
गुमला #डुमरी प्रखंड : बारिश में और बिगड़ी सड़क की स्थिति — श्रद्धालुओं और छात्रों को सबसे अधिक परेशानी
- सरना स्थल तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क की हालत बेहद जर्जर।
- हर वर्ष सांसद, विधायक, अफसर आते हैं, लेकिन सड़क की सुध नहीं ली जाती।
- बरसात में कीचड़ और गड्ढों से वाहन और पैदल आवाजाही खतरनाक हो जाती है।
- स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा मुश्किल।
- ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल मरम्मत की मांग उठाई है।
- सड़क की दुर्दशा क्षेत्र की छवि और आस्था दोनों को कर रही प्रभावित।
सरना स्थल को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बनी ग्रामीणों की सबसे बड़ी परेशानी
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में स्थित सरना पूजा स्थल तक जाने वाली सड़क इन दिनों ग्रामीणों की सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है। यह मार्ग हर साल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र बनता है, जहां जिले के सांसद, विधायक, अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि भी भाग लेने आते हैं। इसके बावजूद इस सड़क की मरम्मत को लेकर प्रशासन की बेरुखी अब लोगों के आक्रोश का कारण बनती जा रही है।
बारिश में सड़क का हाल और भी खतरनाक
स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क की हालत कई वर्षों से खराब है, लेकिन बरसात के मौसम में यह और दयनीय हो जाती है। बड़े-बड़े गड्ढे, कीचड़ और जलजमाव के चलते जहां वाहनों का चलना कठिन हो जाता है, वहीं पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन फिसलने और गिरने की घटनाएं होती हैं, जिससे लोगों को चोटिल होना पड़ता है।
सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर
इस खराब सड़क का सबसे बुरा असर स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। बच्चों को हर दिन इसी रास्ते से होकर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे सुरक्षा की चिंता बनी रहती है और वे समय पर विद्यालय भी नहीं पहुंच पाते। बुजुर्गों के लिए यह मार्ग किसी दुर्घटना का कारण बन गया है।
कई बार मांगें उठीं, पर सिर्फ आश्वासन ही मिला
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि जब सरना पूजा के दौरान नेता और अधिकारी यहां आते हैं तो मंच से वादे करते हैं, लेकिन जैसे ही आयोजन समाप्त होता है, सड़क की समस्या को भुला दिया जाता है।
स्थानीय ग्रामीण बसंत मुंडा ने कहा: “हर साल सरना पूजा के समय नेता आते हैं, भाषण देते हैं, लेकिन सड़क वैसी की वैसी रहती है। हमलोगों को सिर्फ झूठे वादे मिलते हैं।”
सड़क केवल रास्ता नहीं, आस्था और संस्कृति से जुड़ा है
ग्रामीणों ने साफ कहा कि यह सड़क केवल एक भौतिक संपर्क मार्ग नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़ा मार्ग है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु पूजा के लिए आते हैं। सड़क की बदहाल स्थिति ना सिर्फ श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा रही है, बल्कि क्षेत्र की छवि को भी धूमिल कर रही है।
प्रशासन से एकजुट होकर की गई मरम्मत की मांग
ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रशासन से शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द सड़क की मरम्मत नहीं होती है, तो वे बड़ा जनआंदोलन करेंगे। इस सड़क की अनदेखी अब सहन के बाहर हो चुकी है।
प्रखंड प्रमुख जीवंती एक्का ने कहा: “हम प्रशासन से निवेदन नहीं, अब आग्रह कर रहे हैं कि इस सड़क को तुरंत दुरुस्त किया जाए। यह आम रास्ता नहीं, हमारी संस्कृति की डोर है।”
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को लेकर कोई ठोस पहल करेगा या फिर ग्रामीणों को एक और पूजा में उसी टूटे रास्ते से गुजरना पड़ेगा।

न्यूज़ देखो: जमीनी हकीकत से उठती पीड़ा की पुकार
‘न्यूज़ देखो’ इस मुद्दे को जनता की आवाज़ बनाकर सामने ला रहा है। यह केवल एक सड़क की समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और व्यवस्था की असंवेदनशीलता का आईना है। जब नेता और अधिकारी उसी रास्ते से आते-जाते हैं, तो मरम्मत क्यों नहीं होती? इस सवाल का जवाब अब ज़िम्मेदारों को देना होगा।
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