
#बरवाडीह #पर्यटन_उत्साह : नववर्ष के आगमन से पहले प्राकृतिक स्थलों पर पिकनिक और शैक्षणिक भ्रमण की बढ़ी गतिविधि।
नववर्ष के आगमन से पहले लातेहार जिले के बरवाडीह क्षेत्र में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल सैलानियों और स्कूली बच्चों से गुलजार हो गए हैं। केचकी संगम, असुर बांध, ऐतिहासिक पलामू किला और नदी तटों पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते दिखे। परीक्षा समाप्त होने और मौसम अनुकूल होने से शैक्षणिक भ्रमण में भी तेजी आई है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेतला पार्क प्रशासन सुरक्षा और सहयोग के लिए पूरी तरह सक्रिय है।
- केचकी संगम, असुर बांध, पलामू किला सहित कई पर्यटन स्थल गुलजार।
- पलामू किला के औरंगा नदी तट पर सैकड़ों स्कूली बच्चों ने मनाया पिकनिक।
- गिरिडीह सहित अन्य जिलों से पहुंचे छात्र-छात्राएं।
- परीक्षा समाप्ति और सुहावने मौसम ने बढ़ाया पर्यटन उत्साह।
- बेतला रेंजर उमेश दुबे और प्रभारी वनपाल संतोष कुमार सिंह सुरक्षा में तत्पर।
- बढ़ी भीड़ से स्थानीय कारोबारियों और होटल संचालकों में खुशी।
नववर्ष के स्वागत से पहले लातेहार जिले का बरवाडीह क्षेत्र इन दिनों पर्यटन उत्साह का केंद्र बना हुआ है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर न केवल स्थानीय सैलानी बल्कि दूर-दराज से आए पर्यटक और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पिकनिक और शैक्षणिक भ्रमण का आनंद उठा रहे हैं। सुहावने मौसम और स्कूलों में परीक्षाएं समाप्त होने के बाद यह समय बच्चों और परिवारों के लिए घूमने-फिरने का सबसे अनुकूल माना जा रहा है।
प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बढ़ी चहल-पहल
बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत केचकी संगम, असुर बांध, ऐतिहासिक पलामू किला, कमलदह झील, कोयल नदी और औरंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में इन दिनों पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है। खासकर सप्ताहांत में इन स्थलों पर पिकनिक मनाने वालों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है।
शनिवार को पलामू किला स्थित औरंगा नदी तट पर सैकड़ों स्कूली बच्चों को पिकनिक मनाते और मौज-मस्ती करते देखा गया। बच्चे समूहों में खेलते, नदी किनारे समय बिताते और ऐतिहासिक धरोहरों के बीच प्रकृति का आनंद लेते नजर आए।
शैक्षणिक भ्रमण के लिए अनुकूल समय
पर्यटन स्थलों पर पहुंचे छात्रों ने बताया कि स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं और ठंड का मौसम भी अब घूमने के लिहाज से अनुकूल हो गया है। पलामू प्रमंडल के अलावा झारखंड के गिरिडीह जिले से आए छात्र-छात्राओं ने कहा कि यह समय शैक्षणिक भ्रमण के लिए सबसे बेहतर होता है।
छात्रों ने बताया कि ऐसे भ्रमण से न केवल पढ़ाई से जुड़ा मानसिक तनाव कम होता है, बल्कि उन्हें प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी भी मिलती है। शिक्षकों और अभिभावकों के साथ आए बच्चों ने इसे यादगार अनुभव बताया।
पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
पर्यटकों और स्कूली बच्चों की बढ़ती आवाजाही से क्षेत्र के सभी पर्यटन स्थल गुलजार नजर आ रहे हैं। इसका सीधा लाभ स्थानीय कारोबारियों, ठेला-खोमचा संचालकों, होटल और लॉज मालिकों को मिल रहा है। खानपान, परिवहन और अन्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने बताया कि नववर्ष से पहले अच्छी आमदनी हो रही है।
स्थानीय होटल संचालकों का कहना है कि इस भीड़ से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं। कई छोटे दुकानदारों के लिए यह समय साल के सबसे अच्छे दिनों में गिना जा रहा है।
बेतला पार्क प्रशासन सतर्क, सुरक्षा को लेकर तत्पर
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेतला रेंजर उमेश दुबे और प्रभारी वनपाल संतोष कुमार सिंह सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क नजर आ रहे हैं। पार्क प्रशासन की ओर से पर्यटकों को सहयोग देने, उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में भ्रमण कराने और नियमों का पालन कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारी पर्यटकों से अपील कर रहे हैं कि वे पार्क की जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान न पहुंचाएं, प्लास्टिक का उपयोग न करें और निर्धारित क्षेत्रों में ही पिकनिक मनाएं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है।
प्राकृतिक सौंदर्य बना आकर्षण का केंद्र
केचकी संगम का शांत वातावरण, असुर बांध का विहंगम दृश्य, पलामू किला की ऐतिहासिक विरासत और नदियों के तटों की हरियाली पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रही है। कई परिवारों ने बताया कि बच्चों को मोबाइल और टीवी से दूर रखकर प्रकृति के करीब लाने का यह सबसे अच्छा अवसर है।
पर्यटक यहां न केवल मनोरंजन कर रहे हैं, बल्कि फोटोग्राफी, प्रकृति अवलोकन और इतिहास से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर रहे हैं।

न्यूज़ देखो: पर्यटन से जुड़ी जिम्मेदारी भी जरूरी
नववर्ष से पहले पर्यटन स्थलों पर उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि, बढ़ती संख्या के साथ सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी भी उतनी ही बढ़ जाती है। प्रशासन की सतर्कता सराहनीय है, लेकिन पर्यटकों का सहयोग भी उतना ही जरूरी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति का आनंद लें, जिम्मेदारी के साथ
प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की सुंदरता तभी बनी रहेगी, जब हम सब मिलकर इसकी रक्षा करें। स्वच्छता रखें, नियमों का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
आपका अनुभव कैसा रहा? अपनी राय कमेंट में साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और जिम्मेदार पर्यटन का संदेश फैलाएं।





