
#गिरिडीह #कृषि_विकास : उपायुक्त रामनिवास यादव ने कुलगो पंचायत में सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया – किसानों की सुविधा सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
- उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने डुमरी प्रखंड अंतर्गत कुलगो (दक्षिणी) पंचायत में उदवह सिंचाई योजना का स्थल निरीक्षण किया।
- निरीक्षण डीएमएफटी योजना मद से संचालित मरम्मती कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन करने हेतु किया गया।
- उपायुक्त ने धान के खेतों में उतरकर सिंचाई सुविधा की स्थिति का प्रत्यक्ष जायजा लिया।
- संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए ताकि किसानों को निर्बाध सेवा मिल सके।
- परियोजना से किसानों की आय बढ़ाने, फसल विविधीकरण और पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
गिरिडीह जिला उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने शनिवार को डुमरी प्रखंड के कुलगो (दक्षिणी) पंचायत में डीएमएफटी योजना मद के तहत क्रियान्वित उदवह सिंचाई योजना के मरम्मती निर्माण कार्यों का विस्तृत अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने खेतों में उतरकर धान की फसलों की सिंचाई व्यवस्था का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया और ग्रामीणों से संवाद भी स्थापित किया। उपायुक्त ने परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए।
खेतों में उतरकर लिया सिंचाई व्यवस्था का प्रत्यक्ष अनुभव
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव ने सीधे खेतों में पहुंचकर यह देखा कि पानी वितरण की स्थिति कैसी है और किसानों को सिंचाई सुविधा सुचारू रूप से मिल रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि सिंचाई नेटवर्क का मजबूत होना ही कृषि आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है। इस योजना के माध्यम से जलापूर्ति की निरंतरता बनाए रखना जरूरी है ताकि फसलों को पर्याप्त पानी मिल सके और उत्पादन बढ़े।
श्री रामनिवास यादव ने कहा: “इस परियोजना से न केवल किसानों को सीधी सुविधा मिलेगी, बल्कि उनकी आय और जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। प्रशासन का उद्देश्य है कि हर खेत तक पानी पहुंचे और कोई भी किसान सिंचाई के अभाव में परेशान न हो।”
डीएमएफटी योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा
यह परियोजना जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) के वित्तीय सहयोग से चलाई जा रही है। डीएमएफटी योजना का मूल उद्देश्य है कि खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग स्थानीय समुदायों के कल्याण में किया जाए। कुलगो पंचायत में चल रही उदवह सिंचाई योजना उसी लक्ष्य का हिस्सा है।
इस योजना के तहत किसानों को खेतों तक स्थायी जलस्रोत उपलब्ध कराने के लिए नहरों, पाइपलाइन, वितरण चैंबर और मरम्मत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। उपायुक्त ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच भी की और एजेंसी को निर्देश दिया कि कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि खेतों में जल प्रवाह की निगरानी लगातार की जाए और किसानों से प्रत्यक्ष फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार की जाए।
किसानों को मिलेगी राहत, बढ़ेगी फसल विविधता
इस सिंचाई परियोजना से डुमरी प्रखंड के अनेक गांवों के किसान लाभान्वित होंगे। अब उन्हें वर्षा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे खेती में विविधता आएगी — किसान धान के साथ-साथ दलहन, तिलहन, सब्जी और बागवानी जैसी फसलें भी उगा सकेंगे।
ग्रामीणों ने उपायुक्त के इस दौरे को सराहा और कहा कि लंबे समय बाद प्रशासन ने धरातल पर आकर किसानों की समस्याओं को समझने की पहल की है।
एक किसान ने कहा: “पहले खेतों में पानी की बड़ी समस्या थी। अब अगर यह योजना पूरी तरह काम करने लगे तो हम साल में दो या तीन फसलें उगा सकते हैं।”
प्रशासनिक सतर्कता और जवाबदेही पर जोर
उपायुक्त रामनिवास यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि योजनाओं की सफलता जवाबदेही और नियमित मॉनिटरिंग पर निर्भर करती है। उन्होंने विभागीय अभियंताओं से कहा कि वे साइट विजिट बढ़ाएं और हर सप्ताह कार्य प्रगति रिपोर्ट जमा करें।
उन्होंने कहा कि किसी भी परियोजना का लाभ तभी जनता तक पहुंच सकता है जब अधिकारी खुद फील्ड में उतरकर देखें कि योजनाओं का क्रियान्वयन किस स्तर तक हुआ है।
उपायुक्त ने कहा: “किसानों की प्रगति ही जिले की प्रगति है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर खेत तक पानी पहुंचे और हर घर में खुशहाली हो।”
पलायन रोकने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में कदम
उदवह सिंचाई योजना के माध्यम से न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आत्मनिर्भरता की नई संभावनाएं भी पैदा होंगी। उपायुक्त ने कहा कि जब गांव में सिंचाई, रोजगार और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो ग्रामीणों को दूसरे राज्यों में पलायन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि डुमरी प्रखंड जैसे क्षेत्रों को मॉडल ब्लॉक के रूप में विकसित किया जाए, जहां ग्रामीणों को सभी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हों।
न्यूज़ देखो: खेतों में प्रशासन की मौजूदगी से विकास की नई राह
गिरिडीह प्रशासन की यह पहल यह दर्शाती है कि जमीन पर उतरकर काम करने वाला प्रशासन ही जनता का विश्वास जीत सकता है। सिंचाई जैसी आधारभूत सुविधाएं सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं बढ़ातीं, बल्कि यह ग्रामीण समाज की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करती हैं। जब अधिकारी खुद खेतों में उतरते हैं, तो योजनाओं का असर सीधे किसानों की जिंदगी में दिखता है।
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खेतों में पानी, किसानों में मुस्कान – यही सच्चा विकास
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