Simdega

आंतरिक वित्तीय संसाधन और राजस्व बढ़ोतरी पर पाकरटांड़ में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, आयुक्त ने दिए सख्त निर्देश

#सिमडेगा #राजस्व_समीक्षा : पाकरटांड़ प्रखंड में प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में विभागवार वसूली और लंबित मामलों की गहन समीक्षा।
  • प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित।
  • उत्पाद, परिवहन, खनन, मत्स्य, निबंधन समेत कई विभागों की राजस्व प्रगति की समीक्षा।
  • खनन व अवर निबंधक कार्यालय की धीमी वसूली पर जताई नाराजगी।
  • दाखिल-खारिज मामलों में मनमानी रिजेक्शन पर रोक लगाने का निर्देश।
  • बैठक के बाद बुजुर्ग माता-पिताओं के बीच कंबल वितरण भी किया गया।

सिमडेगा जिले में आंतरिक वित्तीय संसाधनों को सुदृढ़ करने और राजस्व संग्रह की प्रगति का आकलन करने के उद्देश्य से पाकरटांड़ प्रखंड अंतर्गत बसंतपुर में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र (भा.प्र.से.) ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों द्वारा निर्धारित राजस्व लक्ष्यों के विरुद्ध की गई वसूली की समीक्षा करना तथा लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देना था।

प्रमंडलीय आयुक्त के बैठक स्थल पर पहुंचने पर उपायुक्त सिमडेगा कंचन सिंह, उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र एवं एलआरडीसी अरुणा कुमारी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों और जेएसएलपीएस से जुड़ी दीदियों ने पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ आयुक्त का अभिनंदन किया।

उत्पाद विभाग की वसूली पर विशेष जोर

बैठक के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त ने सबसे पहले आंतरिक वित्तीय संसाधनों की विस्तृत समीक्षा की। उत्पाद विभाग की समीक्षा करते हुए उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए विभाग को 4497.53 लाख रुपये का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके विरुद्ध अब तक 2762.45 लाख रुपये की वसूली की गई है। यह कुल लक्ष्य का 61.42 प्रतिशत है।

आयुक्त ने इस प्रगति को संतोषजनक बताते हुए शेष लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए वसूली की गति और तेज करने का निर्देश दिया।

जिला परिवहन और नीलाम पत्र मामलों की समीक्षा

जिला परिवहन कार्यालय की समीक्षा में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए 1160.94 लाख रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरुद्ध अब तक 74.42 प्रतिशत वसूली की जा चुकी है। इस दौरान आयुक्त ने नीलाम पत्र मामलों की स्थिति की भी समीक्षा की और अधिक से अधिक मामलों के शीघ्र निष्पादन पर विशेष बल दिया।

मत्स्य विभाग की प्रगति, संसाधनों के बेहतर उपयोग के निर्देश

मत्स्य विभाग की समीक्षा के क्रम में सैरात जलकरों की बंदोबस्ती, मत्स्य बीज वितरण और मिश्रित मत्स्य पालन जैसे मदों से 74.08 प्रतिशत राजस्व वसूली की जानकारी दी गई। आयुक्त ने मत्स्य संसाधनों के बेहतर उपयोग के माध्यम से राजस्व बढ़ाने और ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने के निर्देश दिए।

खनन और निबंधन विभाग की धीमी प्रगति पर नाराजगी

खनन विभाग की समीक्षा में बताया गया कि विभाग को 3163.48 लाख रुपये का वार्षिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके विरुद्ध अब तक केवल 34.94 प्रतिशत वसूली हो सकी है। इस पर प्रमंडलीय आयुक्त ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई और लक्ष्य के अनुरूप वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

वहीं अवर निबंधक कार्यालय की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 35.37 प्रतिशत वसूली की गई है। आयुक्त ने निबंधन कार्यों में तेजी लाने और लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने को कहा।

दाखिल-खारिज और भूमि मामलों पर सख्त निर्देश

बैठक के दौरान राजस्व से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। इनमें ऑनलाइन दाखिल-खारिज, SUO म्यूटेशन, आपसी व उत्तराधिकारी बंटवारा, भू-लगान, सैरात की मांग एवं वसूली, गैर मजरूआ आम एवं खास भूमि, जंगल-झाड़ी भूमि, आदिवासी भूमि वापसी, तथा सीएनटी एक्ट की धारा 46 और 49 से संबंधित प्रकरण शामिल रहे।

प्रमंडलीय आयुक्त ने दाखिल-खारिज से जुड़े रिजेक्ट मामलों की विशेष समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि बिना ठोस कारण किसी भी आवेदन को अस्वीकृत न किया जाए। यदि आवेदन रिजेक्ट किया जाता है, तो उसके पीछे स्पष्ट और वैध कारण दर्ज होना चाहिए।

अंचल अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में लगभग शत-प्रतिशत भूमि का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध हो चुका है। शून्य प्लॉट मामलों पर आयुक्त ने प्रत्येक हल्का में ग्रामवार कैंप आयोजित कर त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया।

सीएनटी एक्ट और भूमि हस्तांतरण मामलों पर निगरानी

सीएनटी एक्ट के अंतर्गत भूमि की अवैध खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए एलआरडीसी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों और कंपनियों को भूमि हस्तांतरण से जुड़े लंबित मामलों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया।

बुजुर्गों के बीच कंबल वितरण

बैठक के उपरांत प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा पाकरटांड़ प्रखंड के बुजुर्ग माता-पिताओं के बीच कंबल वितरण भी किया गया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जनता की सेवा में तत्परता, संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ कार्य करने की नसीहत दी।

न्यूज़ देखो: राजस्व और जवाबदेही पर प्रशासन सख्त

पाकरटांड़ में हुई यह समीक्षा बैठक साफ संकेत देती है कि प्रशासन अब राजस्व संग्रह और लंबित मामलों को लेकर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा। सख्त निर्देशों से आने वाले दिनों में वसूली और भूमि मामलों में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

राजस्व बढ़ेगा तो विकास बढ़ेगा

सरकारी योजनाओं की सफलता के लिए मजबूत राजस्व आधार जरूरी है।
प्रशासन की सख्ती और जनसहयोग से ही व्यवस्था सुधरेगी।
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Satyam Kumar Keshri

सिमडेगा नगर क्षेत्र

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