Simdega

रौतिया समाज के अधिकार और पहचान को लेकर बोलबा में विराट महासम्मेलन, आंदोलन का दिया गया आह्वान

#सिमडेगा #रौतिया_महासम्मेलन : बख्तर साय मुण्डल सिंह स्मृति महासम्मेलन में समाज की एकता, अधिकार और भविष्य पर मंथन।

सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड अंतर्गत पीड़ियापोंछ तलमंगा ग्राम में आयोजित 28वें बख्तर साय मुण्डल सिंह स्मृति प्रखंड स्तरीय विराट रौतिया महासम्मेलन ने समाज की पहचान, अधिकार और भविष्य को लेकर नई दिशा तय की। दो दिवसीय इस आयोजन में खेल, संस्कृति और वैचारिक संवाद के माध्यम से रौतिया समाज की एकजुटता और चेतना का प्रदर्शन हुआ। केंद्रीय और प्रांतीय नेतृत्व ने समाज को संगठित होकर अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। यह सम्मेलन सामाजिक जागरूकता और सामूहिक संकल्प का सशक्त मंच बना।

Join News देखो WhatsApp Channel
  • पीड़ियापोंछ तलमंगा ग्राम, बोलबा प्रखंड में 28वां विराट महासम्मेलन आयोजित।
  • प्रभातफेरी, खेल प्रतियोगिता और पारंपरिक कलाओं का भव्य आयोजन।
  • केंद्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश साय ने रौतिया समाज को आदिवासी बताते हुए अधिकारों की बात रखी।
  • प्रदेश अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने आंदोलन की राह अपनाने का आह्वान किया।
  • महिला समूहों द्वारा पारंपरिक स्वागत और सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे।

सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड स्थित पीड़ियापोंछ तलमंगा ग्राम में आयोजित 28वां बख्तर साय मुण्डल सिंह स्मृति प्रखंड स्तरीय विराट रौतिया महासम्मेलन सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से ऐतिहासिक बन गया। महासम्मेलन का शुभारंभ प्रातः 5:00 बजे प्रभातफेरी के साथ हुआ, जिसमें जय भवानी और जय रौतिया समाज के नारों से पूरा गांव गूंज उठा। प्रभातफेरी में युवाओं और समाजबंधुओं की भारी भागीदारी ने आयोजन की ऊर्जा और उद्देश्य को स्पष्ट किया।

खेल और पारंपरिक कलाओं से सजी शुरुआत

महासम्मेलन के पहले दिन एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ शामिल रहीं। इसके साथ ही रौतिया समाज की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए मुर्गा लड़ाई, आलू रेस, बल्लू फोर्ड, तीरंदाजी, भाला, सिलमबम, लाठी और तलवार कला का आकर्षक प्रदर्शन किया गया। इन आयोजनों ने युवाओं में खेल भावना के साथ-साथ परंपराओं के प्रति गर्व की भावना को मजबूत किया।

दूसरे दिन भी खेलों का उत्साह जारी रहा। इस दौरान 48 पुरुष हॉकी टीमों, 16 फुटबॉल टीमों और 10 महिला टीमों ने प्रतियोगिताओं में भाग लेकर आयोजन को व्यापक स्वरूप प्रदान किया।

केंद्रीय और प्रांतीय नेतृत्व का आगमन

दूसरी पाली में महासम्मेलन को नई ऊंचाई तब मिली, जब केंद्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश साय, केंद्रीय महासचिव आज़ाद सिंह, केंद्रीय सचिव चंद्र मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह सहित कई केंद्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह और ललन सिंह के नेतृत्व में वीर शहीद बख्तर साय मुण्डल सिंह की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया।

अतिथियों का स्वागत महिला समूहों द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया, जिसने आयोजन की सांस्कृतिक गरिमा को और बढ़ा दिया।

समाज की एकता और अधिकारों पर जोर

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रखंड अध्यक्ष रामजतन सिंह ने स्वागत भाषण में समाज को समरसता, एकता और भाईचारे के सूत्र में बंधे रहने का संदेश दिया। वहीं जगरनाथ सिंह ने स्वागत वक्तव्य के साथ सभी अतिथियों का परिचय कराया।

केंद्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश साय ने समाज की जयकारा लगाते हुए कहा:

ओम प्रकाश साय ने कहा: “रौतिया समाज पूर्व से आदिवासी रहा है और आगे भी रहेगा, लेकिन सरकार द्वारा हमारे समाज के साथ छल किया गया है। अब समय आ गया है कि हम अपने हक और अधिकार के लिए संगठित होकर संघर्ष करें।”

आंदोलन और जागरूकता का आह्वान

झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने अपने संबोधन में समाज को नशा-पान से दूर रहने और अधिकारों की प्राप्ति के लिए आंदोलन की राह अपनाने का स्पष्ट आह्वान किया। उन्होंने कहा:

रोहित कुमार सिंह ने कहा: “आज के समय में पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी उज्ज्वल भविष्य का माध्यम है। युवाओं को खेल को प्राथमिकता देनी चाहिए और समाज उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करेगा।”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि समाज प्रतिभावान खिलाड़ियों और विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव सहयोग करेगा।

देशभर के लिए प्रेरणास्रोत बना आयोजन

केंद्रीय महासचिव आज़ाद सिंह ने महासम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि बोलबा प्रखंड में आयोजित यह सम्मेलन पूरे भारतवर्ष के रौतिया समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। वहीं खूंटी सचिव उमेश सिंह, पालकोट अध्यक्ष श्याम सुंदर और ओडिशा से आए महेश सिंह ने भी अपने विचार रखते हुए समाज को कर्तव्यनिष्ठा और संगठनात्मक मजबूती के साथ आगे बढ़ने की अपील की।

रात्रि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया, जिसका उपस्थित जनसमूह ने देर रात तक भरपूर आनंद उठाया।

आयोजन को सफल बनाने में सामूहिक भूमिका

इस विराट महासम्मेलन को सफल बनाने में पीतांबर सिंह, राम प्रसाद सिंह, रविंद्र सिंह, निर्मल सिंह, नरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में समाजबंधुओं की सक्रिय और सराहनीय भूमिका रही। आयोजन समिति की मेहनत और समाज की भागीदारी ने इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बना दिया।

न्यूज़ देखो: रौतिया समाज की नई दिशा

बोलबा में आयोजित यह महासम्मेलन केवल एक सामाजिक आयोजन नहीं, बल्कि रौतिया समाज की पहचान और अधिकारों को लेकर सामूहिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरा है। नेतृत्व का आंदोलन का आह्वान आने वाले समय में सामाजिक और राजनीतिक विमर्श को नई दिशा दे सकता है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस आवाज को कितनी गंभीरता से सुनते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

एकजुटता से ही मिलेगा अधिकार

समाज की ताकत उसकी एकता और जागरूकता में निहित होती है।
रौतिया समाज ने यह दिखा दिया कि वह अपने भविष्य को लेकर सजग है।
आप भी अपनी संस्कृति, अधिकार और पहचान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में रखें और समाज की आवाज को और मजबूत बनाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
IMG-20251223-WA0009
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251227-WA0006
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Rakesh Kumar Yadav

कुरडेग, सिमडेगा

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: