
#महुआडांड़ #सड़क_संकट : सतनादिया के तीसरे छलके के टूटने से आवागमन बाधित – ग्रामीणों और मुखिया संघ ने प्रशासन से तत्काल मरम्मत की मांग की
- महुआडांड़–गारू मार्ग पर सतनादिया का तीसरा छलका पूरी तरह टूट गया है।
- वाहन फंसने और पलटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
- सड़क पिछले तीन महीनों से जर्जर, बरसात ने हालत और बिगाड़ी।
- मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष सिंह ने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
- स्कूल जाने वाले बच्चों, कामकाजी लोगों और दैनिक यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं।
- सड़क सुधार नहीं होने पर किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका जताई जा रही है।
लातेहार जिले के महुआडांड़–गारू–मेदिनीनगर मुख्य मार्ग की हालत इन दिनों बेहद खराब है। सतनादिया नदी के पास स्थित तीसरा छलका पूरी तरह टूट जाने से इस मार्ग पर आवागमन लगभग ठप हो गया है। ग्रामीणों और वाहन चालकों ने बताया कि बीते कुछ सप्ताहों से यह हिस्सा बेहद खतरनाक बन गया है और हर दिन किसी न किसी वाहन के फंसने या क्षतिग्रस्त होने की खबर मिल रही है।
सड़क की दुर्दशा से जनजीवन प्रभावित
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि सड़क की यह स्थिति नई नहीं है। पिछले तीन महीनों से लगातार सड़क टूटती जा रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ। बरसात और लगातार जलभराव ने छलकों की मिट्टी को बहा दिया, जिससे सड़क की नींव कमजोर पड़ गई है। कई जगह गड्ढे इतने गहरे हो चुके हैं कि वाहनों के पलटने का खतरा बना रहता है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग महुआडांड़, गारू और मेदिनीनगर जैसे प्रमुख इलाकों को जोड़ता है, लेकिन लापरवाही के कारण अब यह लोगों की परेशानी का कारण बन गया है। स्कूल जाने वाले बच्चे, रोज़ काम पर निकलने वाले लोग और बीमारों को अस्पताल ले जाने वाले वाहन भी इस रास्ते से गुजरने में डर महसूस करते हैं।
हादसे का खतरा बढ़ा
सतनादिया के टूटे छलके से पानी के बहाव के कारण मार्ग पूरी तरह कट चुका है। दोपहिया वाहन चालक अक्सर संतुलन खो देते हैं और कई बार फंस भी जाते हैं। स्थानीय युवाओं ने बताया कि रात के समय स्थिति और खतरनाक हो जाती है, क्योंकि सड़क पर पर्याप्त रोशनी नहीं है और गहरे गड्ढे नजर नहीं आते। कई बार वाहन गिरने से लोग बाल-बाल बचे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द मरम्मत नहीं हुई तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी
ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई बार लिखित और मौखिक शिकायत के बाद भी कोई अधिकारी स्थल निरीक्षण के लिए नहीं आया। सड़क की जर्जर हालत ने उनके जीवन को कठिन बना दिया है। किसानों को बाजार जाने में दिक्कत हो रही है और मरीजों को अस्पताल ले जाना जोखिम भरा हो गया है।
एक ग्रामीण ने कहा: “हम लोग रोजाना इस सड़क से गुजरते हैं लेकिन अब यह सड़क नहीं बल्कि जान का खतरा बन गई है। कई बार अधिकारीयों को बताया गया, पर अब तक कोई सुधार नहीं हुआ।”
मुखिया संघ के अध्यक्ष ने उठाई आवाज
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष सुभाष सिंह ने प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि सड़क की मरम्मत तत्काल जरूरी है, वरना बड़े हादसे की संभावना है।
सुभाष सिंह ने कहा: “महुआडांड़–गारू मार्ग लातेहार जिले की जीवनरेखा है। सतनादिया का छलका टूट जाने से गांवों का संपर्क टूट गया है। उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनजीवन सामान्य हो सके।”
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोपरि है और विभागीय लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
प्रशासन से राहत की उम्मीद
स्थानीय लोगों ने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से अपील की है कि वे शीघ्र टीम भेजकर स्थिति का निरीक्षण कराएं और मरम्मत कार्य शुरू करवाएं। ग्रामीणों ने कहा कि बरसात का मौसम समाप्त हो चुका है, इसलिए अब सड़क को ठीक करना संभव है। देरी करने पर यह रास्ता पूरी तरह टूट सकता है और महीनों तक मार्ग बंद रह जाएगा।
न्यूज़ देखो: जनसुरक्षा की अनदेखी से बढ़ रहा खतरा
महुआडांड़–गारू मार्ग पर टूटी सड़क केवल परिवहन की समस्या नहीं बल्कि जनसुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। हर दिन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है, फिर भी विभाग मौन है। जिला प्रशासन को चाहिए कि तत्काल टीम गठित कर इस मार्ग की मरम्मत सुनिश्चित करे ताकि लोगों की जानमाल की रक्षा हो सके।
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जनता की आवाज ही समाधान की राह
अब समय है कि आम लोग अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए जागरूक बनें। सड़कें सिर्फ विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि जीवन रेखा हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जिम्मेदारी निभानी होगी ताकि कोई हादसा होने से पहले हालात सुधारे जा सकें।
सजग रहें, सक्रिय बनें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और प्रशासन तक यह आवाज पहुंचाएं ताकि सड़क की मरम्मत में देर न हो।




