
#सिमडेगा #खेल_उपलब्धि : ममता कुमारी और भूमि कुमारी ने राष्ट्रीय मंच पर जिले का नाम किया रोशन।
सिमडेगा जिले की दो होनहार वूशु खिलाड़ी ममता कुमारी और भूमि कुमारी का चयन राष्ट्रीय वूशु फेडरेशन कप 2025 के लिए हुआ है। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 24 से 30 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी। दोनों खिलाड़ी कड़ी मेहनत और नियमित प्रशिक्षण के बल पर इस मुकाम तक पहुंची हैं। उनका चयन जिले में खेल प्रतिभाओं के निरंतर उभरते भविष्य को दर्शाता है।
- ममता कुमारी और भूमि कुमारी का राष्ट्रीय वूशु फेडरेशन कप 2025 के लिए चयन।
- प्रतियोगिता 24 से 30 दिसंबर 2025 तक राजनांदगांव में आयोजित होगी।
- दोनों खिलाड़ी कोच अमूल्य रत्न मिश्र के प्रशिक्षण में तैयार हुई हैं।
- चयन पर जिला वूशु संघ और जिला खेल पदाधिकारी ने दी शुभकामनाएं।
- सिमडेगा जिले में खेल प्रेमियों में उत्साह और गर्व का माहौल।
सिमडेगा जिले के लिए यह गर्व और उत्साह का क्षण है, जब जिले की दो बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी जगह सुनिश्चित की है। वूशु जैसे अनुशासन और कठिन अभ्यास वाले खेल में ममता कुमारी और भूमि कुमारी का चयन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। दोनों खिलाड़ी राष्ट्रीय वूशु फेडरेशन कप 2025 में भाग लेने के लिए राजनांदगांव के लिए रवाना हो चुकी हैं।
इस प्रतियोगिता में देशभर से चुने गए श्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। ऐसे में सिमडेगा जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिले से दो खिलाड़ियों का चयन यह साबित करता है कि यदि सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की प्रतिभाएं भी राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
कड़ी मेहनत और अनुशासन का परिणाम
ममता कुमारी और भूमि कुमारी दोनों ही पिछले कई वर्षों से वूशु का नियमित अभ्यास कर रही हैं। प्रतिदिन कठिन शारीरिक प्रशिक्षण, तकनीकी अभ्यास और मानसिक मजबूती के साथ उन्होंने खुद को इस स्तर के लिए तैयार किया है। उनके कोच अमूल्य रत्न मिश्र के अनुसार, दोनों खिलाड़ी शुरू से ही अनुशासित और लक्ष्य के प्रति समर्पित रही हैं।
कोच अमूल्य रत्न मिश्र ने कहा:
“ममता और भूमि दोनों में सीखने की ललक और निरंतर सुधार की इच्छा रही है। इन्होंने कभी अभ्यास से समझौता नहीं किया। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी मुझे पूरा भरोसा है कि ये बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी।”
चयन प्रक्रिया और प्रतियोगिता का महत्व
राष्ट्रीय वूशु फेडरेशन कप देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में गिनी जाती है। इसमें चयन के लिए खिलाड़ियों को जिला और राज्य स्तर पर अपने प्रदर्शन से खुद को साबित करना पड़ता है। तकनीकी कौशल, फुर्ती, संतुलन और मानसिक दृढ़ता—इन सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर मिलता है।
राजनांदगांव में आयोजित होने वाली यह प्रतियोगिता 24 दिसंबर से 30 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जहां विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी पदक के लिए मुकाबला करेंगे। इस प्रतियोगिता का प्रदर्शन भविष्य में राष्ट्रीय टीम के चयन की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
जिले में खुशी और गर्व का माहौल
दोनों खिलाड़ियों के चयन की खबर जैसे ही सिमडेगा पहुंची, खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिले के युवाओं के लिए यह एक मजबूत संदेश है कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा जा सकता है।
सिमडेगा जिला वूशु संघ के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार मिश्र, सचिव तौक़ीर उस्मानी और जिला खेल पदाधिकारी मनोज कुमार ने दोनों खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जिला खेल पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा:
“सिमडेगा की बेटियां लगातार खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। यह जिले के लिए गर्व की बात है। प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग जारी रहेगा।”
महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
ममता और भूमि की यह उपलब्धि खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र की लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है। सामाजिक चुनौतियों और सीमाओं के बावजूद इन खिलाड़ियों ने अपने खेल को प्राथमिकता दी और मेहनत के दम पर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचीं।
इनकी सफलता यह भी दिखाती है कि यदि परिवार, कोच और प्रशासन का सहयोग मिले, तो बेटियां खेल के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं।
भविष्य को लेकर उम्मीदें
खेल प्रेमियों और संघ पदाधिकारियों को उम्मीद है कि ममता कुमारी और भूमि कुमारी राष्ट्रीय वूशु फेडरेशन कप 2025 में शानदार प्रदर्शन कर सिमडेगा और झारखंड का नाम और ऊंचा करेंगी। इससे जिले में वूशु सहित अन्य खेलों के प्रति युवाओं की रुचि और बढ़ेगी।
न्यूज़ देखो: खेल प्रतिभाओं की उड़ान
यह खबर सिमडेगा जैसे सीमावर्ती जिले में खेल प्रतिभाओं के उभरते भविष्य को दर्शाती है। यह भी स्पष्ट करता है कि जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण और प्रोत्साहन से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जा सकते हैं। अब आवश्यकता है कि ऐसे खिलाड़ियों को निरंतर संसाधन और मंच मिलता रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेलों से बनेगा सशक्त सिमडेगा
खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और अनुशासन का माध्यम है। ममता और भूमि की सफलता को प्रेरणा बनाएं और अपने आसपास के बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करें।
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