
#केरसई #स्वास्थ्य_कैंप : गुझरिया विद्यालय प्रांगण में जिला आयुष समिति सिमडेगा द्वारा आयोजित मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर में ग्रामीणों को योग, प्राणायाम और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की सलाह दी गई।
- जिला आयुष समिति सिमडेगा के सौजन्य से स्वास्थ्य कैंप का आयोजन सम्पन्न।
- गुझरिया विद्यालय प्रांगण में शिविर, बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति।
- कैंप में बीपी, शुगर की जांच और विभिन्न दर्द संबंधी बीमारियों की जाँच।
- कुल 108 लोगों की जांच कर मुफ़्त दवा वितरण किया गया।
- शिविर का संचालन डॉ आशीष उरांव के नेतृत्व में किया गया।
- योग शिक्षक घनश्याम यादव, देवनारायण, अंजनी, निर्मला, आशामनी, संध्या और उर्मिला देवी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका।
केरसई प्रखंड क्षेत्र में सोमवार को जिला आयुष समिति सिमडेगा की ओर से स्वास्थ्य जागरूकता और उपचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। बासेन पंचायत के अंतर्गत गुझरिया विद्यालय प्रांगण में लगे इस शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जांच करवाई। शिविर में अधिकतर मरीज गठिया, जोड़ दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द और अन्य शारीरिक दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे।
जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुभद्रा कुमारी के निर्देश पर आयोजित इस कैंप में लोगों की मुफ्त जांच की गई तथा उन्हें जीवन शैली सुधारने, योग करने और प्राणायाम को नियमित रूप से अपनाने की सलाह दी गई।
बीमारियों की जांच और मुफ्त दवा वितरण
स्वास्थ्य कैंप में मुख्य रूप से बीपी और शुगर की जांच, जोड़ संबंधी रोग, कमर व पीठ दर्द जैसी समस्याओं की पहचान की गई। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीजों को उनके लक्षणों के अनुसार दवाएं उपलब्ध कराईं।
कुल 108 लोगों की जांच की गई, जिन्हें आवश्यक दवाओं का मुफ्त वितरण किया गया। मरीजों को बताया गया कि नियमित योग और संतुलित जीवन शैली अपनाकर इन समस्याओं में काफी सुधार लाया जा सकता है।
कैंप संचालन में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका
स्वास्थ्य शिविर डॉ आशीष उरांव के नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। टीम ने सुबह से लेकर समाप्ति तक सभी मरीजों का व्यवस्थित पंजीकरण, जांच और दवा वितरण सुनिश्चित किया।
कैंप में योग शिक्षक घनश्याम यादव, देवनारायण, अंजनी, सहिया साथी निर्मला, आशामनी, संध्या और उर्मिला देवी ने सक्रिय योगदान दिया। सभी ने मिलकर स्थानीय लोगों को रोगों के कारण, सावधानियों और योग के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डॉ आशीष उरांव ने कहा: “ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। योग, प्राणायाम और सही जीवनशैली अपनाकर लोग कई बीमारियों से बच सकते हैं। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का लाभ उठाएं।”
ग्रामीणों की बढ़ती जागरूकता
गुझरिया विद्यालय प्रांगण में हुए इस शिविर में बढ़ती भीड़ बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। बीमारियों को शुरुआती चरण में पहचानने से लोग बड़े जोखिमों से बच सकते हैं। शिविर में आए ग्रामीणों ने आयुष समिति के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि ऐसे कैंप आगे भी आयोजित होने चाहिए।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने की सराहनीय पहल
यह शिविर दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाने के लिए जिला आयुष समिति लगातार सकारात्मक कदम उठा रही है। निःशुल्क जांच, दवा वितरण और योग जैसे प्राकृतिक उपचार पद्धतियों को बढ़ावा देना स्थानीय समुदाय के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस तरह के शिविर न सिर्फ बीमारियों से राहत दिलाते हैं बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता भी बढ़ाते हैं।
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स्वास्थ्य ही वास्तविक संपत्ति, जागरूकता से ही बनेगा स्वस्थ समाज
एक स्वस्थ समाज तभी निर्मित होता है जब लोग अपनी स्वास्थ्य आदतों में सुधार लाएं। योग, प्राणायाम और संतुलित जीवनशैली न सिर्फ बीमारियों को रोकते हैं बल्कि जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता भी बढ़ाते हैं। गांव-गांव में लगने वाले ऐसे स्वास्थ्य शिविर लोगों को सही दिशा दिखाते हैं और सामूहिक रूप से स्वस्थ समुदाय की ओर प्रेरित करते हैं।





