
#सरायकेला #खरसांवा : महिलाओं और किशोरियों में गर्भाशय, सर्वाइकल और स्तन कैंसर के प्रति स्वास्थ्य चेतना बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम।
- डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन ने पिलिद, पंचायत शीतू, ब्लॉक ईचागढ़ में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
- राज्य समन्वयक प्रियंका कुमारी ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
- ब्लॉक कोऑर्डिनेटर गंगा पुरन और श्रीमती स्नेह लता ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- महिलाओं और किशोरियों को गर्भाशय, सर्वाइकल और स्तन कैंसर के लक्षण, जोखिम और शुरुआती पहचान के बारे में जानकारी दी गई।
- स्वयं-परीक्षण (Self-Examination) और नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जोर दिया गया।
- फाउंडेशन ने “पीरियड पाठशाला” शुरू करने की योजना की घोषणा की।
डब्ल्यूसीएसएफ चैरिटीस्पिरिट फाउंडेशन ने अनुग्रह नारायण उच्च विद्यालय पिलिद, पंचायत शीतू, ब्लॉक ईचागढ़, जिला सरायकेला-खरसांवा में महिलाओं और किशोरियों के लिए गर्भाशय, सर्वाइकल और स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस अभियान में बड़ी संख्या में छात्राओं और ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का नेतृत्व राज्य समन्वयक प्रियंका कुमारी ने किया, जबकि ब्लॉक कोऑर्डिनेटर श्री गंगा पुरन और श्रीमती स्नेह लता ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
प्रियंका कुमारी ने उपस्थित महिलाओं और किशोरियों को वैज्ञानिक और संवेदनशील तरीके से बताया कि महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को समझना क्यों आवश्यक है। उन्होंने विस्तार से समझाया कि गर्भाशय एवं सर्वाइकल कैंसर कैसे विकसित होते हैं, इनके शुरुआती लक्षण क्या हैं, और समय पर जांच एवं सुरक्षित आदतों से जोखिम को कम किया जा सकता है।
प्रियंका कुमारी ने कहा: “जागरूकता ही स्वास्थ्य का सबसे बड़ा हथियार है। हर महिला और किशोरी को अपने शरीर की पहचान और सुरक्षा करनी चाहिए।”
स्तन कैंसर के संदर्भ में उन्होंने स्वयं-परीक्षण (Self-Examination) की विधि को विस्तार से समझाया और कहा कि हर महिला और किशोरी को महीने में कम से कम एक बार यह जांच अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि घबराने की नहीं बल्कि समय पर जांच करवाने की आवश्यकता है, क्योंकि शुरुआती अवस्था में उपचार संभव है।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं और महिलाओं ने स्वीकार किया कि इससे पहले उन्हें कैंसर और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी सीमित थी। कार्यक्रम के बाद उनमें स्वास्थ्य सुरक्षा और सजगता की स्पष्ट सकारात्मक बदलाव देखा गया।
डब्ल्यूसीएसएफ फाउंडेशन ने घोषणा की कि सरायकेला-खरसांवा जिले के प्रत्येक पंचायत और गांव में नियमित कैंसर जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा। साथ ही “पीरियड पाठशाला” शुरू की जाएगी, जिसमें मासिक धर्म स्वच्छता, संक्रमण से बचाव, हार्मोनल बदलाव, एनीमिया की रोकथाम और स्वच्छता की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति महिलाओं और किशोरियों को जागरूक किया जाएगा।
ब्लॉक कोऑर्डिनेटर गंगा पुरन ने कहा: “हमारा लक्ष्य है कि हर महिला और किशोरी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बने।”



न्यूज़ देखो: ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य चेतना का सशक्तिकरण
यह कार्यक्रम दिखाता है कि जागरूकता ही स्वास्थ्य सुरक्षा की कुंजी है। फाउंडेशन की पहल से ग्रामीण महिलाएँ अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो रही हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शुरुआती लक्षण पहचानने में सक्षम हो रही हैं। शिक्षा और जागरूकता ग्रामीण समाज में स्थायी बदलाव ला सकती है।
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स्वास्थ्य जागरूकता से सशक्त समाज का निर्माण
स्वस्थ और सशक्त समाज तभी बन सकता है जब महिलाएँ और किशोरियाँ अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों। यह कार्यक्रम यह संदेश देता है कि जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। अपने आस-पास की महिलाओं और किशोरियों को यह जानकारी साझा करें। कमेंट में बताएं कि आपके इलाके में स्वास्थ्य जागरूकता के प्रयास कितने प्रभावी हैं। खबर को साझा करें और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने में योगदान दें।





