
#महुआडांड़ #स्थापना_दिवस : रजत जयंती वर्ष पर ग्रामीणों में उत्साह, मनरेगा योजनाओं पर दी गई विस्तृत जानकारी
- महुआडांड़ प्रखंड में झारखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती पर आयोजित हुई विशेष ग्रामसभा।
- कार्यक्रम की शुरुआत प्रभातफेरी से हुई, जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल रहे।
- “मनरेगा का इरादा – ग्रामीण विकास का वादा” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
- प्रभातफेरी के बाद पंचायत भवन में ग्रामसभा आयोजित कर जॉब कार्ड वितरित किए गए।
- मनरेगा योजनाओं की प्रगति पर हुई चर्चा, ग्रामीणों ने जताया जोश और भागीदारी।
झारखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष पर महुआडांड़ प्रखंड के सभी पंचायतों में बुधवार को विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण विकास, जनभागीदारी और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
प्रभातफेरी से गूंजा महुआडांड़, उमड़ा जनसैलाब
सुबह होते ही महुआडांड़ पंचायत भवन से एक भव्य प्रभातफेरी निकाली गई, जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और ग्रामीण युवाओं की बड़ी संख्या शामिल रही। यह यात्रा बाजार क्षेत्र होते हुए ग्राम डीपाटोली तक निकली। पूरे मार्ग में प्रतिभागियों ने “मनरेगा का इरादा – ग्रामीण विकास का वादा”, “जॉब कार्ड बनाओ, रोजगार पाओ” और “गांव को समृद्ध बनाओ” जैसे नारों से पूरे क्षेत्र का वातावरण उत्सवमय बना दिया।
प्रभातफेरी के दौरान पंचायत कर्मियों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने ग्रामीणों को मनरेगा की योजनाओं, मजदूरों के अधिकारों, तथा जॉब कार्ड निर्माण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
ग्रामसभा में योजनाओं की समीक्षा और जागरूकता
प्रभातफेरी के बाद सभी प्रतिभागी पंचायत भवन लौटे, जहां विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया। सभा में ग्रामीणों को जॉब कार्ड वितरित किए गए और मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई।
अधिकारियों ने बताया कि ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और रोजगारयुक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मनरेगा समन्वयक अफसाना खातून ने कहा: “मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।”
सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र व्यक्ति को उसके गांव में ही रोजगार मिले।
ग्रामीणों ने जताया उत्साह, कार्यक्रम बना प्रेरणा का केंद्र
इस अवसर पर पंचायत सेवक रंजीत कुमार, मुखिया प्रमिला मिंज, रोजगार सेवक संतोष कुमार, मनरेगा जिला समन्वयक अफसाना खातून, वार्ड सदस्य कन्हैया लाल तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने मनरेगा जैसी योजनाओं को ग्रामीण विकास की रीढ़ बताया और कहा कि इससे न केवल आजीविका के अवसर बढ़ते हैं बल्कि गांवों में आत्मनिर्भरता भी विकसित होती है।
सभा के दौरान ग्रामीणों ने भी मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता और जनसहभागिता को लेकर अपने सुझाव दिए और आगे अधिक सहयोग का आश्वासन दिया।
न्यूज़ देखो: जनभागीदारी से बढ़ेगा गांवों का आत्मविश्वास
महुआडांड़ में आयोजित यह विशेष ग्रामसभा स्थापना दिवस की भावना को सार्थक करती है। यह कार्यक्रम केवल उत्सव नहीं, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण का सशक्त संदेश है। मनरेगा जैसी योजनाएँ तब ही सफल होंगी जब ग्रामीण समाज इसकी जिम्मेदारी खुद उठाएगा और सक्रिय भागीदारी निभाएगा।
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गांव की ताकत, विकास की दिशा
महुआडांड़ की यह पहल बताती है कि जब लोग जागरूक होते हैं तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। आइए, हम सब अपने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के इस प्रयास में शामिल हों। अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और ग्रामीण विकास के इस अभियान का हिस्सा बनें।





