Simdega

कोलेबीरा देवीगुड़ी मंदिर परिसर में शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित

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#सिमडेगा #धार्मिक_संस्कृति : कोलेबीरा देवीगुड़ी मंदिर में शस्त्र पूजन और नगर मार्ग यात्रा का आयोजन धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्साह से संपन्न
  • कोलेबीरा देवीगुड़ी मंदिर परिसर में शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन का आयोजन हुआ।
  • कार्यक्रम का आयोजन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और मातृशक्ति दूर्गा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
  • मुख्य आयोजकों में जिला सत्संग प्रमुख प्रकाश दास गोस्वामी और बजरंग दल मंत्री धनंजय झा शामिल थे।
  • समारोह में स्थानीय श्रद्धालु और हिंदू सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से शामिल हुए।
  • कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना और लोगों को एक साथ जोड़ना था।

सिमडेगा के कोलेबीरा क्षेत्र में स्थित देवीगुड़ी मंदिर परिसर में सोमवार को शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और मातृशक्ति दूर्गा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत माँ जगदंबा दुर्गा देवी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर और आरती-पूजन से हुई। इसके बाद शास्त्रों की पूजा सम्पन्न की गई और मंदिर परिसर से नगर मार्ग यात्रा की शुरुआत हुई।

कार्यक्रम की रूपरेखा

मुख्य आयोजकों में जिला सत्संग प्रमुख प्रकाश दास गोस्वामी और बजरंग दल मंत्री धनंजय झा शामिल रहे। समारोह में अन्य गणमान्य लोग जैसे जनेश्वर बिल्हौर, चिंतामणि कुमार, ललित साहू, डोमटोली पंचायत समिति सदस्य ज्योति कश्यप, आशा देवी, लक्ष्मी देवी, रेणु देवी, सुमिला देवी, सुषमा देवी, जया सोनी, गितांजली देवी और चंचल झा उपस्थित थे।

कार्यक्रम के दौरान स्थानीय श्रद्धालु एवं सामाजिक संगठन उत्साहपूर्ण रूप से शामिल हुए। शस्त्र पूजन और पथ संचलन की परंपरा ने स्थानीय धर्म एवं संस्कृति के प्रति लोगों की भावनात्मक जुड़ाव को प्रकट किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान के रूप में बल्कि सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक जागरूकता के लिए भी महत्वपूर्ण रहा।

आयोजकों की टिप्पणी

प्रकाश दास गोस्वामी ने कहा: “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करने और नई पीढ़ी में उत्साह और जागरूकता बढ़ाने का माध्यम है।”

धनंजय झा ने कहा: “शस्त्र पूजन केवल एक अनुष्ठान नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का प्रतीक है।”

न्यूज़ देखो: धार्मिक परंपराओं में सामाजिक एकता का सशक्त संदेश

इस कार्यक्रम ने स्पष्ट किया कि धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज में एकता, जागरूकता और सांस्कृतिक चेतना बढ़ाई जा सकती है। स्थानीय संगठन और श्रद्धालु मिलकर परंपराओं को जीवित रख रहे हैं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक सहभागिता

धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में सहभागिता केवल आस्था का प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज में मेलजोल और एकजुटता का प्रतीक भी है। हमें अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समाज में संस्कृति और एकता के संदेश को फैलाने में योगदान दें।

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