
#बरवाडीह #जनसमस्या : प्रशासनिक उदासीनता के चलते केड चौक पर अलाव की सुविधा नहीं।
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड अंतर्गत केड पंचायत के मुख्य केड चौक पर कड़ाके की ठंड के बावजूद अब तक अलाव की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड से बचाव के लिए मजबूर होकर स्थानीय ऑटो चालकों ने चंदा कर अलाव जलाया। प्रशासन और पंचायत की निष्क्रियता के कारण राहगीरों, यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह स्थिति ठंड के मौसम में बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करती है।
- केड पंचायत के मुख्य चौक पर अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं।
- कड़ाके की ठंड में राहगीर और यात्री हो रहे परेशान।
- ऑटो चालकों ने चंदा कर स्वयं अलाव की व्यवस्था की।
- पंचायत और प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल।
- स्थानीय लोगों ने अविलंब अलाव व्यवस्था की मांग की।
बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित कर रखा है। खासकर सुबह और शाम के समय ठंड का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, लेकिन केड पंचायत के मुख्य केड चौक पर यह सुविधा अब तक नदारद है।
राहगीरों और यात्रियों की बढ़ी परेशानी
केड चौक बरवाडीह प्रखंड का एक प्रमुख मार्ग है, जहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या में राहगीर, ग्रामीण, यात्री और ऑटो चालक आवागमन करते हैं। ठंड के कारण सुबह-शाम यहां रुकना मुश्किल हो रहा है। राहगीरों का कहना है कि अलाव नहीं होने से शरीर सुन्न पड़ जाता है और लंबे समय तक रुकने में परेशानी होती है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ठंड के मौसम में प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है, लेकिन केड चौक को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
ऑटो चालकों ने संभाली जिम्मेदारी
प्रशासन की निष्क्रियता के बीच ऑटो चालकों ने मानवीय पहल करते हुए आपसी चंदा इकट्ठा कर अलाव जलाने की व्यवस्था की। ऑटो चालकों का कहना है कि यह कार्य पंचायत और प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन ठंड से बचाव के लिए उन्हें खुद आगे आना पड़ा।
मौके पर मौजूद अशोक यादव, छोटू यादव, बसंत यादव, सतेन्द्र यादव, जलेश्वर भुईयां, देवलाल यादव समेत अन्य ऑटो चालक और ग्रामीणों ने बताया कि ठंड में यात्रियों के साथ-साथ उन्हें भी घंटों चौक पर खड़ा रहना पड़ता है।
पंचायत और प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि केड पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और प्रखंड प्रशासन को इस समस्या की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई पहल नहीं की गई है। ठंड के इस मौसम में अलाव जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव प्रशासनिक संवेदनहीनता को दर्शाता है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि पंचायत स्तर पर तुरंत अलाव की व्यवस्था कराई जाए, ताकि राहगीरों और स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।
जनहित में त्वरित कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि जल्द ही सरकारी स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई, तो ठंड के कारण बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या केवल सुविधा की नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य से भी जुड़ी हुई है।

न्यूज़ देखो: बुनियादी सुविधाओं की कसौटी
केड पंचायत की यह स्थिति बताती है कि ठंड के मौसम में भी कई ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी हो रही है। अलाव जैसी न्यूनतम व्यवस्था न होना प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि पंचायत और प्रखंड प्रशासन इस जनसमस्या पर कितनी जल्दी संज्ञान लेता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ठंड में लापरवाही नहीं, संवेदनशीलता जरूरी
कड़ाके की ठंड में अलाव केवल सुविधा नहीं, बल्कि जरूरत है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को समय रहते जिम्मेदारी निभानी चाहिए। आप भी इस मुद्दे पर अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और स्थानीय समस्याओं की आवाज़ को मजबूत बनाएं।





