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युवा नेता अभिमन्यु सिंह बबलू सिंह ने कई कलश यात्राओं में की शिरकत: आस्था और सौहार्द का दिया संदेश

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#बिश्रामपुर #कलशयात्रा : श्रद्धालुओं संग जल यात्रा में शामिल होकर धार्मिक और सामाजिक एकता पर दिया जोर
  • अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह कई जगहों की कलश यात्राओं में हुए शामिल।
  • रेहला, विशुनपुर और बघमनवा समेत कई स्थानों पर श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे।
  • श्रद्धालुओं को कलश बांटे और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया।
  • कहा कि कलश यात्रा आस्था के साथ सामाजिक भाईचारे का प्रतीक है
  • ग्रामीणों ने उनके सक्रिय योगदान को बताया प्रेरणादायी

बिश्रामपुर (पलामू)। विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता और समाजसेवी अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह ने सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कलश यात्राओं में भाग लिया। वे रेहला, विशुनपुर और बघमनवा समेत कई जगहों पर पहुंचे, जहां श्रद्धालुओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कलश यात्राओं का उद्घाटन किया, श्रद्धालुओं के बीच कलश बांटे और कोयल नदी से शुरू हुई जल यात्रा में शामिल होकर धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बने।

कलश यात्रा का सांस्कृतिक महत्व

इस अवसर पर उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि कलश यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता, भाईचारा और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का माध्यम भी है

अभिमन्यु सिंह ने कहा: “आस्था के ऐसे आयोजनों में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। धर्म और समाज के बीच संतुलन बनाए रखना ही वास्तविक विकास की पहचान है।”

श्रद्धालुओं की बड़ी भागीदारी

कोयल नदी से जल लेकर कलश यात्रा निकाली गई, जो गांव-गांव के मंदिरों तक पहुंची। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पारंपरिक वेशभूषा में एक साथ चलते नजर आए और पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो उठा।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

ग्रामीणों ने कहा कि बबलू सिंह जैसे युवा नेता का इस तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय रहना पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने इसे समाज और राजनीति दोनों के बीच संतुलन कायम करने का सकारात्मक उदाहरण बताया।

न्यूज़ देखो: आस्था से समाज में एकता का संदेश

कलश यात्राओं में अभिमन्यु सिंह की मौजूदगी यह संदेश देती है कि धार्मिक आयोजनों का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और भाईचारे को मजबूत करने का अवसर भी है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था से बढ़े भाईचारा, यही है विकास की राह

धार्मिक पर्व और कलश यात्राएं समाज को जोड़ने की शक्ति रखती हैं। ऐसे आयोजनों में युवाओं की सक्रियता सामाजिक सौहार्द और विकास का आधार है। अब समय है कि हम सभी मिलकर इस सकारात्मक सोच को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें और खबर को शेयर करें ताकि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।

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