
#गढ़वा #शिक्षा_विभाग : स्थानांतरण के बावजूद बीआरसी विशुनपुरा में काम प्रभावित, अधिकारी मनचाही पोस्टिंग के लिए कार्यालय चक्कर लगा रहे हैं
- रवि शंकर कुमार, जो भंडारिया प्रखंड से स्थानांतरित होकर विशुनपुरा प्रखंड संसाधन केंद्र में आए थे, ने अब तक अपना योगदान नहीं दिया।
- जिला कार्यकारिणी समिति के आदेश के अनुसार, नए स्थानांतरण के सात दिनों के भीतर योगदान देना अनिवार्य था, लेकिन आदेश जारी हुए लगभग एक माह बीत चुका है।
- सुदीप श्रीवास्तव, जो पहले विशुनपुरा में कार्यरत थे, अपने नए स्थानांतरण केतार प्रखंड में समय पर योगदान दे चुके हैं।
- रवि शंकर कुमार अब कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं ताकि अपनी मनचाही पोस्टिंग प्राप्त कर सकें।
- इस कारण प्रखंड संसाधन केंद्र विशुनपुरा का काम पूरी तरह ठप हो गया है।
- जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उनका योगदान लंबित भुगतान के कारण अभी तक नहीं दिया गया है और जल्द ही पूरा किया जाएगा।
गढ़वा जिले में शिक्षा विभाग की जिला कार्यकारिणी समिति के आदेशानुसार, तीन वर्षों से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थापित प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रबंधकों का स्थानांतरण किया गया। इसका उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना और प्रखंड संसाधन केंद्रों की गति सुनिश्चित करना था। 27 सितंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, स्थानांतरण के बाद सभी अधिकारियों को नए पदस्थापित प्रखंड में सात दिनों के भीतर योगदान देना था और इसकी सूचना अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना अनिवार्य था।
विशुनपुरा में योगदान का ठहराव
विशुनपुरा प्रखंड संसाधन केंद्र पर स्थिति गंभीर है। भंडारिया प्रखंड से रवि शंकर कुमार को यहां भेजा गया था, लेकिन उन्होंने अब तक अपना योगदान नहीं दिया। इसके विपरीत, उनके स्थान पर गढ़वा से एडमुन कछप ने भंडारिया प्रखंड में योगदान दे दिया है और सुदीप श्रीवास्तव ने भी केतार प्रखंड में अपने नए कर्तव्यों का पालन किया। रवि शंकर कुमार के कार्यालय चक्कर लगाने की वजह से केंद्र में काम ठप है और शिक्षा गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी का बयान
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया:
“रवि शंकर कुमार के योगदान न देने का कारण उनका लंबित भुगतनान है। बहुत जल्द वे विशुनपुरा में अपना योगदान देंगे।”
शिक्षकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय शिक्षकों ने कहा:
“यदि अधिकारी स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं करेंगे तो शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी। विभाग को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
स्थानीय शिक्षक और कर्मचारी इस बात पर चिंतित हैं कि योगदान में देरी से विद्यार्थियों की शिक्षा, परीक्षा और प्रखंड की अन्य योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई कर अधिकारियों को कर्तव्यों का पालन करने के लिए बाध्य करना चाहिए।
न्यूज़ देखो: गढ़वा में शिक्षा व्यवस्था की गति प्रभावित, विभागीय आदेशों का पालन जरूरी
यह मामला दर्शाता है कि प्रशासनिक आदेशों के पालन में देरी से शिक्षा विभाग की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है। विभाग को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि शिक्षा कार्य सुचारू रूप से जारी रहे।
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सजग रहें, सक्रिय बनें, शिक्षा व्यवस्था में भागीदार बनें
स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी समय पर अपने कर्तव्यों का पालन करें। अभिभावक और शिक्षक अपने अधिकारों और बच्चों की शिक्षा के लिए सजग रहें। इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और सुनिश्चित करें कि प्रशासनिक आदेशों का पालन हर स्तर पर हो।




