
#पलामू #रक्षाबंधन : विश्रामपुर की बहनों ने रचा अद्वितीय रिकॉर्ड — सुरक्षा और सम्मान का संकल्प
- हजारों बहनों ने एक साथ राखी बांधकर भाईचारे का संदेश दिया।
- भाजपा नेता रामाशीष यादव के नेतृत्व में भव्य समारोह आयोजित हुआ।
- कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही बहनों का जत्था पहुँचता रहा।
- रामाशीष यादव ने कहा— सुरक्षा और सम्मान उनका कर्तव्य है।
- बहनों के लिए विशेष स्वागत और सम्मान की व्यवस्था की गई।
पलामू में रक्षाबंधन के अवसर पर सिडहा स्थित पैतृक आवास में भाजपा नेता रामाशीष यादव के नेतृत्व में एक भव्य समारोह का आयोजन हुआ। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी विश्रामपुर की बहनों ने हजारों की संख्या में पहुँचकर राखी बांधने का अद्वितीय रिकॉर्ड दोहराया। सुबह से ही अलग-अलग प्रखंडों और दूरदराज़ के गांवों से बहनों का जत्था लगातार स्थल पर पहुंचता रहा। राखी बांधते समय बहनों के चेहरे पर खुशी और आशीर्वाद का भाव देखते ही बन रहा था।
बहनों के स्नेह और आशीर्वाद को बताया सबसे बड़ी पूँजी
इस मौके पर रामाशीष यादव ने भावुक होकर कहा कि बहनों का स्नेह और आशीर्वाद उनकी सबसे बड़ी पूँजी है। उन्होंने दोहराया कि बहनों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए वे जीवनभर संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए सिर्फ कठोर कानून काफी नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता भी जरूरी है।
रामाशीष यादव ने कहा: “विश्रामपुर की नारी शक्ति को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना मेरा संकल्प है। बहनों की मुस्कान ही मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।”
समारोह में उमड़ी भारी भीड़
राखी बांधने के इस अवसर पर क्षेत्र के हजारों लोग भी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। मंच और भीड़ में पिन्टू कुमार, परशु राम, प्रिंस ठाकुर, सुशील कुमार, सुशील यादव, बिजय प्रजापति, योगेन्द्र मेहता, उदेश चौधरी, अखिलेश राम, अमरेश पाल, कासी चोधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
बहनों के लिए विशेष व्यवस्था
कार्यक्रम में बहनों के लिए विशेष स्वागत एवं सम्मान की व्यवस्था की गई थी। आयोजकों ने हर बहन का व्यक्तिगत रूप से अभिवादन किया और उन्हें मिठाई व उपहार भी दिए गए। इस अवसर पर बच्चों और बुजुर्गों में भी खासा उत्साह देखने को मिला।

न्यूज़ देखो: नारी शक्ति के सम्मान का जीवंत उदाहरण
विश्रामपुर में आयोजित यह रक्षाबंधन समारोह केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि नारी शक्ति के सम्मान और सुरक्षा का जीवंत उदाहरण बन गया। यह संदेश देता है कि समाज में महिलाओं के अधिकार और गरिमा के प्रति सभी को सजग रहना चाहिए।
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रक्षाबंधन का यह पर्व केवल धागे का नहीं, बल्कि रिश्ते, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से समाज में आपसी भाईचारा और प्रेम बढ़ता है। आपसे अनुरोध है कि इस खबर को साझा करें, अपनी राय दें और इस प्रेरक संदेश को अपने दोस्तों और परिवार तक पहुँचाएँ।