
#Latehar #JPSC : मेहनत और आत्मविश्वास से मिली सफलता—विभूति पांडे बने युवाओं के प्रेरणा स्रोत
- लातेहार जिला के मनिका प्रखंड के रांकी कला गांव के विभूति पांडे का चयन झारखंड प्रशासनिक सेवा में हुआ।
- जेपीएससी परीक्षा में 99वां रैंक लाकर जिले और गांव का नाम किया रोशन।
- विभूति के पिता जितेंद्र पांडे जाने-माने समाजसेवी और व्यवसायी हैं।
- कोचिंग के बिना हासिल की सफलता, यूपीएससी की पीटी भी कर चुके हैं पास।
- संदेश दिया—“कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से मिलती है सफलता।”
मेहनत और लगन से मिली सफलता
लातेहार जिला के मनिका प्रखंड के रांकी कला निवासी विभूति पांडे ने जेपीएससी परीक्षा में सफलता पाकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। विभूति ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 99वां रैंक हासिल किया। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए भी सम्मान की बात है।
परिवार की खुशी और गांव का जश्न
विभूति पांडे के पिता जितेंद्र पांडे रांकी कला के जाने-माने समाजसेवी और व्यवसायी हैं। बेटे की इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। गांव वालों ने मिठाई बांटकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। लोग बताते हैं कि विभूति बचपन से ही पढ़ाई में कुशाग्र बुद्धि के रहे हैं।
यूपीएससी से जेपीएससी तक का सफर
विभूति ने 2024 में यूपीएससी परीक्षा का प्रीलिम्स पास किया था, लेकिन मेंस में चयन नहीं हो सका। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। 2025 में फिर से यूपीएससी का प्रीलिम्स पास किया और अब मेंस परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। इसी बीच 2023 में आयोजित जेपीएससी परीक्षा का परिणाम आया, जिसमें उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की।
बिना कोचिंग के बनी मिसाल
विभूति ने जेपीएससी की तैयारी बिना किसी कोचिंग के की। उन्होंने बताया कि वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं। उनका कहना है कि “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। मेहनत, धैर्य और सही मार्गदर्शन ही सफलता की कुंजी है।”
विभूति पांडे ने कहा: “मेरा सपना यूपीएससी पास कर माता-पिता के सपनों को पूरा करना है। मेहनत करने वालों को कभी हार नहीं माननी चाहिए।”
न्यूज़ देखो: मेहनत का चमकता सितारा
लातेहार के रांकी कला जैसे छोटे गांव से निकलकर विभूति पांडे ने यह साबित कर दिया कि सपनों की उड़ान मेहनत और लगन से ही पूरी होती है। उनकी सफलता से जिले के युवाओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। न्यूज़ देखो की टीम ऐसे प्रयासों को सलाम करती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सपनों को पंख दीजिए
विभूति की कहानी हमें यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और धैर्य के साथ लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अगर आपको यह खबर प्रेरणादायक लगी, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें और कमेंट में अपनी राय दें।