
#पलामू #छठपर्व : तीसीबार पंचायत में युवाओं की पहल – छठ घाट की साफ-सफाई कर दी क्षेत्र को नई पहचान
- तीसीबार पंचायत में छठ महापर्व की तैयारी जोरों पर।
- रौशन सिंह और कुमार पियूष ने लिया साफ-सफाई अभियान की जिम्मेदारी।
- युवाओं ने गाद हटाई, झाड़ियां काटीं और रास्ते को किया सुगम।
- स्थानीय ग्रामीणों ने दोनों युवाओं की पहल की खुलकर सराहना की।
- क्षेत्र में भक्ति और स्वच्छता का माहौल देखते ही बन रहा है।
पलामू जिले के पाण्डु प्रखण्ड के तीसीबार पंचायत में आगामी छठ महापर्व को लेकर तैयारियां पूरे उत्साह के साथ चल रही हैं। रविवार को स्थानीय युवाओं रौशन सिंह और कुमार पियूष ने छठ घाट की सफाई की पहल कर एक मिसाल पेश की। दोनों युवाओं ने खुद झाड़ू, बेलचा और बाल्टी लेकर घाट की सफाई शुरू की और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
युवाओं ने स्वच्छता का दिया सशक्त संदेश
इस अभियान में दोनों युवाओं ने छठ घाट पर जमा गाद को हटाया, किनारों की झाड़ियां काटीं और आने-जाने के मार्ग को व्यवस्थित किया। उनका यह प्रयास न केवल स्वच्छता का उदाहरण है बल्कि युवा नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक बन गया।
कुमार पियूष ने कहा: “छठ पर्व स्वच्छता और आस्था का प्रतीक है। हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले सभी व्रती और श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के पूजा कर सकें।”
रौशन सिंह ने कहा: “हम सभी युवाओं को अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की स्वच्छता की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए। यह न केवल आस्था का विषय है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।”
दोनों युवाओं की इस पहल को देखकर आसपास के कई ग्रामीण भी सफाई कार्य में जुड़ गए, जिससे सामुदायिक सहयोग की सुंदर तस्वीर सामने आई।
ग्रामीणों ने सराहा युवाओं का उत्साह
स्थानीय ग्रामीणों और व्रतियों ने रौशन सिंह और कुमार पियूष के इस स्वेच्छिक प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसी सकारात्मक पहलें ही समाज को जोड़ने का काम करती हैं। कई ग्रामीणों ने कहा कि इन दोनों ने अपने कर्मों से यह साबित किया है कि “आस्था और सेवा का संगम ही असली भक्ति है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से भी अपील की कि ऐसे उत्साही युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए ताकि अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के अभियान चल सकें।
छठ पर्व की तैयारी में जुटा पूरा क्षेत्र
तीसीबार पंचायत में इस समय हर ओर छठ महापर्व की गूंज सुनाई दे रही है। महिलाएं प्रसाद की तैयारी में लगी हैं, जबकि युवा और पुरुष घाट की सजावट और व्यवस्था में जुटे हैं। शाम के समय घाट पर दीपों की रोशनी और फूलों की सजावट से पूरा माहौल भक्तिमय दिखाई देता है।
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छठ जैसे लोकआस्था के पर्वों में जब युवा स्वेच्छा से आगे बढ़ते हैं, तो समाज में नई ऊर्जा और एकता का संचार होता है। रौशन सिंह और कुमार पियूष की यह पहल न केवल तीसीबार पंचायत बल्कि पूरे पलामू के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे उदाहरण बताते हैं कि सेवा और स्वच्छता से ही आस्था का सौंदर्य पूर्ण होता है।
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आस्था, सेवा और जिम्मेदारी का संगम
छठ पर्व हमें सिखाता है कि स्वच्छता केवल शारीरिक नहीं, बल्कि सामाजिक आचरण का भी हिस्सा है। आइए, हम सब मिलकर अपने क्षेत्र के घाटों और मंदिरों को स्वच्छ रखने का संकल्प लें। इस खबर को साझा करें, दूसरों को प्रेरित करें और मिलकर एक स्वच्छ, सुंदर और आस्थापूर्ण समाज की दिशा में कदम बढ़ाएं।




