
#लातेहार #संदिग्ध_मौत : राष्ट्रीय उच्च पथ किनारे मिले शव से क्षेत्र में मचा हड़कंप।
लातेहार जिले के रांची–मेदिनीनगर राष्ट्रीय उच्च पथ पर कीनामाड़ इलाके में एक युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। शव एक होटल के पास झाड़ियों के बीच पाया गया, जिसके समीप एक बाइक भी बरामद हुई है। पुलिस के अनुसार शव की आधिकारिक पहचान अभी नहीं हो सकी है, जबकि ग्रामीण इसे 19 दिनों से लापता मनोज उरांव का शव बता रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और एफएसएल टीम जांच में जुट गई है।
- किनामाड़ इलाके में एनएच किनारे झाड़ियों से युवक का शव बरामद।
- मौके से एक बाइक भी मिली, जिससे पहचान की कोशिश।
- शव को चंदवा थाना क्षेत्र के मनोज उरांव से जोड़ रहे ग्रामीण।
- तीन दिसंबर से था युवक लापता, पांच दिसंबर को दी गई थी सूचना।
- एफएसएल टीम को बुलाकर जांच शुरू, हत्या की आशंका।
लातेहार जिले में एक बार फिर संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव मिलने से इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है। रांची–मेदिनीनगर राष्ट्रीय उच्च पथ पर कीनामाड़ इलाके में एक होटल के पास झाड़ियों के बीच शव मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हलचल मच गई। घटनास्थल से एक बाइक भी बरामद की गई है, जिसे मृतक की पहचान से जोड़कर देखा जा रहा है।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। शव की स्थिति और घटनास्थल को देखते हुए प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है।
पुलिस को कैसे मिली सूचना
एसडीपीओ अरविंद कुमार ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा झाड़ियों के बीच एक अज्ञात शव पड़े होने की सूचना दी गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक शव की आधिकारिक शिनाख्त नहीं हो पाई है और सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
ग्रामीणों का दावा: मनोज उरांव का शव
हालांकि पुलिस पहचान को लेकर सतर्क है, लेकिन ग्रामीणों और परिजनों का दावा है कि बरामद शव चंदवा थाना क्षेत्र के बनहरदी ग्राम निवासी बालेश्वर उरांव के पुत्र मनोज उरांव का है। ग्रामीणों का कहना है कि बाइक के आधार पर शव की पहचान की गई है।
मौके पर पहुंची मृतक की पत्नी सोनी उरांव और उनके चाचा बिंदेश्वर उरांव ने बाइक को मनोज उरांव की बताते हुए उसकी पहचान की है। परिजनों का कहना है कि बाइक वही है, जिससे मनोज घर से निकला था।
तीन दिसंबर से था लापता
परिजनों के अनुसार मनोज उरांव तीन दिसंबर की शाम बनहरदी गांव से लातेहार में डेरा जाने की बात कहकर निकला था। लेकिन वह न तो लातेहार पहुंचा और न ही उसके बाद कभी घर लौटा। कई दिनों तक रिश्तेदारों और परिचितों के यहां तलाश करने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला।
जब काफी खोजबीन के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली तो पांच दिसंबर को चंदवा थाना में उसकी गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई गई थी।
हत्या की आशंका जता रहे परिजन
शव मिलने के बाद परिजनों ने आशंका जताई है कि मनोज उरांव की हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया है। उनका कहना है कि जिस स्थान पर शव मिला है, वह सुनसान इलाका है और वहां इस तरह शव का मिलना सामान्य दुर्घटना नहीं लगती।
परिजनों का आरोप है कि यदि समय रहते पुलिस ने गुमशुदगी मामले में ठोस कार्रवाई की होती, तो शायद मनोज की जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस जांच में जुटी, एफएसएल टीम बुलाई गई
शव मिलने की सूचना पर एसडीपीओ अरविंद कुमार, चंदवा थाना प्रभारी रणधीर सिंह और लातेहार थाना प्रभारी रामाकांत गुप्ता मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्यक साक्ष्य जुटाए गए।
लातेहार थाना प्रभारी रामाकांत गुप्ता ने बताया:
“एफएसएल टीम को बुलाया गया है। जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बरामद शव मनोज उरांव का है या नहीं। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।”
पहले भी हो चुका था सड़क जाम
गौरतलब है कि मनोज उरांव के लंबे समय तक लापता रहने से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने 15 दिसंबर को सिकनी के पास एनएच-39 को जाम कर दिया था। उस दौरान परिजनों ने पुलिस से जल्द से जल्द मनोज का पता लगाने की मांग की थी।
सड़क जाम के बाद पुलिस ने जांच तेज करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब शव मिलने से पूरे मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है।
क्षेत्र में भय और आक्रोश
शव बरामद होने की खबर फैलते ही आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर युवक की मौत कैसे हुई और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। ग्रामीणों ने निष्पक्ष और तेज जांच की मांग की है।
न्यूज़ देखो: सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
किनामाड़ में युवक का शव मिलना सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। गुमशुदगी की सूचना के बाद भी युवक का सुराग न मिलना और अब संदिग्ध हालात में शव मिलना जांच एजेंसियों की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाता है। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी सच्चाई सामने ला पाती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सच्चाई सामने आना जरूरी है
किसी भी परिवार के लिए अपनों को खोना सबसे बड़ा दर्द होता है। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई ही लोगों का भरोसा कायम रख सकती है। यदि आप भी मानते हैं कि इस मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए, तो अपनी राय साझा करें। खबर को आगे बढ़ाएं, ताकि न्याय की आवाज मजबूत हो सके।





