
#घाघरा #अंतरविद्यालय_खेलकूद : बाल दिवस, बिरसा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस पर बच्चों ने एथलेटिक्स से लेकर गोला फेंक तक शानदार प्रदर्शन किया।
- रन्हे मिनी स्टेडियम, घाघरा में दो दिवसीय अंतर विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित।
- प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले घाघरा व बिशनपुर प्रखंड के विद्यालयों की भागीदारी।
- गोला फेंक बालिका वर्ग में तेजस्वी पब्लिक स्कूल की दशमी कुमारी प्रथम।
- बालक वर्ग में विवेकानंद पब्लिक स्कूल आदर के मुकेश उरांव प्रथम स्थान पर रहे।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण व झंडोत्तोलन के साथ शुरुआत।
बाल दिवस, बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर घाघरा प्रखंड मुख्यालय स्थित रन्हे मिनी स्टेडियम में आयोजित दो दिवसीय अंतर विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता उत्साह और उमंग के बीच संपन्न हुई। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन सह प्राइवेट स्कूल संघ घाघरा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में घाघरा और बिशनपुर प्रखंड के कई निजी विद्यालयों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। बच्चों ने विभिन्न खेलकूद स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता का माहौल रोमांचक बना दिया।
बच्चों का शानदार प्रदर्शन, विजेताओं को मिला सम्मान
खेलकूद प्रतियोगिता में छात्रों ने गोला फेंक, दौड़, रस्साकशी जैसे इवेंट्स में दमखम दिखाया। गोला फेंक बालिका वर्ग में प्रथम स्थान तेजस्वी पब्लिक स्कूल घाघरा की दशमी कुमारी ने हासिल किया, जबकि द्वितीय स्थान चिल्ड्रेन एकेडमी घाघरा की मंजू असुर और तृतीय स्थान जटिया उच्च विद्यालय की संजना कुमारी को मिला।
बालक वर्ग में विवेकानंद पब्लिक स्कूल आदर के मुकेश उरांव प्रथम स्थान पर रहे, वहीं तेजस्वी पब्लिक स्कूल के अमन किंडो द्वितीय और जय सरना लुरकुडिया स्कूल देवाकी के प्रेम सागर तृतीय रहे। सभी सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार व सम्मान प्रदान किया गया।
समारोह का शुभारंभ नेहरू जी को नमन और ध्वजारोहण से
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर तथा ध्वजारोहण के साथ की गई। बाल दिवस के अवसर पर बच्चों की ऊर्जा और उत्साह देखते ही बन रहा था। इस मौके पर चिल्ड्रेन एकेडमी के प्रबंधक विजय कुमार साहू, भवानी प्रसाद राय, संजय भगत, विजय साहू, सुशीला टोप्पो तथा मीना देवी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: खेल से आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व निर्माण
इस प्रकार के अंतर विद्यालय प्रतियोगिताएँ बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। खेल न सिर्फ जीत-हार का माध्यम है, बल्कि अनुशासन, सहयोग और आत्मविश्वास का भी आधार है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल भावना—भविष्य की नींव
बच्चों को खेल और शिक्षा दोनों में समान अवसर मिलना आवश्यक है। ऐसी प्रतियोगिताएँ युवा पीढ़ी को लक्ष्य, नेतृत्व और सकारात्मक सोच सिखाती हैं।
अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि खेल और शिक्षा को बढ़ावा मिले।





