
#महुआडांड़ #कार्तिकपूर्णिमा : भक्ति और उत्साह से सराबोर रहा पूरा प्रखंड, मंदिरों में घंटों तक गूंजते रहे जयकारे
- कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महुआडांड़ में बुधवार को सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
- दुर्गा मंदिर, शिव मंदिर और देवी मंडप परिसर में भक्तों ने दीप जलाए और पूजन-अर्चना की।
- महिलाओं ने रखा व्रत, भगवान विष्णु और शिव की पूजा कर मांगी सुख-समृद्धि की कामना।
- पूरे महुआडांड़ बाजार और आस-पास के इलाकों में भक्ति गीतों और जयकारों की गूंज रही।
- स्थानीय निवासियों ने कहा – “कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन हर साल नई ऊर्जा और विश्वास लेकर आता है।”
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में बुधवार की सुबह श्रद्धा का अद्भुत नजारा देखने को मिला। जैसे ही सूर्योदय हुआ, नदी घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालु अपने परिवार के साथ मंदिरों की ओर बढ़ चले। दुर्गा मंदिर, शिव मंदिर और देवी मंडप में भक्तों ने दीप जलाकर, फूल-माला अर्पित कर भगवान से अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की।
मंदिरों में उमड़ा आस्था का सागर
सुबह से ही महुआडांड़ के मंदिरों में दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लगी रहीं। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में, सिर पर पूजा सामग्री लेकर मंदिरों में पहुंचीं। भक्तों ने मंदिरों के प्रांगण में “हर हर महादेव” और “जय माता दी” के जयकारों से वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया। लातेहार न्यूज के अनुसार, पूरे दिन मंदिरों में घंटों तक पूजा, आरती और भक्ति गीतों का आयोजन चलता रहा।
स्थानीय निवासी अंजलि देवी ने कहा: “कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-शांति आती है।”
महुआडांड़ में गूंजा भक्ति और उल्लास का संगम
महुआडांड़ कार्तिक पूर्णिमा मेला इस बार भी पूरे उत्साह से मनाया गया। मंदिरों के आस-पास प्रसाद वितरण, दीपदान और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में भक्ति का जोश देखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि महुआडांड़ का यह धार्मिक आयोजन अब स्थानीय पहचान बन चुका है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
इस पावन अवसर पर झारखंड मंदिर दर्शन और महुआडांड़ पूजा महोत्सव जैसे क्षेत्रीय शब्द भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे। भक्तों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर तस्वीरें साझा कर शुभकामनाएं दीं।
प्रशासन की ओर से व्यवस्था चाक-चौबंद
महुआडांड़ थाना और स्थानीय प्रशासन की टीम ने पूरे कार्यक्रम के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए। मंदिर परिसर में साफ-सफाई, जल व्यवस्था और प्रकाश की विशेष देखरेख की गई।
न्यूज़ देखो: आस्था और अनुशासन का सुंदर संगम
यह दृश्य बताता है कि कैसे महुआडांड़ के लोग आस्था के साथ अनुशासन और स्वच्छता का भी उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। धार्मिक आयोजन केवल पूजा का नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग का प्रतीक बन जाता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
श्रद्धा से सेवा तक – कार्तिक पूर्णिमा का संदेश
कार्तिक पूर्णिमा हमें सिखाती है कि भक्ति का सच्चा अर्थ केवल पूजा में नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी है। आइए इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर सद्भाव, स्वच्छता और सदाचार का संकल्प लें।
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