
#छतरपुर #समाजसेवा : निजी पहल से गरीब बुजुर्ग और दिव्यांगों को मिली ठंड से राहत।
छतरपुर प्रखंड के कंचनपुर वार्ड संख्या तीन में भीषण ठंड के बीच एक समाजसेवी पहल सामने आई है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि एवं समाजसेवी विजय यादव ने निजी खर्च से जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया। सरकारी सहायता सीमित होने के कारण ठंड से जूझ रहे गरीब, बुजुर्ग और दिव्यांगों को यह मदद राहत देने वाली साबित हुई। इस पहल ने क्षेत्र में सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
- कंचनपुर वार्ड संख्या–3 में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण।
- समाजसेवी विजय यादव ने निजी खर्च से दो दर्जन कंबल बांटे।
- गरीब, बुजुर्ग एवं दिव्यांग लोगों को मिली सीधी राहत।
- सरकारी स्तर पर वार्ड को मिले थे केवल 9 कंबल।
- ठंड से पीड़ित लोगों की स्थिति देखकर की गई पहल।
- ग्रामीणों ने समाजसेवी कदम की खुले दिल से सराहना की।
छतरपुर (पलामू) क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित कर रखा है। खासकर गरीब, बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों के लिए यह ठंड किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसी बीच कंचनपुर वार्ड संख्या–3 में एक मानवीय पहल सामने आई है, जिसने जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। वार्ड की पार्षद जसपाती देवी के पति एवं समाजसेवी विजय यादव ने आगे बढ़कर ठंड से जूझ रहे लोगों की मदद का बीड़ा उठाया।
सरकारी स्तर पर उपलब्ध संसाधन जब जरूरत के अनुरूप नहीं पहुंचे, तब विजय यादव ने अपनी जेब से खर्च कर दो दर्जन कंबल खरीदकर जरूरतमंदों के बीच वितरण किया। यह वितरण केवल एक सहायता नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक बन गया।
सरकारी सहायता सीमित, निजी पहल बनी सहारा
विजय यादव ने बताया कि प्रखंड कार्यालय की ओर से वार्ड क्षेत्र में कंबल वितरण के लिए मात्र 9 कंबल ही उपलब्ध कराए गए थे। जबकि वार्ड में जरूरतमंद लोगों की संख्या कहीं अधिक है। ऐसे में कई गरीब परिवार, बुजुर्ग और दिव्यांग ठंड में बिना पर्याप्त सुरक्षा के जीवन जीने को मजबूर थे।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने लोगों की स्थिति देखी, तो मन व्यथित हो गया। ठंड से कांपते बुजुर्गों और असहाय लोगों को देखकर उन्होंने तुरंत निर्णय लिया कि वे स्वयं कंबल खरीदकर वितरण करेंगे, ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड की वजह से परेशान न हो।
किन लोगों को मिला कंबल
इस कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान गांव के गरीब परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता दी गई। समाजसेवी विजय यादव ने स्वयं उपस्थित रहकर सभी जरूरतमंदों को कंबल प्रदान किए और उनका हालचाल भी जाना।
ग्रामीणों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से न केवल ठंड से राहत मिलती है, बल्कि लोगों में यह भरोसा भी पैदा होता है कि समाज में अभी भी संवेदनशील और मददगार लोग मौजूद हैं।
ग्रामीणों की मौजूदगी और सहयोग
इस अवसर पर गांव के कई सम्मानित लोग उपस्थित रहे, जिनमें प्रमोद यादव, अखिलेश यादव, मुखन यादव, गोबिंद प्रसाद यादव एवं आनंद कुमार यादव शामिल थे। सभी ने विजय यादव की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे समाजसेवी कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हैं।
ग्रामीणों का कहना था कि जब जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों द्वारा इस तरह से व्यक्तिगत स्तर पर मदद की जाती है, तो समाज में सकारात्मक माहौल बनता है और आपसी सहयोग की भावना मजबूत होती है।
समाज के सक्षम लोगों से अपील
कंबल वितरण के दौरान विजय यादव ने समाज के सक्षम और संपन्न लोगों से भी अपील की। उन्होंने कहा कि ठंड का मौसम गरीबों के लिए सबसे कठिन समय होता है। ऐसे में यदि हर सक्षम व्यक्ति थोड़ी-सी जिम्मेदारी ले ले, तो कोई भी जरूरतमंद ठंड में असहाय नहीं रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि समाजसेवा किसी पद या पहचान की मोहताज नहीं होती, बल्कि यह इंसानियत का धर्म है। जरूरतमंदों की मदद कर जो संतोष मिलता है, वह किसी भी व्यक्तिगत लाभ से कहीं बड़ा होता है।
क्षेत्र में बनी सकारात्मक चर्चा
इस पहल के बाद कंचनपुर वार्ड और आसपास के इलाकों में विजय यादव की सराहना हो रही है। लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जब सरकारी सहायता सीमित हो, तब ऐसे समाजसेवी कदम कितने महत्वपूर्ण हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि हर वार्ड और गांव में इस तरह की पहल हो, तो सर्दी के मौसम में किसी को परेशानी नहीं होगी।
न्यूज़ देखो: जब इंसानियत निभाती है जिम्मेदारी
कंचनपुर वार्ड में कंबल वितरण की यह पहल दिखाती है कि समाज की समस्याओं का समाधान केवल सरकारी योजनाओं से ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत संवेदनशीलता से भी संभव है। विजय यादव जैसे समाजसेवी यह साबित करते हैं कि छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। जरूरत है ऐसे प्रयासों को पहचानने और प्रोत्साहित करने की। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ठंड में मदद ही सबसे बड़ा धर्म
कड़ाके की ठंड में एक कंबल किसी के लिए जीवन रक्षक बन सकता है।
समाज के हर सक्षम व्यक्ति को आगे आकर जरूरतमंदों का हाथ थामना चाहिए।
आप भी अपने आसपास किसी की मदद कर सकते हैं—छोटी मदद भी बड़ी राहत बनती है।
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