
#रामगढ़ #सामाजिक_सेवा : सुदूर गांवों में जरूरतमंदों को कंबल और वस्त्र वितरित कर मानवता का संदेश।
रामगढ़ जिले और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने शीतकालीन सेवा अभियान के तहत जरूरतमंदों को राहत सामग्री वितरित की। यह सेवा कार्य ट्रस्ट की सचिव शर्मिला वर्मा के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों से निरंतर चल रहा है। अभियान का उद्देश्य सुदूर गांवों में ठंड से प्रभावित अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है। इस वर्ष का अभियान विशेष रूप से दिवंगत आनंदपाल वर्मा की स्मृति में आयोजित किया गया, जिससे सामाजिक संवेदना और सेवा का संदेश और मजबूत हुआ।
- वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दस वर्षों से लगातार सामाजिक सेवा अभियान संचालित।
- रामगढ़ और आसपास के पिपराही, नावाडीह, सरहुआ गांवों में राहत सामग्री वितरण।
- ठंड से बचाव हेतु कंबल, गर्म कपड़े, साड़ियां और बच्चों के स्वेटर वितरित।
- अभियान दिवंगत आनंदपाल वर्मा की स्मृति में आयोजित।
- शर्मिला वर्मा, विवेक वर्मा, मन्नत सिंह बग्गा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी।
रामगढ़ जिले में सामाजिक सरोकारों को मजबूती देने वाला एक प्रेरणादायी दृश्य उस समय देखने को मिला, जब वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम ने शीतकालीन सेवा अभियान के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का रुख किया। वर्षों से ठंड के मौसम में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य उन जरूरतमंद परिवारों तक सहायता पहुंचाना है, जहां तक आमतौर पर सेवा गतिविधियां नहीं पहुंच पातीं। इस पहल ने न केवल जरूरतमंदों को राहत दी, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों को भी मजबूती प्रदान की।
दस वर्षों की सेवा यात्रा और सामाजिक संतुष्टि
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की सचिव शर्मिला वर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में सुदूर गांवों में जाकर जरूरतमंदों की सेवा करने से जो आत्मिक संतुष्टि मिली, वह किसी अन्य उपलब्धि से नहीं मिल सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट का उद्देश्य केवल सहायता सामग्री वितरण नहीं, बल्कि समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है, जो अक्सर मुख्यधारा से वंचित रह जाता है।
शर्मिला वर्मा ने कहा: “सुदूर गांवों में जाकर जरूरतमंदों की सेवा करने से जो संतोष मिला है, वह शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। मानव जीवन अनमोल है और इसे दूसरों की मदद में लगाना ही सच्ची सेवा है।”
दिवंगत आनंदपाल वर्मा की स्मृति में समर्पित अभियान
इस वर्ष का शीतकालीन सेवा अभियान विवेक वर्मा के चाचाजी एवं शर्मिला वर्मा के चाचा ससुर स्वर्गीय आनंदपाल वर्मा की स्मृति में आयोजित किया गया। उनके श्राद्ध के अवसर पर आयोजित यह सामाजिक कार्य परिवार और समाज के प्रति उनके स्नेह और मूल्यों को जीवंत करता है। ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि यह अभियान उनके आदर्शों को सम्मान देने का एक प्रयास है।
गांवों तक सेवा पहुंचाने की सोच
टीम वरदान का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में सेवा कार्य करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण एक ही व्यक्ति को बार-बार लाभ मिल जाता है, जबकि दूरदराज के गांवों में जरूरतमंद लोग सहायता से वंचित रह जाते हैं। इसी सोच के साथ ट्रस्ट ने रामगढ़ और आसपास के पिपराही, नावाडीह और सरहुआ जैसे गांवों को प्राथमिकता दी।
यहां जरूरतमंद परिवारों को कंबल, गर्म कपड़े, साड़ियां और बच्चों के लिए नए स्वेटर वितरित किए गए, जिससे कड़ाके की ठंड में उन्हें राहत मिल सके।
सहयोगियों की सक्रिय भूमिका
इस अभियान को सफल बनाने में मन्नत सिंह बग्गा, विवेक वर्मा, निर्दोष कुमार सहित कई सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीण स्तर पर मोहित कुमार और राजेश कुमार का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने स्थानीय समन्वय में मदद की।
मन्नत सिंह बग्गा ने कहा: “वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से यह सेवा कार्य हर साल होता है। इससे जरूरतमंदों को वास्तविक राहत मिलती है और ठंड के मौसम में उन्हें सुरक्षा का एहसास होता है।”
बिना राजनीतिक महत्वाकांक्षा के सेवा का संकल्प
टीम वरदान ने स्पष्ट किया कि उनका यह कार्य किसी भी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित नहीं है। बीते कई वर्षों से ट्रस्ट लगातार मानवता के मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है और समाज को यह संदेश दे रहा है कि दूसरों की सहायता करना ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य है। टीम का मानना है कि सेवा कार्य से समाज में सकारात्मक ऊर्जा और आपसी विश्वास बढ़ता है।
अभियान में उपस्थित प्रमुख सदस्य
इस सेवा अभियान में विवेक वर्मा, मन्नत सिंह बग्गा, मंजू चंद्रा, सौभाग्य सृजन और अंकिता वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने इसे सौभाग्य का विषय बताया कि उन्हें जरूरतमंदों की सेवा का अवसर मिला।



न्यूज़ देखो: ग्रामीण सेवा से मजबूत होती सामाजिक जिम्मेदारी
यह खबर बताती है कि संगठित और निरंतर प्रयास से सामाजिक बदलाव संभव है। वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट का मॉडल दिखाता है कि यदि सेवा का उद्देश्य स्पष्ट हो, तो सीमित संसाधनों में भी व्यापक प्रभाव डाला जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी पहल ठंड जैसी आपदाओं में राहत का मजबूत माध्यम बनती हैं। प्रशासन और समाज के अन्य संगठनों को भी इससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेवा से समाज मजबूत होता है, आगे आएं और योगदान दें
सामाजिक जिम्मेदारी केवल संस्थाओं की नहीं, बल्कि हर नागरिक की होती है। जब हम अपने समय और संसाधनों का छोटा सा हिस्सा भी जरूरतमंदों के लिए निकालते हैं, तो समाज में बड़ा बदलाव संभव होता है। ठंड, भूख और अभाव से जूझ रहे लोगों की मदद करना मानवता का सच्चा रूप है।
इस तरह की पहलों से प्रेरणा लें, अपने आसपास जरूरतमंदों की पहचान करें और सहयोग का हाथ बढ़ाएं। अपनी राय साझा करें, इस खबर को आगे बढ़ाएं और सेवा के इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।





