
#सिमडेगा #जनजातीय_खेलकूद : बोकारो में आयोजित राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने स्वर्ण व रजत पदक जीतकर बढ़ाया मान।
सिमडेगा जिले के विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ के विद्यार्थियों ने 25वीं जनजातीय खेलकूद प्रतियोगिता 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड के तत्वावधान में बोकारो के मोहन कुमार मंगलम स्टेडियम में आयोजित इस प्रतियोगिता में विद्यालय के खिलाड़ियों ने स्वर्ण और रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। प्रतियोगिता में अनुशासन, समर्पण और खेलभावना का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। इस उपलब्धि ने विद्यालय सहित पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया है।
- राहुल बड़ाईक ने गोला फेंक में स्वर्ण पदक हासिल किया।
- राहुल बड़ाईक ने 100 मीटर दौड़ सब-जूनियर वर्ग में रजत पदक जीता।
- बहालेन समद ने गोला फेंक जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- हिना कुमारी ने 100 मीटर दौड़ जूनियर वर्ग में रजत पदक अर्जित किया।
- विद्यालय परिसर में विजयी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया।
वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड के तत्वावधान में आयोजित पच्चीसवीं जनजातीय खेलकूद प्रतियोगिता 2025 का आयोजन बोकारो स्थित मोहन कुमार मंगलम स्टेडियम में भव्य स्तर पर किया गया। इस प्रतियोगिता में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए जनजातीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सिमडेगा जिले से भाग लेने वाले विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर विद्यालय और जिले का नाम रोशन किया।
प्रतियोगिता के दौरान विद्यालय के भैया-बहनों ने न केवल अपनी शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि अनुशासन, समर्पण और खेलभावना का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। सीमित संसाधनों के बावजूद विद्यार्थियों की मेहनत और प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन का सकारात्मक परिणाम पदकों के रूप में सामने आया।
गोला फेंक और दौड़ में शानदार उपलब्धि
प्रतियोगिता में भैया राहुल बड़ाईक ने गोला फेंक प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने 100 मीटर दौड़ सब-जूनियर वर्ग में रजत पदक जीतकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया।
वहीं बहन बहालेन समद ने गोला फेंक जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर विद्यालय की उपलब्धियों में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। उनकी यह सफलता कठिन परिश्रम और निरंतर अभ्यास का परिणाम मानी जा रही है।
इसके अलावा बहन हिना कुमारी ने 100 मीटर दौड़ जूनियर वर्ग में रजत पदक प्राप्त कर यह सिद्ध किया कि विद्यालय की छात्राएं भी खेल के क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं हैं।
विद्यालय में विजयी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत
प्रतियोगिता से लौटने पर विवेकानन्द शिशु विद्या मंदिर, लचरागढ़ के परिसर में विजयी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। आचार्यों, प्रधानाचार्य, अभिभावकों और विद्यालय परिवार द्वारा पुष्पवर्षा, पुष्पगुच्छ और तालियों की गूंज के साथ खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय परिसर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। अभिभावकों ने बच्चों की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
प्रधानाचार्य का प्रेरक संदेश
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों की मेहनत, अनुशासन और खेलभावना का परिणाम है। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक विकास करता है, बल्कि आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और अनुशासन भी सिखाता है।
प्रधानाचार्य ने कहा:
“निरंतर अभ्यास, समर्पण और अनुशासन के साथ यदि विद्यार्थी आगे बढ़ते रहें, तो वे भविष्य में और भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।”
उन्होंने सभी विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए खेल और पढ़ाई में संतुलन बनाए रखने की सलाह दी।
प्रशिक्षण और संस्कारयुक्त शिक्षा का परिणाम
यह गौरवपूर्ण सफलता विद्यालय में दिए जा रहे समर्पित प्रशिक्षण, संस्कारयुक्त शिक्षा और विद्यार्थियों के दृढ़ संकल्प का जीवंत प्रमाण है। विद्यालय लंबे समय से शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान देता रहा है।
विद्यालय परिवार ने भविष्य में भी इसी तरह के श्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद जताई और खिलाड़ियों को आगे की प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इस अवसर पर विद्यालय से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें प्रधानाचार्य राजेन्द्र साहु, यमुना कुमारी, दशरथी देवी, लक्ष्मी देवी, अर्जुन महतो, बसंती बड़ाईक, शकुंतला कुमारी, गणेश सिंह, जगेश्वर सिंह, प्रमोद पाणीग्राही, सुदर्शन कुमार, प्रगति सिंह, दीक्षित कुमारी, सुनीति कुमारी, संध्या बड़ाईक, भागीरथी सिंह, शिवीरचन्द्र नायक, रजनी बड़ाईक सहित अन्य शिक्षक, अभिभावक एवं विद्यालय कर्मी शामिल थे।
जनजातीय प्रतिभाओं को मंच देने वाली प्रतियोगिता
जनजातीय खेलकूद प्रतियोगिता जैसे आयोजन ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है और खेल संस्कृति को मजबूती मिलती है।

न्यूज़ देखो: मेहनत और अनुशासन की जीत
लचरागढ़ के विद्यार्थियों की यह सफलता बताती है कि सही मार्गदर्शन, नियमित अभ्यास और सकारात्मक सोच से किसी भी मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा सकता है। यह उपलब्धि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। सवाल यह है कि क्या इन प्रतिभाओं को आगे भी पर्याप्त संसाधन और मंच मिल पाएंगे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेल से संस्कार, संस्कार से सफलता
खेल केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाते हैं। बच्चों की इस सफलता से प्रेरणा लेकर समाज को खेलों के प्रति सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए। अपनी राय कमेंट में साझा करें, इस प्रेरक खबर को आगे बढ़ाएं और प्रतिभाओं के उत्साह को नई उड़ान देने में सहभागी बनें।




