाकर पुण्य अर्जित किया।
इसमें से 31,843 श्रद्धालुओं ने बाह्य अर्घा, 98,685 ने आंतरिक अर्घा, और 5033 ने शीघ्र दर्शनम कूपन के माध्यम से जल अर्पित किया। इतना बड़ा तादाद होते हुए भी व्यवस्थाएं बाधित नहीं हुईं, जो प्रशासन की चुस्त कार्यशैली का परिणाम मानी जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था की अभेद्य दीवार
श्रावणी मेले की भीड़भाड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में कोई कोताही नहीं बरती गई। पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुग ने जानकारी दी कि मेला क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित बनाए रखने के लिए 21 अस्थायी पुलिस ओपी, 13 यातायात ओपी, एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS), बम डिस्पोजल टीम, डॉग स्क्वॉड और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) की तैनाती की गई है।
एसपी अजीत पीटर डुंगडुग ने कहा: “श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और पॉकेटमारों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि हम पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं।”
मेले में 43 पुलिस उपाधीक्षक, 93 निरीक्षक, 723 सहायक निरीक्षक, और 1093 सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है। एसपी ने यह भी बताया कि मंदिर परिसर से मोबाइल फोन बरामद हुए हैं और कई पॉकेटमारों को रंगेहाथ पकड़ा गया है।
नियंत्रण कक्ष से हो रही है बारीक निगरानी
निगरानी व्यवस्था को और अधिक मजबूत करते हुए कंट्रोल रूम की संख्या बढ़ाई गई है। सीसीटीवी कैमरे, गश्ती दल और वॉच टावर के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए चिकित्सा सहायता केंद्र, पेयजल व्यवस्था और मार्ग-निर्देशन पर विशेष जोर दिया गया है।
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा: “अब तीन सोमवारी शेष हैं, जिनमें भारी भीड़ की संभावना है। हम हर स्तर पर मुस्तैद हैं ताकि भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।”
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और मेला संचालन को सफल बनाने हेतु हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
भीड़ में सेवा और अनुशासन की मिसाल
मेले में सेवा, अनुशासन और व्यवस्था की झलक हर कोने में देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य सेवा, जलापूर्ति, शौचालय, वाहन पार्किंग, और भीड़ नियंत्रण जैसे बिंदुओं पर विभागों के बीच समन्वय स्पष्ट नजर आया। स्वयंसेवी संस्थाएं और पुलिस बल मिलकर श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए हैं।
इस बार की तैयारी को लेकर स्थानीय लोगों और कांवरियों में संतोष और सुरक्षा की भावना बनी हुई है। हालांकि भीड़ और गर्मी के कारण कुछ अस्थायी असुविधाएं हुईं, परंतु प्रशासन की तत्परता ने हालात को बिगड़ने नहीं दिया।
न्यूज़ देखो: आस्था के सैलाब में व्यवस्था की मिसाल
श्रावणी मेले जैसे बड़े आयोजन में इतनी भीषण भीड़ के बावजूद प्रशासनिक अनुशासन और सुरक्षा की जो झलक देखने को मिल रही है, वह न केवल सराहनीय है बल्कि पूरे राज्य के लिए एक आदर्श उदाहरण है। न्यूज़ देखो ने निरंतर इस मेला व्यवस्था की जमीनी हकीकत को रिपोर्ट किया है ताकि नागरिकों को पारदर्शिता और तैयारी की सच्ची तस्वीर मिल सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक बनें, सहभागी बनें
बाबा नगरी की यह भव्यता, श्रद्धा और अनुशासन का संगम हमें बताता है कि जब प्रशासन और समाज एक साथ चलें, तो हर आयोजन सफल बनता है। आइए, इस श्रावणी मेले को सुरक्षित, स्वच्छ और सफल बनाने में अपनी भागीदारी दें। इस खबर को शेयर करें, अपने मित्रों और परिवारजनों तक पहुँचाएं, और अपने सुझाव कमेंट में ज़रूर दें।