Deoghar

मैत्रेय स्कूल की जूनियर शाखा में नन्हे खिलाड़ियों का उत्सव, खेलकूद समारोह में दिखा जोश और अनुशासन

#देवघर #विद्यालय_खेलकूद : जूनियर शाखा के बच्चों ने वार्षिक खेलकूद समारोह में उत्साह, अनुशासन और सामूहिकता का परिचय दिया।

देवघर स्थित मैत्रेय स्कूल की जूनियर शाखा में 24 दिसंबर 2025 को वार्षिक खेलकूद समारोह का आयोजन किया गया। प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी वर्ग के बच्चों ने परेड, ड्रिल और खेल प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य व विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने बच्चों को खेलों के महत्व से अवगत कराया। यह आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास और अभिभावक सहभागिता का सशक्त उदाहरण बना।

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  • 24 दिसंबर 2025 को विद्यालय परिसर में हुआ आयोजन।
  • प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी के बच्चों की आकर्षक परेड।
  • मुख्य अतिथि रीता ठाकुर और विशिष्ट अतिथि रीता चौरसिया की उपस्थिति।
  • बच्चों के साथ अभिभावकों के लिए भी खेल प्रतियोगिताएं
  • सामूहिक ड्रिल और खेलों में अनुशासन व उत्साह का प्रदर्शन।

देवघर के प्रतिष्ठित मैत्रेय स्कूल की जूनियर शाखा में आयोजित वार्षिक खेलकूद समारोह बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए यादगार बन गया। 24 दिसंबर 2025 को विद्यालय परिसर में हुए इस आयोजन में नन्हे बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी के बच्चों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और खेल भावना का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया।

समारोह की शुरुआत बच्चों की आकर्षक परेड से हुई, जिसमें अनुशासन और तालमेल साफ नजर आया। नन्हे कदमों की यह परेड पूरे वातावरण को उल्लास से भर देने वाली थी। परेड के दौरान बच्चों की मुस्कान और आत्मविश्वास ने अभिभावकों का मन मोह लिया और तालियों की गूंज से पूरा परिसर गूंज उठा।

अतिथियों ने दिया प्रेरक संदेश

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रीता ठाकुर और विशिष्ट अतिथि रीता चौरसिया विशेष रूप से उपस्थित रहीं। अतिथियों ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेल केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन में अनुशासन, टीमवर्क और आत्मविश्वास विकसित करने का सशक्त जरिया है। उन्होंने बच्चों को नियमित रूप से खेलों में भाग लेने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। अतिथियों ने खेल को जीवन के कर्म, संयम और अनुशासन से जोड़ते हुए इसे शिक्षा का अभिन्न अंग बताया।

सामूहिक ड्रिल और खेल प्रतियोगिताएं

सभी वर्गों के बच्चों ने सामूहिक ड्रिल की मनमोहक प्रस्तुति दी। एकसाथ किए गए कदम, तालबद्ध गतिविधियां और बच्चों की एकाग्रता ने यह दर्शाया कि विद्यालय बच्चों में अनुशासन और सामूहिकता के संस्कार बचपन से ही विकसित कर रहा है। ड्रिल के दौरान बच्चों का आत्मविश्वास और शिक्षकों का मार्गदर्शन स्पष्ट रूप से झलक रहा था।

इसके बाद प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी वर्ग के बच्चों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। छोटे-छोटे खेलों में बच्चों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया। दौड़, संतुलन आधारित खेल और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों ने खेल भावना का प्रदर्शन किया। जीत-हार से परे, बच्चों के चेहरे पर खेल का आनंद और आत्मसंतोष साफ दिखाई दे रहा था।

अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता

खेलकूद समारोह को और खास बनाते हुए विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों के लिए भी विशेष खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक इन खेलों में हिस्सा लिया, जिससे बच्चों का मनोबल और अधिक बढ़ा। जब बच्चों ने अपने माता-पिता को खेलते हुए देखा, तो उनके चेहरे पर खुशी और गर्व साफ झलक रहा था। यह सहभागिता विद्यालय और अभिभावकों के बीच मजबूत संबंध का भी प्रतीक बनी।

बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर

इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि मैत्रेय स्कूल केवल शैक्षणिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर भी समान रूप से ध्यान देता है। खेलकूद समारोह ने बच्चों को आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम भावना सिखाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।

विद्यालय के शिक्षकों और स्टाफ की भूमिका भी सराहनीय रही, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सुव्यवस्थित और सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बच्चों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया।

सकारात्मक वातावरण और यादगार आयोजन

पूरा विद्यालय परिसर बच्चों की हंसी, तालियों और उत्साह से भरा रहा। यह खेलकूद समारोह न केवल बच्चों के लिए, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी एक सकारात्मक और प्रेरणादायक अनुभव बना। कार्यक्रम के समापन पर बच्चों को प्रोत्साहन और सहभागिता के लिए सराहा गया, जिससे उनमें आगे भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने का उत्साह बना रहे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा के साथ संस्कार और स्वास्थ्य

मैत्रेय स्कूल का यह आयोजन दर्शाता है कि प्रारंभिक शिक्षा में खेलों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। जब बच्चे खेल के माध्यम से सीखते हैं, तो उनमें आत्मविश्वास और अनुशासन स्वतः विकसित होता है। ऐसे आयोजन शिक्षा को बोझ नहीं, बल्कि आनंदमय अनुभव बनाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

खेलों से संवरता बचपन, मजबूत होता भविष्य

बचपन में खेलों के प्रति रुचि बच्चों के भविष्य को स्वस्थ और संतुलित बनाती है।
ऐसे आयोजनों से बच्चों में सीखने की ललक और आत्मविश्वास बढ़ता है।
यदि आपको यह पहल प्रेरक लगी हो, तो अपनी राय साझा करें, खबर को दूसरों तक पहुंचाएं और सकारात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करें।

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Saroj Verma

दुमका/देवघर

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