
#विशुनपुरा #चोरी_विरोध : 24 घंटे बाद भी चोर पुलिस की पकड़ से बाहर, व्यापारियों में आक्रोश।
गढ़वा जिले के विशुनपुरा बाजार में करीब 50 लाख रुपये की भीषण चोरी की घटना के बाद व्यापारियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। घटना के दूसरे दिन भी बाजार पूरी तरह बंद रहा और दुकानदारों ने धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बावजूद चोरों की गिरफ्तारी नहीं होने से व्यापारियों में असुरक्षा का माहौल है।
- शुभलक्ष्मी वस्त्रालय और मुन्ना ज्वेलर्स में हुई करीब 50 लाख रुपये की चोरी।
- घटना के दूसरे दिन भी विशुनपुरा बाजार पूरी तरह बंद रहा।
- व्यवसायी संघ के नेतृत्व में दुकानदारों का धरना और विरोध प्रदर्शन।
- 24 घंटे बाद भी चोरी का खुलासा नहीं, चोर फरार।
- थाना चौक से गांधी चौक तक मौन जुलूस, बड़ी संख्या में व्यापारी और जनप्रतिनिधि शामिल।
- विशुनपुरा थाना प्रभारी राहुल सिंह के नेतृत्व में जांच जारी।
विशुनपुरा मुख्यालय के अपर बाजार स्थित शुभलक्ष्मी वस्त्रालय एवं मुन्ना ज्वेलर्स में हुई लगभग 50 लाख रुपये की भीषण चोरी की घटना ने पूरे बाजार क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। घटना के दूसरे दिन भी व्यापारियों का आक्रोश शांत नहीं हुआ। नाराज व्यवसायियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान अनिश्चितकालीन बंद रखते हुए दुकानों के सामने धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया।
व्यापारियों का कहना है कि बाजार के बीचोबीच स्थित प्रतिष्ठानों में इतनी बड़ी चोरी की घटना यह साबित करती है कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम है। यदि मुख्य बाजार में कारोबार करने वाले व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या भरोसा रह जाता है। इस घटना के बाद पूरे बाजार क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है।
दूसरे दिन भी जारी रहा आंदोलन, बाजार बंद
चोरी की घटना के विरोध में विशुनपुरा बाजार के अधिकांश दुकानदारों ने दूसरे दिन भी स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। व्यापारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक चोरी की घटना का खुलासा नहीं होता और चोरों की गिरफ्तारी नहीं की जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। दुकानों के बाहर बैठे व्यापारियों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।
मौन जुलूस और सड़क पर उतरकर विरोध
व्यापारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस घटना के खिलाफ एकजुटता दिखाई। विशुनपुरा थाना चौक से गांधी चौक तक सैकड़ों की संख्या में व्यापारी और जनप्रतिनिधि मौन धारण कर सड़क पर उतरे। हाथों में कोई नारेबाजी नहीं थी, लेकिन चेहरे पर प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी साफ झलक रही थी। मौन जुलूस के माध्यम से व्यापारियों ने यह संदेश देने की कोशिश की कि वे शांति चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।

व्यवसायी संघ का स्पष्ट अल्टीमेटम
धरना स्थल पर मौजूद व्यवसायी संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि यह केवल दो दुकानों की चोरी का मामला नहीं है, बल्कि पूरे बाजार की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद न तो चोरों की पहचान हो सकी है और न ही चोरी गए माल की कोई बरामदगी हुई है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब तक कोई भी वरीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर पीड़ित व्यापारियों से सीधे संवाद नहीं कर सका है, जिससे व्यापारियों में नाराजगी और बढ़ गई है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
व्यापारियों का कहना है कि यदि रात्रि गश्ती और पुलिस की निगरानी प्रभावी होती, तो इतनी बड़ी चोरी की घटना को अंजाम देना आसान नहीं होता। उन्होंने बाजार क्षेत्र में स्थायी पुलिस पिकेट, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और रात्रि गश्ती को और सख्त करने की मांग की है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि आए दिन छोटी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है।
पुलिस का पक्ष: जांच जारी
इस मामले में विशुनपुरा थाना प्रभारी राहुल सिंह ने बताया कि पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही इस चोरी का खुलासा किया जाएगा। हालांकि पुलिस के इन दावों से व्यापारी फिलहाल संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।

पूरे बाजार में दहशत का माहौल
इस सनसनीखेज चोरी की घटना ने न केवल प्रभावित दुकानदारों को, बल्कि पूरे विशुनपुरा बाजार क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। छोटे व्यापारियों से लेकर ग्राहकों तक में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि जब दिनदहाड़े और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में इतनी बड़ी वारदात हो सकती है, तो रात के समय हालात कितने असुरक्षित होंगे।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी परीक्षा
विशुनपुरा में हुई यह चोरी की घटना स्थानीय प्रशासन और पुलिस व्यवस्था की बड़ी परीक्षा है। व्यापारियों का आक्रोश यह दर्शाता है कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस और त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। यदि समय रहते चोरों की गिरफ्तारी और चोरी का खुलासा नहीं हुआ, तो इसका असर पूरे क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर पड़ सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भरोसा बहाल करना अब प्रशासन की जिम्मेदारी
व्यापार और आजीविका किसी भी क्षेत्र की रीढ़ होते हैं। ऐसे में व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
अब समय आ गया है कि दोषियों को जल्द पकड़कर कड़ा संदेश दिया जाए, ताकि आम लोगों का भरोसा बहाल हो सके।
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