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प्रज्ञा केंद्र पर गड़बड़ी का आरोप: महिला के खाते से निकासी में 2500 रुपये की हेराफेरी का मामला उजागर

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#चंदवा #धोखाधड़ी : महिला के खाते से 7500 की निकासी पर केवल 5000 रुपये दिए जाने का आरोप
  • चंदवा प्रखंड क्षेत्र में प्रज्ञा केंद्र संचालकों पर लगातार गड़बड़ी के आरोप।
  • हुटाप पंचायत के जिलिंग गांव की संतोषी देवी ने लगाया धन हेराफेरी का आरोप।
  • महिला के एसबीआई खाते से 7500 रुपये निकाले, पर केवल 5000 रुपये ही दिए गए।
  • पीड़िता ने बैंक शाखा प्रबंधक को आवेदन देकर की शिकायत।
  • ग्रामीणों ने प्रशासन से निगरानी बढ़ाने की मांग की।

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को एक और प्रज्ञा केंद्र पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। हुटाप पंचायत के जिलिंग गांव निवासी संतोषी देवी, पति संजय गंझू, ने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रज्ञा केंद्र संचालक ने उनके बैंक खाते से निर्धारित राशि से अधिक पैसा निकालकर कम रकम उन्हें दी।

जानकारी के अनुसार, संतोषी देवी ने अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाता संख्या 35××72966×× से आधार संख्या 3659 3475 6416 के माध्यम से 5000 रुपये की निकासी का अनुरोध किया था। लेकिन प्रज्ञा केंद्र संचालक ने उनके खाते से 7500 रुपये की निकासी कर ली और उन्हें केवल 5000 रुपये ही दिए। संचालक ने यह कहते हुए बाकी राशि देने से मना कर दिया कि यही पूरी निकासी की रकम है।

बैंक में जांच के बाद खुला फर्जीवाड़ा

संतोषी देवी ने बताया कि उन्हें इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई जब उन्होंने बैंक जाकर अपने खाते का विवरण जांचा। विवरण में यह स्पष्ट हुआ कि खाते से 7500 रुपये निकाले गए, जबकि उन्हें केवल 5000 रुपये ही प्राप्त हुए थे।

इसके बाद पीड़िता ने तुरंत एसबीआई शाखा प्रबंधक, चंदवा को लिखित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि उनके खाते से निकाले गए अतिरिक्त 2500 रुपये वापस कराए जाएं और दोषी प्रज्ञा केंद्र संचालक पर उचित कार्रवाई की जाए।

“प्रज्ञा केंद्रों पर गड़बड़ी के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से लोगों का भरोसा टूट रहा है। प्रशासन को इन केंद्रों की सख्त जांच करनी चाहिए।”

ग्रामीणों में आक्रोश और अविश्वास

ग्रामीणों का कहना है कि प्रज्ञा केंद्रों पर इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं। कई बार खाता धारकों को निकासी की सही जानकारी नहीं दी जाती और उन्हें कम पैसा थमा दिया जाता है।
ग्रामीणों ने बैंक और प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि ऐसे केंद्रों की नियमित निगरानी और ऑडिट सुनिश्चित किया जाए ताकि आम जनता के साथ वित्तीय धोखाधड़ी रोकी जा सके।

बैंक प्रबंधन ने शुरू की जांच

सूत्रों के अनुसार, शाखा प्रबंधक ने शिकायत मिलने के बाद संबंधित प्रज्ञा केंद्र से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, खाते की निकासी और ट्रांजेक्शन का मिलान कराया जा रहा है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि जांच पूरी होने पर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

न्यूज़ देखो: जनता के पैसों पर सवाल

यह मामला ग्रामीण क्षेत्रों में प्रज्ञा केंद्रों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने वाले इन केंद्रों पर यदि भरोसा उठ गया, तो डिजिटल सुविधा की मूल भावना ही कमजोर पड़ जाएगी। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई कर जनता के विश्वास को कायम रखे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

वित्तीय साक्षरता और सतर्कता ज़रूरी

आधुनिक दौर में डिजिटल सेवाओं का उपयोग बढ़ा है, लेकिन इसके साथ सतर्कता भी उतनी ही आवश्यक है। ग्रामीणों को अपने खाते से हर निकासी की जानकारी खुद जांचनी चाहिए और किसी भी अनियमितता की तुरंत शिकायत करनी चाहिए।
आइए, हम सब वित्तीय पारदर्शिता के इस प्रयास में शामिल हों। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और दूसरों को भी जागरूक करें ताकि कोई और धोखाधड़ी का शिकार न बने।

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Ravikant Kumar Thakur

चंदवा, लातेहार

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