
#पलामू #समाज : बढ़ती शराबखोरी से बिगड़ रहा युवाओं का करियर और परिवार का संतुलन
- कम उम्र में नशे की लत युवाओं को पढ़ाई और करियर से भटका रही है।
- बेरोजगारी और गलत संगत मुख्य कारण बन रहे हैं शराबखोरी के।
- शारीरिक कमजोरी, लीवर रोग और मानसिक तनाव जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं।
- घरेलू विवाद, अपराध और सड़क हादसों में हो रही तेजी से बढ़ोतरी।
- झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने नशामुक्त समाज की अपील की।
पलामू। क्षेत्र में युवाओं के बीच शराबखोरी की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। कम उम्र में ही नशे की गिरफ्त में फँस रहे युवा न केवल अपने भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं बल्कि परिवार और समाज के लिए भी गहरी समस्या पैदा कर रहे हैं। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए सामाजिक संगठन और जागरूक वर्ग लगातार आवाज उठा रहे हैं।
बेरोजगारी और गलत संगत से बिगड़ रहा भविष्य
झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (पत्रकार संघ) पांडू एवं उंटारी रोड प्रखंड अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि बेरोजगारी, गलत संगत और खाली समय युवाओं को शराब की ओर धकेल रहे हैं। कई परिवारों में युवा सदस्य पढ़ाई बीच में छोड़ चुके हैं या फिर अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा शराब पर खर्च कर रहे हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर
चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शराब का लगातार सेवन शारीरिक कमजोरी, लीवर संबंधी बीमारियाँ, मानसिक तनाव और अवसाद जैसी गंभीर समस्याएँ पैदा करता है। वहीं सामाजिक स्तर पर घरेलू विवाद, अपराध और सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
अध्यक्ष अनिल शर्मा ने युवाओं से अपील की कि वे शराब जैसी बुरी लत से दूरी बनाकर अपने भविष्य को सुरक्षित करें। उन्होंने कहा—
अनिल शर्मा: “नशामुक्त समाज ही स्वस्थ और समृद्ध समाज की पहचान है।”
साथ ही उन्होंने प्रशासन से शराब बिक्री पर सख्त रोक लगाने और युवाओं को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की।
आने वाली पीढ़ी पर मंडरा रहा खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह प्रवृत्ति आने वाली पीढ़ी को भी अंधकार की ओर धकेल सकती है। शिक्षा और करियर की राह से भटकते युवा भविष्य में समाज और राष्ट्र की प्रगति में बाधक बन सकते हैं।
न्यूज़ देखो: युवाओं का भविष्य बचाना समाज की प्राथमिकता
शराब की लत न केवल व्यक्तिगत जीवन को तबाह करती है बल्कि पूरे परिवार और समाज को भी खोखला बना देती है। प्रशासन, समाज और परिवार को मिलकर इस समस्या पर रोक लगानी होगी। जागरूकता, शिक्षा और सख्त कानून ही इस लत से छुटकारा दिला सकते हैं।
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अब वक्त है नशामुक्त समाज बनाने का
समाज तभी प्रगति करेगा जब युवा पीढ़ी सही दिशा में आगे बढ़ेगी। हमें चाहिए कि हम युवाओं को सकारात्मक राह दिखाएँ, उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसर दें और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें। अब वक्त है कि हम सब मिलकर नशामुक्त समाज की ओर कदम बढ़ाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले।