
#गुमला #सड़कहादसा : बाघिमा पंचायत के सेंटर ग्राम में टावर के पास अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड अंतर्गत बाघिमा पंचायत के सेंटर ग्राम में अज्ञात वाहन की टक्कर से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना टावर के सामने की है, जहां वाहन चालक टक्कर मारकर मौके से फरार हो गया। घायल की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है, वह अपना नाम बताने की स्थिति में नहीं है। ग्रामीणों की तत्परता से 108 एंबुलेंस के जरिए घायल को बेहतर इलाज के लिए गुमला भेजा गया।
- पालकोट प्रखंड के बाघिमा पंचायत अंतर्गत सेंटर ग्राम में हुई दुर्घटना।
- टावर के सामने अज्ञात वाहन ने युवक को मारी टक्कर।
- घायल व्यक्ति की पहचान स्पष्ट नहीं, नाम बताने की स्थिति में नहीं।
- पिता का नाम चमरू गोप बताया जा रहा है।
- ग्रामीणों की मदद से 108 एंबुलेंस द्वारा गुमला भेजा गया।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बाघिमा पंचायत के सेंटर ग्राम में टावर के सामने हुई इस दुर्घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया। अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मारे जाने के बाद चालक का मौके से फरार हो जाना न केवल कानून-व्यवस्था, बल्कि मानवीय संवेदनाओं पर भी सवाल खड़े करता है। घटना के बाद घायल युवक सड़क किनारे बेसुध हालत में पड़ा मिला।
टक्कर के बाद वाहन चालक फरार
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों के अनुसार, अज्ञात वाहन तेज रफ्तार में था और टक्कर मारने के बाद बिना रुके भाग गया। आसपास मौजूद लोगों ने जब घायल को उठाने का प्रयास किया तो वह होश में नहीं था और अपना नाम-पता स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहा था। पूछताछ के दौरान उसने केवल अपने पिता का नाम चमरू गोप बताया। ग्रामीणों के अनुसार, घायल व्यक्ति मुरकुंडा गांव के अहीर टोली का निवासी हो सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
घायल की स्थिति गंभीर, पहचान में दिक्कत
घटना के बाद सबसे बड़ी समस्या घायल की पहचान को लेकर सामने आई। गंभीर चोट लगने के कारण वह अपनी पूरी जानकारी देने में असमर्थ था। ग्रामीणों ने आसपास के क्षेत्रों में पूछताछ कर संभावित पहचान जुटाने का प्रयास किया। बताया गया कि घायल की उम्र लगभग युवा वर्ग की प्रतीत होती है। सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट के निशान पाए गए, जिससे उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
ग्रामीणों की तत्परता से मिली राहत
इस दुर्घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों की सक्रियता सराहनीय रही। किसी प्रकार की देरी न करते हुए ग्रामीणों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को सूचना दी। एंबुलेंस के पहुंचने तक ग्रामीणों ने घायल को सुरक्षित स्थिति में रखने का प्रयास किया। प्राथमिक मदद के बाद घायल को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल, गुमला भेजा गया। समय पर एंबुलेंस पहुंचने से घायल की जान बचने की उम्मीद बढ़ गई है।
सड़क सुरक्षा और निगरानी पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। टावर के पास यह इलाका अक्सर लोगों की आवाजाही वाला क्षेत्र माना जाता है, इसके बावजूद तेज रफ्तार वाहनों पर कोई ठोस निगरानी नहीं दिखती। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी इस मार्ग पर छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
अज्ञात वाहन चालक की तलाश जरूरी
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि टक्कर मारने वाला वाहन कौन सा था और चालक कौन है। स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आसपास के क्षेत्रों में जांच करे और वाहन चालक की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करे। ऐसे मामलों में फरार होना न केवल अपराध है, बल्कि यह घायल के जीवन के प्रति घोर लापरवाही को भी दर्शाता है।
प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद
हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी, लेकिन ग्रामीणों को उम्मीद है कि मामले की सूचना संबंधित थाना तक पहुंचाई जाएगी। यदि समय रहते जांच शुरू की जाती है, तो वाहन चालक तक पहुंचना संभव हो सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि दुर्घटना संभावित स्थानों पर चेतावनी बोर्ड, स्पीड ब्रेकर और नियमित गश्त की व्यवस्था की जाए।
न्यूज़ देखो: सड़क हादसे और जिम्मेदारी का सवाल
पालकोट की यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की खामियों की ओर इशारा करती है। अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मारकर फरार हो जाना यह दर्शाता है कि सड़क पर जिम्मेदारी और कानून का डर कम हो रहा है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा के स्थायी उपायों पर गंभीरता से काम किया जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सड़क सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी
हर सड़क हादसा हमें यह याद दिलाता है कि लापरवाही किसी की जिंदगी छीन सकती है। वाहन चालकों को चाहिए कि वे गति सीमा का पालन करें और दुर्घटना की स्थिति में मानवीय जिम्मेदारी निभाएं। समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी।
आप इस घटना को लेकर क्या सोचते हैं, अपनी राय साझा करें। इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।





