Latehar

बेतला नेशनल पार्क बंद रहने से पर्यटक लौटे निराश: दुर्गा पूजा सीजन में टाइगर सफारी पर पड़ा असर

Join News देखो WhatsApp Channel
#बेतला #पर्यटन_संकट : पार्क बंद होने से होटल खाली हुए और सफारी वाहन मालिकों की आय पर पड़ा सीधा असर
  • बेतला नेशनल पार्क का मुख्य गेट बंद, पर्यटक लौटे निराश।
  • अत्यधिक वर्षा से जर्जर सड़कें बनी वजह, पार्क नहीं खोला गया।
  • कोलकाता से आए पर्यटक निराश होकर लौटे, दुर्गा पूजा यात्रा अधूरी।
  • होटल मालिकों और टाइगर सफारी वाहन संचालकों को भारी नुकसान।
  • वन विभाग के कर्मी चुप्पी साधे हुए, खुलने की तारीख स्पष्ट नहीं।

लातेहार जिले के बेतला नेशनल पार्क में इन दिनों पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलनी चाहिए थी, लेकिन पार्क का मुख्य गेट बंद होने के कारण पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं। दुर्गा पूजा सीजन में सैकड़ों की संख्या में बाहर से आए लोग यहां भ्रमण की उम्मीद लेकर पहुंचे, मगर पार्क बंद होने की वजह से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।

पर्यटकों की उम्मीद टूटी

बेतला पहुंचे कोलकाता से आए पर्यटक दल ने कहा कि वे दुर्गा पूजा की छुट्टियों में खासतौर पर बेतला घूमने आए थे। परंतु जब वे पार्क गेट पहुंचे तो प्रवेश बंद मिला।

पर्यटकों ने कहा: “हम लोग बेतला पार्क घूमने आए थे लेकिन यहां बंद होने की वजह से हमें लौटना पड़ा। यह हमारे लिए बहुत निराशाजनक है।”

बारिश और जर्जर सड़कें बनी वजह

सूत्रों के मुताबिक, पिछले कई दिनों से हुई लगातार वर्षा के कारण पार्क के अंदर की सड़कें जर्जर और कीचड़ से भरी पड़ी हैं। इस वजह से वन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल पार्क को बंद रखा है। हालांकि, इसे कब खोला जाएगा इस पर अभी तक विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

स्थानीय व्यवसाय पर संकट

पार्क बंद होने का असर सिर्फ पर्यटकों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे स्थानीय व्यवसायियों को भी गहरी चोट लगी है। होटल मालिकों का कहना है कि कल तक अधिकांश होटल खाली हो जाएंगे। वहीं टाइगर सफारी वाहन मालिकों को भी उम्मीद थी कि पूजा सीजन में उन्हें अच्छा कारोबार मिलेगा, लेकिन गेट बंद रहने से उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है।

वन विभाग की चुप्पी से असमंजस

पार्क बंद होने की आधिकारिक घोषणा न होने और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा स्पष्ट जवाब न दिए जाने से लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पर्यटकों और स्थानीय व्यवसायियों में यह चर्चा लगातार जारी है कि आखिर बेतला नेशनल पार्क कब खुलेगा

न्यूज़ देखो: पर्यटन पर चोट और प्रशासन की जिम्मेदारी

बेतला नेशनल पार्क सिर्फ जंगल और बाघों का घर नहीं है, बल्कि यह झारखंड की पर्यटन पहचान है। दुर्गा पूजा जैसा बड़ा सीजन भी जब यहां मायूसी में बदल जाए, तो यह सवाल उठता है कि प्रशासनिक स्तर पर तैयारी और पारदर्शिता कितनी है। स्थानीय होटल मालिकों और सफारी संचालकों को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा, यह भी चिंता का विषय है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पर्यटन को बचाने के लिए हमें मिलकर करना होगा प्रयास

बेतला नेशनल पार्क का बंद होना सिर्फ एक पर्यटक स्थल का संकट नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था की भी चोट है। अब जरूरी है कि प्रशासन ठोस कदम उठाए, सड़कें दुरुस्त की जाएं और पर्यटकों को भरोसा दिलाया जाए। आइए, हम सब मिलकर झारखंड की पर्यटन धरोहर को बचाने की पहल करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और जागरूकता फैलाएं ताकि आने वाले समय में ऐसी निराशा दोबारा न हो।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Akram Ansari

बरवाडीह, लातेहार

Related News

Back to top button
error: